कोरबा: जिले के पाली थाना क्षेत्र में जहरीली मकड़ी टारेंटयुला के काटने से महिला की हालत गंभीर है। महिला हेमा यादव को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेडिसिन विभाग के एमडी डॉ चंद्रकांत भास्कर ने बताया कि फिलहाल महिला का सिम्प्टोमैटिक ट्रीटमेंट किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, पाली गांव की महिला हेमा यादव रोजाना की तरह अपने घर का काम निपटा रही थी, तभी उसे अचानक एक बड़ी सी मकड़ी ने काट लिया। मकड़ी के काटने से वो चिल्लाई। जहां मकड़ी ने उसे काटा, वहां उसे तेज दर्द हुआ और थोड़ी देर के बाद वो बेहोश हो गई। इधर उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर पति रविकांत यादव पत्नी के पास पहुंचा।
टारेंटयुला मकड़ी के पेट पर कांटेदार जहरीले बाल भी होते हैं, जिन्हें वो आत्मरक्षा में फेंकती है।
रविकांत ने बताया कि पत्नी बर्तन साफ कर रही थी, उसी दौरान उसे मकड़ी ने काटा। जब वो वहां पहुंचा, तो पत्नी बेहोश हो गई थी। मकड़ी वहीं पर थी, जिसे उसने पकड़ लिया। पत्नी हेमा को लेकर वो तुरंत जिला अस्पताल पहुंचा और डॉक्टर को मकड़ी दिखाई। इसके बाद महिला का इलाज शुरू हुआ।
जहरीली मकड़ी टारेंटयुला के काटने से हो जाती है गंभीर एलर्जी।
मेडिसिन विभाग के एमडी डॉ चंद्रकांत भास्कर ने बताया कि सांप और दूसरे जहरीले जीव-जंतुओं के काटने पर एंटी स्नेक वेनम का उपयोग किया जाता है, लेकिन यह मामला जहरीली मकड़ी के काटने का है, इसलिए लक्षण के आधार पर इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समय रहते महिला को इलाज के लिए ले आया गया, नहीं तो मामला ज्यादा बिगड़ सकता था। फिलहाल उसका इलाज जारी है।
कोरबा जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एमडी डॉ चंद्रकांत भास्कर।
टारेंटयुला मकड़ी के बारे में जानिए
टारेंटयुला अपनी रक्षा के लिए ही किसी को काटती है। इसके काटने से एलर्जी हो सकती है। ये सामान्य मकड़ियों से बड़ी होती हैं। इसकी लंबाई 1 से 4 इंच तक एक फुट तक के लेग स्पैन के साथ हो सकती है। इसके शरीर और पैर गहरे भूरे होते हैं और पीठ पर लाल रंग के बाल होते हैं। इस मकड़ी के पेट पर कांटेदार जहरीले बाल भी होते हैं, जिन्हें वो आत्मरक्षा में फेंक सकती है। इससे गंभीर जलन होती है। इसका डंक मधुमक्खी से थोड़ा ज्यादा खतरनाक होता है, लेकिन अब तक इससे किसी मनुष्य की मौत का मामला सामने नहीं आया है।