कोरबा (BCC NEWS 24): जिला कांग्रेस अध्यक्ष (ग्रामीण) सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि सरकार धान नहीं खरीदने का षड्यंत्र कर रही है। इस सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह किसानों से धान खरीदी कम करना चाहती है। इस बार 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है। इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय निर्धारित है। शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटाकर कुल 47 दिन मिल रहे हैं। इसका मतलब यह है कि प्रति दिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन की खरीदी करनी होगी, तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा। वर्तमान में जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा। सोसायटियों को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है। ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है।
श्री जायसवाल ने कहा कि सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को धान बेचे थे, उनके खाते के रकम नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है, सिर्फ 2300 रू. प्रति क्विंटल ही आ रहा है। (जो समर्थन मूल्य है उतना) अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा है जिसके आधार पर 9 से 14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा। किसानों से 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा। सोसायटी में बारदाना की कमी है किसान परेशान हैं। सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये और 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री जायसवाल ने बताया कि धान खरीदी केन्द्रों में टोकन जारी नहीं किया जा रहा है। ऑनलाइन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नहीं मिल रहा है। धान की कीमत का भुगतान 3217 रू. में करें क्योंकि 3100 रू. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष (शहर) सपना चौहान ने कहा कि धान मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रूपए देने का निर्णय लिया था। जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेश भर में 700 नईं राइस मिलें खुली थी। अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रूपए को घटाकर 60 रूपए कर दिया है। इस कारण राईस मिलर हड़ताल पर है धान सोसायटी में जाम है। मिलरों को 120 की जगह 60 रुपए देने के फैसले के बाद विभिन्न जिलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मिलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे।
(Bureau Chief, Korba)