Monday, December 29, 2025

              कोरबा: कनकी गांव में रसल वाइपर सांप का किया गया रेस्क्यू, वन विभाग और एनजीओ की टीम ने सुरक्षित जंगल में छोड़ा, छेड़छाड़ करने पर प्रेशर कुकर जैसी तेज आवाज निकालता है

              कोरबा: जिले के कनकी गांव में शुक्रवार रात करीब 12 बजे एक अत्यंत विषैला सांप रसेल वाइपर (Daboia russelii) देखा गया। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग और नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी की टीम ने इस विषैले सांप को सुरक्षित रूप से पकड़कर वन क्षेत्र में छोड़ दिया।

              ग्रामवासी गिरधारी लाल राजवाड़े ने बताया कि वह रात में बाथरूम के लिए घर से बाहर निकले थे, तभी उन्हें एक सांप दिखा। पहले उन्होंने इसे आम सांप समझा, लेकिन जब रौशनी पड़ने पर चमक दिखाई दी और सांप की फुर्ती देखी, तो शक गहराया। उन्होंने तुरंत स्नेक कैचर टीम को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर पहुंचकर टीम ने रसेल वाइपर को सुरक्षित पकड़ा और उसे वन क्षेत्र में छोड़ दिया।

              कई बार इसे लोग अजगर समझने की भूल करते हैं, जिससे दुर्घटना हो जाती है। यह सांप बहुत गुस्सैल होता है और छेड़छाड़ करने पर प्रेशर कुकर जैसी तेज आवाज निकालता है। सौभाग्य से इसका एंटी-वेनम भारत में उपलब्ध है और पॉलीवेलेंट एंटी-स्नेक वेनम बनाने में इसका उपयोग होता है।

              रेस्क्यू के दौरान ग्रामीणों को दी गई जानकारी

              रेस्क्यू टीम ने ग्रामीणों को सांप की पहचान, व्यवहार और सावधानी बरतने के तरीकों की जानकारी दी। यह भी बताया गया कि रसेल वाइपर जैसे सांप कृषि जैव संतुलन बनाए रखने में मददगार होते हैं क्योंकि वे चूहों की आबादी को नियंत्रित करते हैं।

              वन्यजीव से न करें छेड़छाड़

              एसडीओ आशिष खेलवार ने कहा कि, वन्यजीवों से सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा देना हमारी ज़िम्मेदारी है। डर या आक्रोश की जगह हमें उन्हें समझने और सम्मान देने की जरूरत है। अगर कोई वन्यजीव दिखे, तो उससे छेड़छाड़ न करें और तुरंत संबंधित विभाग को सूचना दें।

              जानिए विषैले रसेल वाइपर की खासियत

              रसल वाइपर भारत के चार प्रमुख विषैले सांपों में से एक है। इसका जहर हिमोटॉक्सिन होता है। छेड़छाड़ करने पर यह प्रेशर कुकर जैसी आवाज निकालता है। इसका एंटी वेनम भारत में उपलब्ध है। इसके काटने पर काटी हुई जगह पर सूजन आ जाती है। आंखों से खून निकलने लगता है। नाक और जीभ के नीचे दर्द होता है। इसका विष खून को जमने से रोकता है और ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है।


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