Wednesday, October 8, 2025

कोरबा: रेल के लोकोपायलट से सौर ऊर्जा के रोल मॉडल बने शुकलाल सूर्यवंशी

  • सूरज बना साथी प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से घर हुआ रोशन, जीवन हुआ सरल

कोरबा (BCC NEWS 24): हर सुबह जब सूरज उगता है, तो उसके साथ नई उम्मीदें भी जन्म लेती हैं। आज वही सूरज देश के हर घर में आत्मनिर्भरता की नई किरण बनकर चमक रहा है प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रारंभ की गई “प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” के रूप में। यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक “ऊर्जा क्रांति” है, जो भारत को ऊर्जा उपभोक्ता से ऊर्जा उत्पादक राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रही है। इस योजना ने आम नागरिक के जीवन में बदलाव की वह कहानी लिखी है, जिसकी शुरुआत छत से होती है और जिसका उजाला पूरे घर को प्रकाशित कर देता है। अब हर घर की छत बिजली उत्पादन का केंद्र बन रही है, और लोग न केवल अपने घरों को रोशन कर रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेजकर पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक बचत दोनों में योगदान दे रहे हैं।

छत्तीसगढ़ इस उजाले की यात्रा में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ तेजी से कदम बढ़ा रहा है और यही कारण है कि आज हजारों परिवार बिजली बिल से मुक्त होकर आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिख रहे हैं। राज्य सरकार ने राज्य में इस योजना को गति देने के लिए प्रभावी रणनीति अपनाई है। पात्र परिवारों को आवेदन से लेकर इंस्टॉलेशन तक पूर्ण मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इसके साथ ही, सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में हस्तांतरित की जा रही है, जिससे पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित हुआ है। राज्य में आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, ताकि कोई भी पात्र नागरिक योजना से वंचित न रहे। डिजिटल पोर्टल, हेल्पडेस्क और जनसहयोग केंद्रों के माध्यम से लोगों को समयबद्ध सहायता प्रदान की जा रही है।

इन्हीं प्रेरणादायक कहानियों में से एक है कोरबा जिले के खरमोरा निवासी श्री सुकलाल सूर्यवंशी की। जो भारतीय रेल में लोकोपायलट के रूप में कार्यरत श्री सूर्यवंशी ने जब टीवी विज्ञापन के माध्यम से इस योजना के बारे में जाना, तो उन्होंने बिना देर किए इसे अपनाने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के अंतर्गत उन्हें ₹78,000 की केंद्रीय सब्सिडी प्राप्त हुई और उन्होंने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल स्थापित कराया।

श्री सूर्यवंशी का कहना है कि अब उनका घर पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर है। पंखे, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, वाटर पंप, कूलर सभी उपकरण सौर ऊर्जा से सहज रूप से चल रहे हैं। उन्होंने कहा  “अब मेरे घर की छत ही मेरी ऊर्जा का स्रोत बन गई है। सूरज की किरणों से मिलने वाली यह स्वच्छ ऊर्जा न केवल बचत का माध्यम है, बल्कि आत्मनिर्भरता और गर्व का प्रतीक भी है।“

उन्होंने यह भी बताया कि योजना की जानकारी और सहायता उन्हें जिला प्रशासन और स्थानीय विद्युत एजेंसी से सहज रूप में मिली। अब उन्हें न केवल आर्थिक राहत मिली है, बल्कि बिजली बिल भुगतान की चिंता भी समाप्त हो गई है।

श्री सुकलाल सूर्यवंशी जैसे लाभार्थी आज देश के उन नागरिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना को अपनाकर अपने जीवन में वास्तविक बदलाव लाया है। यह केवल बिजली की बचत नहीं, बल्कि एक नई सोच का प्रतीक है “अपनी ऊर्जा, अपने घर से।” उनकी कहानी यह संदेश देती है कि जब नागरिक योजनाओं को अपनाने की पहल करते हैं, तो विकास के लक्ष्य सहज ही साकार हो जाते हैं। आज उनका घर आत्मनिर्भर है, पर्यावरण सुरक्षित है, और परिवार में स्थायी खुशहाली है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शी नीतियों और जनहितैषी योजनाओं से आज आम नागरिक सशक्त और आत्मनिर्भर बन रहा है।

प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना आज भारत के ऊर्जा परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। यह न केवल बिजली की उपलब्धता बढ़ा रही है, बल्कि नागरिकों को स्वच्छ ऊर्जा के प्रति जागरूक भी बना रही है।



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