कोरबा: जिले में केबल व्यवसायी अरविंद सिंह पनवार को गन प्वाइंट पर अगवा कर लिया गया। प्रदेश के शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया और उनके परिवार के खिलाफ मध्यप्रदेश के व्यापारी ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामला मानिकपुर चौकी क्षेत्र का है।
बताया जा रहा है कि दर्री थाने में दर्ज एक मामले को वापस लेने का दबाव बनाते हुए केबल व्यवसायी को अपहरणकर्ता अपने साथ बिलासपुर ले गए, जहां उसे एक होटल में ठहराया गया। दूसरे दिन व्यवसायी और उसके साथी को टैक्सी से भोपाल ले जाया गया। यहां अधिवक्ता द्वारा पहले से तैयार किए गए दस्तावेजों पर दस्तखत करा लिया गया। मामले में व्यवसायी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक, 63 न्यू देवास रोड इंदौर मध्यप्रदेश में अरविंद सिंह पनवार निवास करता है। उसने मानिकपुर चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसके मुताबिक वह केबल व्यवसाय के सिलसिले में कोरबा आया हुआ था। वह 9 अप्रैल की रात एक होटल में ठहरा था, जहां निलेश दुबे नाम के युवक ने व्यवसाय से जुड़े कुछ अन्य लोगों से मोबाइल पर कॉन्फ्रेंस में बातचीत कराई। उन्होंने दर्री थाने में दर्ज केस को वापस लेने को कहा। उन्होंने होटल के बाहर कुछ लोगों को भेजे जाने की बात कही। उनके पास रखे दस्तावेजों पर दस्तखत करने कहा।
पीड़ित ने बताया कि जब वो होटल से बाहर निकले, तो सफेद स्कॉर्पियो खड़ी मिली। उसमें सवार युवकों ने दस्तावेज को पढ़ने के बहाने वाहन में बिठा लिया। इस बीच गाड़ी में पहले से सवार मुरारी नाम के व्यक्ति ने उसे गन प्वाइंट पर ले लिया। वे अगवा किए जाने की बात कहते हुए वाहन में बिठाकर बिलासपुर ले गए। वे रास्ते में भी केस को वापस लेने का दबाव बनाते रहे, जिससे अरविंद सिंह पनवार बुरी तरह घबरा गया। उसे बिलासपुर के एक होटल में ठहराया गया। दूसरे दिन मुरारी ने कोरबा होटल की चाबी ले ली। उनके कहने पर होटल में ठहरे साथी को तबीयत खराब होने की जानकारी दी।
पीड़ित ने बताया कि इसके दूसरे दिन टैक्सी से जबलपुर के बाद भोपाल भेजा गया, जहां पहले से अधिवक्ता ने दस्तावेज तैयार किया हुआ था। दस्तखत नहीं करने पर उसे और उसके परिवार को मरवा देने की धमकी दी गई थी, लिहाजा अधिवक्ता से मिले सारे दस्तावेज पर उन्होंने दस्तखत कर दिया। इन दस्तावेजों में दर्री थाने में दर्ज प्रकरण के कागजात भी थे। शिकायत मिलने पर पुलिस ने अमोलक सिंह भाटिया, प्रिंस भाटिया, सोना भाटिया, बबलू भाटिया, मुरारी व अन्य के खिलाफ धारा 365, 384, 386, 506, 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया है। सिटी कोतवाली के निरीक्षक रूपक शर्मा ने कहा कि मामले की शिकायत मिली है, जिस पर जांच की जा रही है।
ये है पूरा मामला
मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में केबल का व्यवसाय करने वाले पीड़ित व्यापारी अरविंद सिंह पनवार के कहना है कि समझौते की बात कहकर उनके पास अमोलक सिंह भाटिया ने अपना आदमी भेजा था। उसने स्कार्पियो में बैठकर गन तान कर कहा कि तुम किडनैप हो गए हो। इसके बाद उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर एफआईआर वापस लेने एफआईआर पर साइन करा लिया।
इसमें बताया है कि उन्हें पूर्व में दर्री थाने में सेटअप बाक्स की क्लोनिंग और फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी की शिकायत की थी। इस मामले में कोरबा के 15 केबल संचालकों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। पनवार का कहना है कि इस मामले की जांच में अमोलक सिंह भाटिया और बबलू सिंह भाटिया की संलिप्तता भी पाई गई थी। इसके बाद से उन्हें रिपोर्ट वापस लेने के लिए धमकियां मिलने लगीं।
व्यवसायी ने बताया कि वे 9 अप्रैल को कोरबा के एक होटल में ठहरे थे। इस दौरान उनके परिचित दिनेश दुबे ने फोन किया और कॉन्फ्रेंस कॉल में गुरविंदर भाटिया, प्रिंस भाटिया और सोना भाटिया से बात कराई। इन्होंने दर्री में दर्ज मामले को वापस लेने के लिए कहा। अरविंद सिंह ने मना कर दिया। इस पर उन लोगों ने पेपर लेकर एक कर्मचारी को होटल भेजने की बात कही। वे होटल से बाहर आए तो कुछ दूर पर सफेद रंग की स्कार्पियो खड़ी थी। पास अपने पर गाड़ी के अंदर बैठक पर पेपर पढ़ने को कहा। वे जैसे ही वाहन में गए, उस आदमी ने उन्हें किडनैप कर लिया।