Thursday, April 25, 2024
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BCC News 24: कोरबा- राजस्व मंत्री जयसिंह के प्रयासों से कोरबा मेडिकल कॉलेज को मिली मान्यता

  • अब अपने शहर में रहकर ही एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकेंगे कोरबा के युवा

कोरबा (BCC NEWS 24): प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के संघर्ष और सतत प्रयासों के बूते कोरबा को उसका मेडिकल कॉलेज मिल गया। नेशनल मेडिकल काउंसिल ने कोरबा मेडिकल कॉलेज को मान्यता प्रदान कर दी है। कोरबा की जनता को लंबे समय से इस सुखद घड़ी का इंतजार रहा, जो पूरा हुआ। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल के आग्रह पर इस बहुप्रतीक्षित मांग को प्रमुखता से लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इसके बाद से इस परिकल्पना को धरातल पर लाने श्री अग्रवाल लगातार जुटे रहे। इस बीच उन्होंने लाइफ लाइन एक्सप्रेस के मंच से यह मांग दोहराई। इसके बाद उन्होंने मेडिकल कॉलेज की सौगात देने कोरबा दौरे पर आए मुख्यमंत्री श्री बघेल के समक्ष खुले मंच से मांग रही। वे यहीं न रुके और मान्यता को लेकर आ रही तकनीकी देरी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से सौजन्य मुलाकात कर यथाशीघ्र मान्यता प्रदान करने का आग्रह भी किया। इन प्रयासों का सुखद परिणाम रहा, जो मान्यता मिल गई और अब कोरबा के युवा अब अपने शहर में ही रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकेंगे।

प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि जिले के कोरबा जिले के विकास कार्य दलगत राजनीति से ऊपर रहकर करने का उनका संकल्प अब पूरा होता दिख रहा है। क्षेत्र के लोगों ने भरपूर प्यार और विश्वास दिया, जिसके बूते उन्होंने कोरबा मेडिकल कॉलेज के वर्षों पुराने सपने को पूरा होता देखने में सफलता पाई है। उल्लेखनीय होगा कि करीब ढाई साल पहले फरवरी 2020 में नवा छत्तीसगढ़ के कोरबा में प्रस्तावित नौवें मेडिकल कॉलेज को दिल्ली से हरी झंडी दी गई थी। राज्य शासन से भेजे गए ड्राफ्ट पर केंद्र सरकार की ओर से सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई और इसके बाद अधोसंरचना समेत अन्य आवश्यक संसाधनों की जुगत सुनिश्चित करने के बाद नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की टीम ने कोरबा मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। इस बीच प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने लाइफ लाइन एक्सप्रेस के खुले मंच से पहले दौरे पर आए कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव से मेडिकल कॉलेज कोरबा की झोली में डालने की गुजारिश की थी, जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया था, कि जब कभी प्रदेश में नया मेडिकल कॉलेज खुलेगा, लिस्ट में कोरबा का नाम सबसे ऊपर रहेगा। इसके बाद सरकार की ओर से कोरबा में कॉलेज शुरू करने की संभावनाएं बनाते हुए तैयारी तेज कर दी गई थी। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (डीएमई) स्तर पर ड्राफ्ट तैयार मुख्यमंत्री को प्रस्तुत गया और वहां से मोहर लगते ही उसे स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार के समक्ष भेज दिया गया था। जिले में कोरबा मेडिकल कॉलेज को प्रदेश के 9वें मेडिकल कॉलेज के रूप में स्वीकृति दी गई थी, जिसके धरातल पर आने का इंतजार बड़ी ब्रेसब्री से किया जा रहा था। इस उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत व कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने भी काफी प्रयास किए और ऊर्जानगरी के युवाओं के लिए किया गया संघर्ष फलीभूम हुआ।

डीएमएफ से 350 करोड़ व 350 बिस्तर उपलब्ध
मेडिकल कॉलेज खोलने व संचालन के लिए जिला प्रशासन ने डीएमएफ से साढ़े 3 सौ करोड़ का प्रस्ताव दिया था। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए इंदिरा गांधी सौ शैया जिला चिकित्सालय के 120 बिस्तर के साथ ही ऊपरी तल पर अतिरिक्त कमरा बनाकर बेड संख्या बढ़ाई गई है। इसके साथ ही पीपीपी मॉडल से बने ट्रामा सेंटर के 50 बिस्तर को भी इसमें शामिल कर 350 बिस्तर की उपलब्धता बताई गई है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सर्जरी, गहन चिकित्सा, जांच एवं अत्याधुनिक उपकरणों की सुविधा बढ़ाते हुए मरीजों की हर जरूरत के अनुरूप अपग्रेड किया गया। एनएमसी के निर्धारित मापदंडों के अनुरूप तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए मान्यता हासिल की गई है।

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