Monday, October 20, 2025

KORBA : छत से झरती रोशनी केवल घरों को नहीं, बल्कि भारत के भविष्य को कर रही प्रकाशित

  • सूर्यघर योजना से पर्यावरण संरक्षण की गारंटी और आत्मनिर्भर भारत का सपना हो रहा साकार

कोरबा (BCC NEWS 24): जब भारत आत्मनिर्भरता के मार्ग पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है, तब ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति का नाम बन चुकी प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने देश के हर घर को नई दिशा और नई पहचान दी है। पहले जहाँ सूरज केवल प्रकाश का स्रोत माना जाता था, आज वही सूरज लोगों की जीवनशैली, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण चेतना का हिस्सा बन गया है। योजना ने साबित कर दिया है कि ऊर्जा की असली शक्ति केवल बड़ी परियोजनाओं में नहीं, बल्कि हर नागरिक की छत पर बसने वाले सूर्यघर में छिपी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य देश के हर घर को “ऊर्जा आत्मनिर्भर” बनाना है। केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी, पारदर्शी आवेदन प्रक्रिया और सरल तकनीकी व्यवस्था ने इसे आम नागरिकों के लिए सहज बना दिया है। यह योजना केवल बिजली बचत तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक सशक्त अभियान है। इससे हर साल हजारों टन कार्बन उत्सर्जन में कमी हो रही है, जो जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने में योगदान दे रही है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में देश के करोड़ों परिवार इस योजना से जुड़कर न केवल आत्मनिर्भर बनें, बल्कि हरित भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाएँ।

राज्य ने इस योजना को जनआंदोलन का रूप दे दिया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य के सभी जिलों में इस योजना के माध्यम से मिली है। परिणामस्वरूप आज कोरबा जिले के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोग इस योजना से जुड़ रहे हैं और अपने घरों को “सौर ऊर्जा के घर” में बदल रहे हैं। जिले के दो नागरिक श्री शंकर पुरी और श्री टेकराम मरावी इस अभियान की सफलता के सजीव उदाहरण हैं। दोनों ने ही प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेकर न केवल अपने बिजली बिल को शून्य किया है, बल्कि अपने घरों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार और आत्मनिर्भर बना दिया है।

कोरबा जिले के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, दादर खुर्द में रहने वाले श्री शंकर पुरी बताते हैं कि पहले हर महीने बिजली का बिल आता था, बढ़ते खर्च के कारण परिवार के बजट पर असर पड़ता था। लेकिन जब उन्हें प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने बिना देर किए इस योजना में शामिल होने का निर्णय लिया। योजना की सरल प्रक्रिया और पारदर्शिता ने उन्हें आत्मविश्वास दिया। उन्होंने अपने घर की छत पर का सोलर पैनल लगाया, जिसके लिए उन्हें सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिली। अब उनका घर पूरी तरह सौर ऊर्जा से चल रहा है पंखे, लाइटें, फ्रिज और अन्य उपकरण सब सूरज की किरणों से संचालित हैं। वे कहते हैं अब सूरज ही हमारा बिजलीघर है। यह योजना हमारे जीवन में सच्चा बदलाव लेकर आई है।

वहीं श्री टेकराम मरावी, जो सीएसईबी में कार्यरत हैं, ने भी इसी योजना से अपनी छत को ऊर्जा केंद्र बना दिया। वे बताते हैं कि पहले हर महीने बिजली बिल आता था। लेकिन अब उनका घर पूरी तरह सौर ऊर्जा पर निर्भर है। उनका कहना है प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनाया है। अब हम बिजली के उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक हैं। यह गर्व की बात है कि हमारे घर की छत से ऊर्जा पैदा हो रही है। दोनों लाभार्थियों का अनुभव एक जैसी भावना को दर्शाता है सरकारी योजनाएँ जब सुलभ, पारदर्शी और लाभकारी होती हैं, तब वे केवल सुविधा नहीं, बल्कि आत्मविश्वास देती हैं।

प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि हर भारतीय की भागीदारी से चलने वाला हरित आंदोलन बन चुकी है। कोरबा जैसे औद्योगिक जिले में, अब हर घर ऊर्जा उत्पादन में सक्षम हो रहा है। यह बदलाव केवल तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का प्रतीक है। इस योजना के माध्यम से हर लाभार्थी ने यह महसूस किया है कि सूरज केवल रोशनी नहीं देता वह विश्वास, स्थिरता और सुरक्षा भी देता है। बिजली बिल में बचत के साथ-साथ इस योजना ने लोगों में पर्यावरण चेतना और सस्टेनेबल जीवनशैली की समझ बढ़ाई है। अब लोग समझने लगे हैं कि ऊर्जा की असली आज़ादी तभी है, जब हर घर अपनी छत से ऊर्जा उत्पन्न कर सके। आने वाले वर्षों में जब हर घर सूरज की किरणों से रोशन होगा, तब भारत न केवल बिजली में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि स्वच्छ, हरित और समृद्ध राष्ट्र के रूप में विश्व मंच पर उदाहरण बनेगा।



                                    Hot this week

                                    Related Articles

                                    Popular Categories