KORBA: कोरबा पुलिस ने सरकारी स्तर पर यूरेनियम सप्लाई का झांसा देकर कई लोगों से लाखों की ठगी करने के एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम मनीष दिव्य है। इस मामले में उसके एक साथी राजेंद्र दिव्या को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 3 और आरोपियों की तलाश पुलिस को है। मामला सीएसईबी चौकी क्षेत्र का है।
गिरफ्तार आरोपी मनीष दिव्य के कब्जे से पुलिस ने एक पिकअप सहित 7 वाहन और कई कीमती सामान जब्त किए हैं। बता दें कि कुछ युवक आरपी ग्रुप बनाकर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे। वे इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार के लोगो का इस्तेमाल भी कर रहे थे। वर्ष 2016 से इस तरह के काम कोरबा जिले और आसपास में किए गए।
पुलिस ने यूरेनियम सप्लाई का झांसा देने के मामले में अब तक 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
50 हजार रुपए निवेश करने पर एक करोड़ का फायदा होने का झांसा आरोपियों ने लोगों को दिया और उनके साथ धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया। बुधवारी बस्ती निवासी ज्योति प्रकाश सोनी और नंदेश्वर दास की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले में संज्ञान लिया और धोखाधड़ी करने वालों पर अपराध दर्ज किया।
मामला सीएसईबी चौकी क्षेत्र का है।
सीएसईबी पुलिस चौकी प्रभारी शिवकुमार धारी ने बताया कि बुधवार को आरोपी मनीष दिव्या को गिरफ्तार किया गया है। उसके कब्जे से एक पिकअप सहित 7 वाहन, नोट काउंटिंग मशीन, कलर प्रिंटर, लैपटॉप सहित कई सामान जब्त किए गए हैं।
आरोपी मनीष दिव्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
लाखों की चपत लगाकर फरार हुए अन्य आरोपियों की तलाश पुलिस कर रही है। उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। पुलिस ने एक बार फिर दोहराया कि धोखाधड़ी के पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है। फरार आरोपियों के नाम मेवा लाल, तूनेश्वर और भोला सोनी हैं।
आरोपी के कब्जे से 7 वाहन, नोट काउंटिंग मशीन, कलर प्रिंटर, लैपटॉप सहित कई सामान जब्त।
यूरेनियम डील का हवाला देकर आरोपियों ने लोगों को झांसा दिया था कि उन्हें 1 साल के भीतर करोड़पति बना दिया जाएगा। पुलिस ने बताया कि पीड़ित ज्योति सोनी से 1 लाख 35 हजार और नागेश्वर दास एवं उसके परिचितों से 55 लाख रुपए की ठगी की गई। इस काम को 5 लोगों ने मिलकर अंजाम दिया। सीएसईबी चौकी प्रभारी शिव कुमार धारी ने बताया कि जांच में पता चला कि ठग गिरोह सरकारी दस्तावेज तैयार कर यूरेनियम बेचे जाने के नाम पर कई लोगों से ठगी की है।
3 दिन पहले ग्रुप के डायरेक्टर बालको निवासी राजेंद्र दिव्य को रायपुर से गिरफ्तार किया गया था। आरोपी मनीष दिव्य को बुधवार को गिरफ्तार किया गया है, वहीं मेवा लाल साहू समेत 3 अन्य फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है। राजेंद्र दिव्य से पुलिस ने आरबीआई का फर्जी पत्र, ID और एक कार जब्त की थी। उसके पास से कई आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए थे। लगभग 10,000 से अधिक लोगों ने ग्रुप की सदस्यता ली थी।