Thursday, September 18, 2025

KORBA : सुशासन तिहार के तहत प्राप्त आवेदनों का गुणवत्ता पूर्ण करें निराकरण – कलेक्टर अजीत वसंत

  • भर्ती प्रक्रिया निर्धारित समय सीमा में करें पूर्ण
  • संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के दिए निर्देश
  • कलेक्टर  की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की बैठक आयोजित

कोरबा (BCC NEWS 24): कलेक्टर श्री अजीत वसंत की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए लक्ष्य की शतप्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सुशासन तिहार के तहत प्राप्त आवेदनों का गुणवत्ता पूर्ण निराकरण किया जाए। कोई भी आवेदन लंबित न रहे। कलेक्टर ने एनएचएम के भर्ती प्रक्रिया निश्चित समय सीमा में पूर्ण न करने पर संबंधितों के विरूद्ध कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश सीएमएचओं को दिए। उन्होंने जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं का समुचित क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि शत प्रतिशत संस्थागत सुरक्षित प्रसव कराएं जावे। कलेक्टर ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्वस्थ अमले को निर्देशित किया कि विशेष पिछड़ी जनजाति वाली ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता से टीबी मुक्त किया जाए।

समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस एन केशरी तथा समस्त कार्यक्रम नोडल अधिकारी,  डीपीएम,समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी, समस्त बीपीएम एवं विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। समीक्षा के दौरान सीएमएचओ डॉ एस एन केशरी  द्वारा समस्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लक्ष्य एवं उपलब्धि की जानकारी दी गई। कलेक्टर ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को अपने ड्यूटी टाइम में चिकित्सालय में उपस्थित रहकर मरीजों का इलाज करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने पीवीटीजी बसाहटों में  स्वास्थ्य शिविर लगाकर उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुचाने के निर्देश दिए। शिविर में उनका आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण, खून, शुगर, बीपी की जांच, आयुष्मान कार्ड बनाने आदि जैसे अनेक स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं से लाभांवित करने के लिए कहा। इन बसाहटों में टीबी मरीजों का कांटेक्ट ट्रेसिंग कर उन्हें दवाइयां, निक्षय मित्रों के माध्यम से तथा टेस्ट का रेशियो पूरा करने की बात कही। उन्होने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्र में आयुष्मान कार्ड एवं दिव्यांग प्रमाणपत्र प्राथमिकता से बनायें।

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि सभी केंद्रों में आवश्यक सभी दवाइयां की शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जिले में संस्थागत प्रसव की उपलब्धि की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने शत प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराने के निर्देश दिए। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सब हेल्थ सेंटर में संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने की बात कही। उन्होंने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा उप स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव अनिवार्य रूप से कराने के लिए कहा। इस हेतु मितानिनों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं का पंजीयन उनका नियमित स्वास्थ्य जांच एवं फालोअप लेने की बात कही। उन्होंने मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर में  कमी लाने हेतु आवश्यक सभी प्रयास करने की बात कही।  बैठक में कलेक्टर ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के अंतर्गत  दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की टीका,  कुष्ठ उन्मूलन, क्षय रोग,  टी.बी. एड्स, हाइपरटेंशन, अंधत्व निवारण, चश्मा वितरण, विटामिन दवा, मनोरोग चिकित्सा, लैब आन व्हील्स कार्यक्रम की भी समीक्षा करते हुए योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली।

उन्होंने सभी योजनाओं का शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने हेतु सभी अधिकारियों को व्यक्तिगत रुचि लेकर कार्य करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने डीएमएफ मद के तहत नियुक्त किए गये चिकित्सकों के ड्यूटी कार्य की जानकारी ली। उन्होंने डीएमएफ एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी रिक्त पदों पर शीघ्र ही भर्ती करने के निर्देश दिए। उन्होने चयनित चिकित्सक या अन्य अभ्यर्थियों के द्वारा ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने पर प्रतीक्षा सूची से अभ्यर्थियों का चयन करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित गायनकोलॉजिस्ट द्वारा उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की जांच स्वास्थ्य केंद्रो में समय पर सुनिश्चित की जाएं और उसका फॉलो अप ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर जरूर लेवें। कलेक्टर ने जिला आयुर्वेद अधिकारी को निर्देश दिए कि आयुष विभाग अंतर्गत ओपीडी और आईपीडी का संचालन जल्दी प्रारंभ कराया जाएं ताकि आम नागरिकों को लाभ मिल सके।

उन्होंने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य केंद्रों में डीएमएफ मद से स्वीकृत कार्यों को पूर्ण कराए। कलेक्टर ने शासकीय चिकित्सालयों में वेंडरों के द्वारा सप्लाई की गई चिकित्सा उपकरणों की जांच स्पेशिफिकेशन के अनुसार करने तथा सामग्री के टूट-फूट होन पर उसे वापस करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ उदय शर्मा को निर्देशित किया कि योग शिविर, जीवन पद्धति में सुधार, तनावमुक्त जीवन शैली के लिए श्रमिक बाहुल्य क्षेत्रों में लगाकर लोगों को लाभन्वित किया जाएं।



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