Friday, April 26, 2024
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कोरबा: सरकारी अस्पताल में लाश के साथ मरीज.. मेडिकल कॉलेज में पूरी रात बिस्तर पर बिना ढंके रहा शव, डरकर जागते रहे दूसरे पेशेंट

कोरबा (BCC NEWS 24): जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार दोपहर बाद एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद भी अस्पताल के स्टाफ ने उसकी लाश को बिस्तर से नहीं हटाया, बल्कि वहां अन्य मरीजों के साथ ही शव बिना ढंके हुए पड़ा रहा। अन्य मरीज और उनके परिजन रातभर एक शव के साथ डरकर पड़े रहे। उन्होंने अस्पताल के स्टाफ से शव को हटाने के लिए कहा, लेकिन उनकी बात पर किसी कर्मचारी ने ध्यान नहीं दिया।

मामले की जानकारी मीडियाकर्मियों को भी हुई। मीडिया के हस्तक्षेप के बाद शनिवार तड़के लाश को लोगों के बीच से हटाया गया। वहीं मरीज और उनके परिजनों ने कहा कि वे लाश के साथ ही रहने को मजबूर थे। बार-बार शिकायत करने के बाद भी कोई शव को नहीं हटा रहा था। कुछ मरीज जो कमजोर दिल के थे, उन्होंने भगवान का नाम लेकर पूरी रात गुजारी। इसके अलावा अस्पताल के स्टाफ ने शव के ऊपर कपड़ा तक नहीं डाला, बल्कि बॉडी को बिना ढंके उसके बिस्तर पर ही रहने दिया।

लाश बिस्तर पर पड़ी हुई।

लाश बिस्तर पर पड़ी हुई।

मरीजों के परिजनों ने बताया कि लाश जिस बेड पर पड़ी थी, उसी के बगल वाले बिस्तर पर दूसरे व्यक्ति का इलाज चल रहा था। यहां जटगा निवासी सिदार राम को भर्ती कराया गया था। सिदार राम ने कहा कि बुजुर्ग के साथ कोई नहीं था। मौत दोपहर के तुरंत बाद हो गई, लेकिन शव को शनिवार तड़के हटाया गया। तब तक का समय उनके लिए काटना बेहद मुश्किल रहा। यहां भर्ती महिला, बुजुर्ग और बच्चे सहमे से रहे।

लाश देखकर डर गए कुछ मरीज।

लाश देखकर डर गए कुछ मरीज।

इस मामले में जब जिला मेडिकल कॉलेज के डीन से जानकारी ली गई, तो उन्होंने कहा कि ये शर्मसार करने वाली घटना है और दो सदस्यीय टीम बनाकर दो दिन के अंदर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग लावारिस हालत में रेलवे स्टेशन के पास मिला था। किसी व्यक्ति ने उसे वहां पड़ा हुआ देखकर 108 एंबुलेंस को सूचना दी थी। जिसके बाद उसे रेलवे स्टेशन के पास से जिला मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। फिलहाल शव को मर्च्युरी में रखवा दिया गया है। पुलिस को भी सूचना दे दी गई है। पुलिस उसके परिजनों की तलाश कर रही है।

वार्ड में थे कई मरीज और उनके परिजन।

वार्ड में थे कई मरीज और उनके परिजन।

इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन ने जिला अस्पताल चौकी पुलिस को मर्ग मेमो भेजा है। जिला अस्पताल चौकी प्रभारी रविन्द्र जनार्दन ने पहचान के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। मृतक की मृत्यु का कारण डॉक्टरों ने सेप्टिक शॉक बताया है। मृतक की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है।

पुलिस ने कहा कि मृतक की उम्र करीब 65 वर्ष है। कद करीब 5 फीट, रंग सावला, चेहरा लंबा, बदन से कमजोर है। उसके सिर के बाल छोटे हैं और उसने सफेद हाफ शर्ट पहनी थी। दाएं हाथ की कोहनी से नीचे का भाग पहले से नहीं है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर लोगों को इस हुलिये से संबंधित किसी भी व्यक्ति की पहचान का पता है, तो वे पुलिस कंट्रोल रूम कोरबा में संपर्क करें।

जिला अस्पताल की घटना।

जिला अस्पताल की घटना।

क्या है सेप्टिक शॉक, जिससे मौत की बात डॉक्टरों ने कही है

सेप्टिक शॉक एक खतरनाक स्थिति है, जब मरीज के कई अंग एक साथ क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। ये स्थिति मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है। सेप्टिक शॉक एक गंभीर स्थिति है और यह तब होता है, जब किसी व्यक्ति का ब्लडप्रेशर किसी संक्रमण के बाद खतरनाक स्तर तक गिर जाता है। इस बीमारी में मरीज का ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है, जिससे बॉडी में सूजन आ जाती है। ये बीमारी इतनी खतरनाक है कि इसका असर बॉडी के महत्वपूर्ण अंगों पर पड़ता है। इससे ब्लड क्लॉट बनने लगते हैं। मरीज का ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक गिरने लगता है। इसमें शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते हैं। इस बीमारी की वजह से अंगों पर बेहद बुरा असर पड़ता है। अंग काम करना बंद कर सकते हैं। अंगों द्वारा काम करना बंद होने वाली स्टेज को सेप्टिक शॉक कहा जाता है, जिसकी वजह से मरीज की मौत तक हो सकती है।

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