Monday, May 6, 2024
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BCC News 24: मधुबाला की बहन को बहू ने घर से निकाला.. 96 साल की बुजुर्ग को अकेले न्यूजीलैंड से भेजा, खाने को भी नहीं देती थी

नईदिल्ली: मशहूर अदाकारा मधुबाला की बहन को अपनों ने ही बेघर कर दिया। उनकी बहू और पोती ने मिलकर उन्हें घर से निकाल दिया। 96 साल की कनीज बलसारा अपने बेटे के पास न्यूजीलैंड रहती थी। लेकिन बेटे की मौत के बाद बहू उनको बोझ मानने लगी। फिर एक दिन उन्होंने कनीज बलसारा को बिना एक रुपए दिए और बिना किसी को बताए मुंबई की फ्लाइट में बिठा दिया।

एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बेटी को दी जानकारी

इस बात की जानकारी कनीज की बेटी परवीज को भी नहीं दी गई। कनीज के इंडिया आने की जानकारी परवीज को एयरपोर्ट अथॉरिटी ने दी थी।

बेटे की हो चुकी है मौत
परवीज ने मीडिया से बात करते हुए बताया, ‘मम्मी 17-18 साल पहले न्यूजीलैंड गईं थीं। वह भाई यानी अपने बेटे फारुख से बहुत प्यार करती थीं और उनके बिना नहीं रह पाती थीं। भाई भी मां और पापा से प्यार करते थे, इसीलिए वह उन्हें अपने साथ लेकर गए थे। वह न्यूजीलैंड के करेक्शन डिपार्टमेंट में काम करते थे और एक इज्जतदार आदमी थे, लेकिन भाभी हमारे पेरेंट्स को पसंद नहीं करती हैं। मुझे मां के आाने के बाद पता चला कि भाई का इंतकाल हो गया है। भाई के जाने के बाद भाभी का बर्ताव और बुरा हो गया।’

पोती भी करती थी दादी से बुरा व्यवहार
परवीज ने आगे बताया, ‘समीना कभी भी मम्मी पापा के लिए खाना नहीं बनाती थीं। भाई उनके लिए खाना रेस्टोरेंट से लाया करते थे। समीना की बेटी, जिसकी आस्ट्रेलिया में शादी हो गई है, वह भी मम्मी से बुरा व्यवहार करती थी। जब समीना ने मम्मी को घर से निकालकर जबरदस्ती फ्लाइट में बैठाया था, उस समय वह भी एयरपोर्ट पर मौजूद थी।’

पिछले 5 साल से इंडिया नहीं आई थीं मां
परवीज ने बताया- ‘मैं अक्सर न्यूजीलैंड जाती हूं, कभी-कभी तो साल में दो बार भी जाना हुआ है। मां भी यहां दो बार आया करती थीं, लेकिन पिछले 5 साल से वह नहीं आई थीं, क्योंकि मेरे भाई का कहना था कि इस उम्र में ऐसे उनका आना सेफ नहीं है। ऊंचाई पर ऑक्सीजन लेवल में कम-ज्यादा होता रहता है, जो मां की सेहत के लिए अच्छा नहीं है।’

RT-PCR के लिए भी नहीं थे पैसे
परवीज ने रोते हुए कहा, ‘फ्लाइट लैंड होने के बाद मुझे एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से फोन आया और उन्होंने बताया कि आपकी मां के पास RT-PCR की जांच के लिए पैसे नहीं हैं। इसके बाद मैंने उन्हें पैसे भेजे, तब उनका RT-PCR हुआ।

इसके बाद उन्होंने मुझसे आकर पहले यही कहा कि बेटा तुम्हें पता है कि फारुख मर गया? मैं उसको कब्र में डालकर आई हूं और मैं बहुत भूखी हूं, क्या मुझे कुछ खाने को मिल सकता है?’ इसके बाद मैं अपनी मां को घर लाई, उसे खाना खिलाया। भगवान का शुक्र है, कम से कम मां अब सुरक्षित हैं।’

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