Monday, December 23, 2024
              Homeछत्तीसगढ़कोरबाKORBA : ईंट उठाने वाले हाथों में है अब चाक, नौकरी से...

              KORBA : ईंट उठाने वाले हाथों में है अब चाक, नौकरी से बदलेगा पहाड़ी कोरवा का भाग्य

              • नौकरी के साथ ही पहाड़ी कोरवा सागर की सज गई नई उम्मीदें
              • पहले हाजिरी-मजदूरी करता था, अब शिक्षक के रूप में निभा रहे जिम्मेदारी

              कोरबा (BCC NEWS 24): पहाड़ी कोरबा सागर कुछ माह पहले तक एक मजदूर ही था। हाथ में कुछ काम नहीं होने की वजह से वह गाँव में एक ठेकेदार के पास जाकर ईंट ढोने का काम किया करता था। इससे उन्हें जी भर के परिश्रम करनी पड़ती थी और पैसे भी कम मिलते थे। घर में माता-पिता की जिम्मेदारी उठाने और अपना खर्च निकालने के लिए सागर को यह काम हर हाल में तब भी करना पड़ता था जब कभी उसके हाथ-पाँव में दर्द होते थे। वह चाहकर भी ऐसी नौकरी नहीं कर पा रहा था जिससे उसका ईंट ढोने के कार्य से पीछा छूटे…। पहाड़ी कोरवा सागर के लिए रोजी-रोटी की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बन गई थी क्योंकि उनके हाथों को हर दिन काम मिल जाए यह भी जरूरी नहीं था। इसी बीच मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जब जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के योग्य बेरोजगार युवकों को नौकरी देने की शुरुआत की गई तो पहाड़ी कोरवा सागर ने भी अपना आवेदन जमा किया। पहाड़ी कोरवा सागर के दस्तावेजों की जाँच के पश्चात उसका चयन कर लिया गया। विषम परिस्थितियों में रहकर गरीबी के बीच मजदूरी करने वाला पहाड़ी कोरवा सागर के हाथ से अब कोई ईंट नहीं उठता बल्कि इन्हीं परिश्रमी हाथों को चाक और किताबों का साथ मिल गया है। पहाड़ी कोरवा सागर अब प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों को शिक्षा देकर आगे बढ़ने का संदेश दे रहा है।

              कोरबा ब्लॉक के ग्राम चीतापाली में पदस्थ पहाड़ी कोरवा सागर ने बहुत संघर्षों से बारहवीं पास किया। इस बीच कोई काम नहीं होने की वजह से वह अपने पिता की तरह मजदूरी का काम करने लगा। जंगल से निकलकर पहले पढ़ाई फिर मजदूरी करना और घर का खर्च उठाना यह सब उसके संघर्षमय जीवन की कहानी थी। सागर ने बताया कि पिताजी सहित उनके परिवार के अधिकांश सदस्य बहुत गरीब है और उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह बारहवीं तक की पढ़ाई कर पायेगा। सागर ने बताया कि 2022 में 12वीं पास करने के बाद उन्हें मजदूरी करनी पड़ती थी। इस बीच ट्रैक्टर में ईंट उठाकर डालने और उसे ढो कर उतारने का काम करना पड़ता था। इस बीच शरीर में दर्द होने के बाद भी काम करना पड़ता था। सागर ने बताया कि उन्हें यकीन नहीं होता कि वह शिक्षक बन गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा हम पहाड़ी कोरवाओं को नौकरी देकर बहुत बड़ा उपकार किया गया है। उन्होंने बताया कि नौकरी लगने से घर-परिवार से लेकर रिश्तेदारों और समाज में खुशी का वातावरण है। पहाड़ी कोरवा सागर का कहना है कि अब उसकी पूरी दिनचर्या बदल गयी है। स्कूल में पढ़ाने के साथ ही बहुत कुछ सीखने को भी मिल रहा है जो आने वाले समय में अपने बच्चों को सिखाने के काम आएंगे। स्कूल में टाइम के अनुसार उन्हें पढ़ाना होता है। इस कार्य से उसे बहुत खुशी महसूस हो रही  है। वह कहता है कि नौकरी भले ही उन्हें डीएमएफ से मानदेय आधार पर मिली है लेकिन यह उसकी खुशियों की वह सीढ़ी है जिससे आने वाले कल का नया भविष्य तैयार हो पायेगा और आर्थिक स्थिति भी मजबूत बन पाएगी।




                    Muritram Kashyap
                    Muritram Kashyap
                    (Bureau Chief, Korba)
                    RELATED ARTICLES
                    - Advertisment -

                          Most Popular