कोरबा: जिले के ग्राम कनकी में शनिवार को आकाशीय बिजली गिरने से आधा दर्जन प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई। वहीं मेले में मनिहारी की दुकान लगाने पहुंचा एक व्यापारी भी गंभीर रूप से झुलस गया। उसका इलाज शहर के निजी अस्पताल में जारी है।
जानकारी के मुताबिक, प्रसिद्ध कनकेश्वर धाम में इन दिनों प्रवासी पक्षी एशियन बिल्ड स्टार्क आए हुए हैं। ये इनका प्रजनन काल होता है। प्रजनन के बाद वे वापस लौट जाते हैं। इन पक्षियों को कोरबा के लोग काफी शुभ मानते हैं। इधर शनिवार को कोरबा का मौसम अचानक बदल गया। यहां गरज-चमक के साथ बारिश होने लगी।
इसी बीच पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी और इस पर बैठे आधा दर्जन प्रवासी पक्षी इसकी चपेट में आ गए। इन पक्षियों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं आकाशीय बिजली से करतला निवासी नीलकंठ केवट की मनिहारी की दुकान में आग लग गई, जिससे वो झुलस गया। उसका इलाज निजी अस्पताल में जारी है।
ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग की लापरवाही से घटना हुई है। उन्होंने कहा कि प्रवासी पक्षियों के संरक्षण की दिशा में विभाग को जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।

आकाशीय बिजली से मेले में मनिहारी की दुकान लगाने पहुंचा एक व्यापारी भी गंभीर रूप से झुलस गया है।
लोग मानते हैं प्रवासी पक्षियों को शुभ
कनकी गांव में रहने वाले लोग प्रवासी पक्षी एशियन बिल्ड ओपन स्टार्क को काफी शुभ मानते हैं। सात समंदर पार कर पक्षी प्रजनन के लिए यहां पहुंचते हैं। ग्रामीण उन्हें मानसून और खुशियों का संदेश लेकर आने वाले देवदूत मानते हैं। कनकी में प्राचीन शिव मंदिर के आसपास पेड़ों को अपना आसरा बनाते हैं।
दिवाली के आसपास जब इनके अंडों से बच्चे हो जाते हैं, तब उन्हें लेकर ये लौट जाते हैं। पक्षी हर साल बैसाख में ही आते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ये पक्षी लगभग 100 साल पहले से यहां अपने प्रजनन काल के समय आते हैं। हसदेव नदी के किनारे बसे कनकी इन प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल परिस्थिति देता है। गांव में कई तालाब भी हैं। इनके आने का मतलब होता है कि बारिश कुछ ही दिन में आने वाली है।
इसलिए कहा जाता है प्रवासी पक्षी
एशियन ओपन बिल स्टार्क भारत उपमहाद्वीप के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशिया के चीन, ऑस्ट्रेलिया, कंबोडिया, थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, म्यांमार, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर में पाए जाते हैं। भारत में इसे घोंघिल के रूप से जाना जाता है।
