Tuesday, September 16, 2025

KORBA: जिले का सबसे पुराना विद्यालय, 662 लाख रूपये की लागत से सर्वसुविधायुक्त बन कर कोरबा के भाग्य और भाग्यविधाताओं को समर्पित.. जयसिंह ने कहा- यह निर्माण मेरे जीवन का सबसे सुखद और संतुष्ट करने वाला कार्य

कोरबा (BCC NEWS 24): कोरबा का सबसे पुराना हायर सेकेण्डरी स्कूल (आदिवासी स्कूल) पुराना कोरबा आज सर्वसुविधायुक्त बनकर कोरबा का सबसे आदर्श भवन के रूप में कोरबा विधायक एवं राजस्व मंत्री तथा इस विद्यालय का पूर्व छात्र जयसिंह अग्रवाल के हाथों कोरबा के भाग्य और भाग्यविधाताओं को समर्पित किया गया। 662 लाख रूपये की लागत से इस भवन को श्री अग्रवाल ने अपनी निगरानी में बनवाया, ताकि यहां पढने वाले विद्यार्थी और विद्यार्थियों को गढ़ने वाले गुरूजनों को सभी सुविधाएं मिल सके।

आज इस भवन को लोकार्पित करते हुए जयसिंह अग्रवाल की आँखों में अलग ही चमक दिखाई दे रही थी।श्री अग्रवाल ने इसी विद्यालय में पढ़ा, तब यह विद्यालय खपरैल का हुआ करता था और जमीन मे बैठकर गुरूजनों के सानिध्य में आगे बढ़े और एक आम विद्यार्थी से लेकर गुरूजनों के आशीर्वाद से राजस्व मंत्री के पद तक पहुंचे। इस विद्यालय को समर्पित करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि इस विद्यालय भवन के निर्माण से मुझे इतनी खुशी मिली, जिसका बयान वाणी से नहीं हो सकती। यह कार्य मेरे जीवन को सबसे ज्यादा खुशी देने वाला हैं। अब इस भवन में विद्यार्थी और गुरूजन अध्ययन और अध्यापन अच्छी तरह से अच्छे माहौल में कर सकेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि-प्यारे बच्चों ! गुरूजनों का हमेशा आदर करना क्योंकि इनके ही आशीर्वाद से जीवन में सफलता मिलती है। जीवन में कभी भी अनुशासन और सम्मान जैसे शब्द को दरकिनार मत करना, क्योंकि ये दो शब्द ही आपको अपनी मंजिल तक पहुंचायेंगे।

महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि यह भव्य और सर्वसुविधायुक्त भवन हमारे मंत्री जयसिंह अग्रवाल का ड्रीम प्रोजेक्ट था जो अब पूरा हुआ। यह भवन सिर्फ भवन ही नहीं बल्कि शिक्षा का एक बड़ा मंदिर है और इस विद्यालय ने न जाने कितने लोगों का भविष्य संवारा है। हमारे जयसिंह अग्रवाल भी एक उदाहरण है। ये आपके बीच आपका सेवक बनकर कोरबा के हर इच्छाओं को पूरा करने में लगे हुए है। जब इस विद्यालय भवन का भूमिपूजन हुआ तब मैं भी उपस्थित था और ढ़ाई साल में यह भवन खड़ा हो गया और नये कोरबा की पहचान बनेगा।

लोकार्पण से पूर्व मंचीय कार्यक्रम के शुभांरभ में यहां की छात्रा कु. दिव्या ने देशभक्ति गीत गाकर अतिथियों का हृदय से स्वागत किया। यहां की प्राचार्या श्रीमती इंदु अग्रवाल एवं अध्यापकगणों ने अतिथियों का फूलमालाओं एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया, लेकिन श्री अग्रवाल ने अपनी जगह से उठकर गुरूजनों का स्वागत किया और कहा कि विद्यार्थी कितनों बड़ा आदमी बन जाये, लेकिन गुरूओं का स्थान हमेशा सबसे ऊपर रहेगा।

इस अवसर पर जयसिंह अग्रवाल के सहपाठीगण सुभाष अग्रवाल, अधिवक्ता श्यामल मलिक, प्रभात सिंह, शिवबहादूर, सुशील पाण्डेय, दीपक राय सहित इस विद्यालय में पढ़ने वाले उम्रदराज एवं कोरबा के जानेमाने गणमान्य नागरिक, अध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। अपेक्षा से अधिक मिला- यहां की प्राचार्या श्रीमती इंदू अग्रवाल ने कहां कि हमने 10 कमरों की मांग की थी, लेकिन इस विद्यालय के पूर्व छात्र जयसिंह अग्रवाल ने इस भवन की कायाकल्प कर 32 कमरों की 03 मंजिला भव्य ईमारत हमें सौंप दी। जयसिंह अग्रवाल की कोई शानी नहीं, उनके जैसे सेवक से ही कोरबा का भविष्य उज्ज्वल बनेगा।

