Monday, October 7, 2024




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BCC News 24: छत्तीसगढ़- कुमार विश्वास ने किया रामकथा का वाचन, राममय हुआ वातावरण.. बोले- छत्तीसगढ़ की माटी का संपूर्ण विश्व समुदाय ऋणी है, यदि कौशिल्या नहीं होती तो राम कहां से होते

छत्तीसगढ़: रामनवमी के अवसर पर रविवार को छ़ुईखदान के फुटबॉल ग्राउंड में लेखक, कवि एवं शिक्षक डॉ. कुमार विश्वास ने रामकथा का वाचन किया। कुमार ने कहा देश के महानगरों में जब कभी राम पर चर्चा करते थे तो वहां पांच सितारा होटल में एसी हाॅल और न जानें क्या-क्या व्यवस्थाएं की जाती थी।

परन्तु आज यहां रामनवमी पर इस भारी तपिश में बिना किसी एसी और कम सुविधाओं के बीच जब हम राम के बारे में चिंतन कर रहे हैं तब हमें राम का वह वनवासी चेहरा और भूमिका का स्मरण हो रहा है कि कैसे पिता और माता कैकेयी की आज्ञा को सर्वोपरि मानकर राम ने वन गमन कर लिया था। राम ने पिता को धन्यवाद कहते हुए कहा था कि पिता आपने तो मुझे पूरे वनों का राजा बना दिया है, उस समय राजा दशरथ जीते जी राम के मोह को नहीं त्याग सके थे और न ही मरणासन्न हालात में और मृत्यु के बाद भी राम का मोह नहीं त्याग सके थे।

अंतरराष्ट्रीय रामकथा वाचक कुमार विश्वास ने छत्तीसगढ़ की माटी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि किस तरह से जब रावण त्रिलोक विजय करने के बाद स्वर्ग पहुंचे थे, तब उनकी मुलाकात भगवान के पूर्वज से हुई थी तब वह उसके साथ भी युद्ध करना चाहा परन्तु उसने यह कहकर इंकार कर दिया कि वह तो एक मृतात्मा है, वह कैसे युद्ध कर सकता है परन्तु जब वह आया है तो कुछ तो देना ही पड़ेगा और उसने आशीर्वाद दिया कि उसका सामना उसके ही किसी वंशज के साथ होगा। वही उसका औैर उसके अहंकार का अंत करेगा।

छत्तीसगढ़ में मिली जननी
कथा वाचक डॉ. विश्वास ने बताया कि संपूर्ण देवी-देवताओं ने मिलकर भगवान के राम के लिए एक योग्य जननी की तलाश की जो कि इसी दण्डकारण्य में कौशिल्या के नाम से मिली और कौशिल्या ही वह माता थी जो प्रभु श्रीराम को नौ महीने तक अपने कोख में रखने का सामर्थ्य रखती थी। वह किसी भी प्रकार के मोह माया से परे थी, आज संपूर्ण विश्व समुदाय छत्तीसगढ़ का ऋणी है कि यदि कौशिल्या नहीं होती तो क्या राम होते, यदि नारायण चाहते तो चतुर्भुज धारी होकर भी धरा पर आ सकते थे, यह संभव ही नहीं था।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में नितिन त्रिवेदी, प्रतिमा चंद्राकर, बैजनाथ चंद्राक, अनिला भेडिया, आरपी सिंग, विनोद वर्मा, बिरेश ठाकुर, भुनेश्वर बघेल, निखिल द्विवेदी, शुभम शुक्ला, अमर झा, मानव देशमुख, रजत तिवारी, मयूरी सिंग, स्वपनिल श्रीवास्तव, श्रीराम जन्मोतस्व समिति छुईखदान के सदस्य संजीव दुबे, अनुराग सोनी, सुदीप श्रीवास्तव, शैलेश देवांगन, जीवन कामड़े, सज्जाक खान, आयुष संचेती, ललित महोबिया, शादाब खान, हेमंत वैष्णव, गुल्शन तिवारी, अशरफ खान, सत्यम उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।

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