कोरबा: जिले के ग्राम बेला में डॉग टोनी ने अपनी मालकिन की जान भालुओं से बचा ली। अपनी मालकिन की रक्षा के लिए कुत्ता खुद से ज्यादा शक्तिशाली जानवर से भी लोहा लेने में नहीं हिचकिचाया और आखिरकार भालू भी उससे घबराकर भाग गया। इधर गंभीर रूप से घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला बालको वन परिक्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम बेला में भुंडुराम धनवार अपनी पत्नी मेहतरीन बाई और 4 बच्चों के साथ रहता है। दोनों पति-पत्नी मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। सोमवार को घर में चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी खत्म हो गई थी। जिसके बाद मेहतरीन बाई गांव के ही जलाशय के पास स्थित पहाड़ी पर लकड़ियां लेने गई थी।

गंभीर रूप से घायल महिला को डायल 112 से जिला अस्पताल ले जाया गया।
वो जंगल में लकड़ी चुन रही थी कि इसी दौरान झाड़ियों से निकलकर 2 भालुओं ने उस पर हमला कर दिया। महिला अपनी जान बचाने के लिए शोर मचाने लगी, लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा। तभी उसका पालतू कुत्ता टोनी मालकिन की जान मुसीबत में देखकर दोनों भालुओं से अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए भिड़ गया।
वह काफी देर तक भालुओं से खुद को बचाते हुए पलटवार करता रहा। आखिरकार दोनों भालू कुत्ते से डरकर जंगल की ओर भाग निकले। इधर महिला की चीखें और कुत्ते के भौंकने की आवाज सुनकर कुछ चरवाहे मौके पर पहुंचा। उन्होंने घटना की जानकारी गांव पहुंचकर महिला के पति भुंडुराम को दी। पति अपने परिजनों और गांववालों के साथ पहाड़ी पर पहुंचा। यहां महिला खून से लथपथ पड़ी थी।

गंभीर रूप से घायल महिला का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है।
उन्होंने घटना की सूचना डायल 112 को दी। जानकारी मिलने पर डायल 112 मौके पर पहुंची, लेकिन पहाड़ी के ऊपर गाड़ी ले जाना संभव नहीं था, इसलिए घायल महिला को चादर में लिटाकर वाहन तक लाया गया। इसके बाद महिला को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बालको वन परिक्षेत्राधिकारी जयंत सरकार ने बताया कि घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम भी अस्पताल पहुंची।
बालको वन परिक्षेत्राधिकारी जयंत सरकार ने बताया कि घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। घायल महिला से मुलाकात की गई है। फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को जंगल में अकेले नहीं जाने की हिदायत दी गई है, लेकिन वे नहीं मानते।