2013 तक विद्यार्थी बैठते थे जमीन पर-यहां के पूर्व प्राचार्य डी आर सारथी भी इस भवन के विकास का गवाह बनें। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय का इतिहास लम्बा है। यह शिक्षा के मंदिर के रूप में कोरबा ही नही दूसरे जिले के लोगो का भी भविष्य संवारा है। उन्होंने कहा कि अपनी स्थापना काल से खपरैल के भवन में विद्यार्थी जमीन में बैठकर पढ़ाई करते रहे। 1977 में जयसिंह अग्रवाल भी जमीन में बैठकर इस ऊंचाई को छुआ लेकिन आज भी वे जमीनी सेवक बने हुए है, यह बहुत बड़ी बात है। मैं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामना देता हॅू और वे नई ऊंचाईयों को स्पर्श करे।

पूर्व प्राचार्य जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि यह विद्यालय कोरबा के शिक्षा जगत का आधार स्तंभ है। उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मैने इस विद्यालय को 10 साल दिये और 90 साल की उम्र में यहां के कई विद्यार्थियों को भविष्य गढ़ते देखा है। उन्होने जयसिंह अग्रवाल के सेवा कार्यो की जगकर सराहना की। पूर्व प्राचार्य गोरेलाल दुबे ने कहा कि 23 वर्ष तक इस विद्यालय में रहा और इस विद्यालय के भूमिपूजन में था और इस कम समय में भव्य भवन समर्पित हो रहा है। उन्होंने जयसिंह अग्रवाल के प्रयासों को सराहा और कहा कि अपने नाम के अनुरूप उनका कार्य भी है।

यह सर्वश्रेष्ठ गुरू दक्षिणा- डीपीएस एनटीपीसी के प्राचार्य सतीश शर्मा ने कहा कि हमारे विधायक जयसिंह अग्रवाल के नेतृत्व में कोरबा में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए है। इस विद्यालय के लिए यह भवन बहुउपयोगी साबित होगा। यह भवन विद्यार्थी के रूप में जयसिंह अग्रवाल का सबसे बड़ा गुरू दक्षिणा है। उनके जज्बे को मैं सलाम करता हॅू कि उन्होने कोरबा में शिक्षा के क्षेत्र में केन्द्रीय विद्यालय, आत्मानंद स्कूल जैसे सर्वोत्कृष्ट विद्यालय दिये है। एसईसीएल में सेवारत भानु सिंह ने कहा कि मंत्री जी के प्रयास से यह बड़ा कार्य आज पूर्ण हो गया।

वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षाविद किशोर शर्मा ने कहा कि आज उन गुरूजनों को भी गर्व हो रहा होगा कि जिस बच्चे को वे डाटा करते थे वे आज उनके ही आदरणीय हो गये हैं। के एन कालेज शिक्षण समिति के अध्यक्ष किशोर शर्मा ने प्रबंधन की ओर से 05 एकड़ की जमीन मांगी गई है जो प्रक्रियाधीन हैं। उन्होने कहा कि श्री अग्रवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया, वह अतुलनीय है। इसके अलावा प्रदेश का सबसे बड़ा अशोक वाटिका जो ऑक्सीजोन के रूप में विकसित किया गया है। इसके अलावा समाजो को बेहतर सामाजिक भवन देकर सभी समाजों का मान रखा।

हमें गर्व है कि हम जयसिंह के सहपाठी हैं- सुशील पाण्डेय, दीपक राय एवं शिव बहादुर ने कहा कि हमें गर्व है कि हम जयसिंह अग्रवाल के सहपाठी है। हम साथ साथ जमीन में बैठकर पढ़ते थे और एक साथ मस्ती भी करते थे। इतने बडे पद पर पहुचने के बाद भी जयसिंह अग्रवाल हमारे लिए वहीं दोस्त है। ऐसे दोस्त पाकर हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

पूर्व विधायक जायसवाल को मिला सम्मान- जयसिंह अग्रवाल को बड़ो का सम्मान करना भी आता है। कोरबा के विकास में पूर्व विधायक कृष्णा लाल जायसवाल का भी बड़ा योगदान रहा। वे एक अच्छे जनप्रतिनिधि थे। जयसिंह अग्रवाल ने श्री जायसवाल के नाम को अक्ष्क्षुण बनाए  रखने के लिए इस विद्यालय का नाम स्व. कृष्णा लाल जायसवाल के नाम से महिमा मंडित कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है। कार्यक्रम का संचालन श्यामल मलिक ने किया तथा आभार प्रदर्शन प्राचार्या श्रीमती इंदू अग्रवाल ने किया।



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