Friday, June 20, 2025
Homeछत्तीसगढ़कोरबाKORBA : 19 जून को मनाया गया विश्व सिकल सेल दिवस-लोगों को सिकल...

KORBA : 19 जून को मनाया गया विश्व सिकल सेल दिवस-लोगों को सिकल सेल बीमारी के बारे में किया गया जागरूक

कोरबा (BCC NEWS 24): माननीय प्रधानमंत्री के समृ़द्ध और समावेशी भारत की कल्पना को साकार करते हुए देश को सिकल सेल एनीमिया मुक्त करने के लिए सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन  प्रारंभ किया गया है।  जिसके अंतर्गत 0 से 40 वर्ष के आयुवर्ग के सभी व्यक्तियों की सिकल सेल स्क्रीनिंग कर पोर्टल में एन्ट्री की जा रही है।  प्रतिवर्ष की भॉंति  19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस  मनाया गया। इस वर्ष की थीम “वैश्विक कार्यवाई, स्थानीय प्रभावःप्रभावी स्व-वकालत के लिए समुदायों को सशक्त बनाना“  घोषित की गई है। इस अवसर पर जिले के समस्त स्वास्थ्य केन्द्रो में तथा स्वास्थ्य मेलों में सिकल सेल संबंधित जनजागरूकता , प्रचार- प्रसार , स्क्रीनिंग, काउंसिलिंग तथा सिकल सेल जेनेटिक कार्ड वितरण किया गया ।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी ने सिकल सेल उन्मूलन मिशन कार्यक्रम से संबंघित जानकारी देते हुए कहे कि किसी बिमारी का प्रभाव अकेले रोगी पर नहीं बल्कि पूरे परिवार पर पड़ता है। सिकल सेल बिमारी के बारे में शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ शीध्र पता लगाने और उपचार सुनिशचित करने के लिए स्क्रीनिंग और जागरूकता दोनो रणनीति अपनाया जा रहा है। उन्होने बताया कि सिकल सेल (एस.सी.डी.) वंशानुगत रक्त विकार है जो लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है।  स्वस्थ लाल रक्त् कोशिकाए आमतौर पर गोल और लचीली होती है जिससे वे रक्त वाहिकाओं के माध्यम से आसानी से आगे बढ़ सकती हैं और पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाती है। सिकल सेल एनीमिया में कुछ लाल रक्त कोशिकाए दरांती या अर्धचन्द्राकार आकार की होती हैं । ये सिकल कोशिकाए कठोर और चिपचिपी भी हो जाती हैं, जो रक्त प्रवाह को धीमा या अवरू़द्ध कर सकती हैं  इसके कारण असहनीय दर्द, अंग क्षति और कई स्वास्थ्य समस्याए हो जाती  हैं।  सिकल सेल एनीमिया के लक्षण आमतौर पर 6 महीने की उम्र के आसपास दिखाई देते हैं। ये हर व्यक्ति में अलग- अलग होते है और समय के साथ बदल सकते हैं लक्षणों में ये शामिल हो सकते है जैसे बच्चे या गर्भवती महिला में एनीमिया(खून की कमी) ऑंखो में पीलापन के साथ-साथ  बदन मे तेज दर्द, कोहनी या घुटनों में सूजन या दर्द, बुखार का बार-बार आना, बार -बार संक्रमण होना, थकावट, भूख ना लगना तथा उॅचाई सामान्य से कम होना हो सकते हैं।

उन्होने बताया कि समस्त स्वास्थ्य कर्मचारी, ऑंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा मितानिनो के द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में सिकल सेल एनिमिया के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है तथा लोगों को बताया जा रहा है  कि जिस तरह भारतीय परम्परा के अनुसार आमतौर पर शादियॉं ग्रह नक्षत्र और पैदा होने कि तिथि के अनुसार कुंडली मिलान के बाद की  जाती है उसी तरह शादी से पहले वर और वधू की सिकलिग कुंडली मिलाना यानि सिकल सेल टेस्ट कराना बहुत जरूरी है जिससे इस खतरनाक बिमारी से खुद को बचाया जाये तथा होने वाली संतान को इससे दूर रखा जा सके। कलेक्टर श्री अजीत वसंत तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी ने जिले के नागरिकों से आग्रह किया है कि अगर किसी में उक्त लक्षण है और उन्होने सिकल सेल की जॉंच नहीं कराई है तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर 0 से 40 वर्ष के उम्र के सभी लोगों की सिकल सेल की निःशुल्क जॉंच अवश्य करावे ।  सिकल सेल की जॉंच और उपचार सभी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध है।


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular