Friday, May 3, 2024
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BCC News 24: CG न्यूज़- विशेष पिछड़ी जनजाति और आदिवासी भाइयों के जीवन स्तर को विकास के मुख्यधारा में जोड़ते हुए राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए- कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर

  • श्री अकबर बोडला विकासखण्ड के सुदूर वनांचल ग्राम सूकझर में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए
  • पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन में विशेष पिछड़ी जनजाति एवं आदिवासी भाइयां का विशेष योगदान
  • कैबिनेट मंत्री श्री अकबर ने विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी

कवर्धा: प्रदेश के वन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर, विश्व आदिवासी दिवस पर अपने निर्वाचन क्षेत्र कवर्धा विधानसभा के एक दिवसीय प्रवास पर पहुंचे। श्री अकबर बोड़ला विकासखण्ड के सुदूर वनांचल ग्राम सूकझर में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री ईतवारी मछिया, जिला अध्यक्ष श्री तुलसीराम बैगा और धरमलाल बैगा के नेतृत्व में सैकडों बैगा समाज के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने श्री अकबर का आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर बैगा विकास अभिकरण के जिला अध्यक्ष श्री पुरूराम बैगा, जिला पंचायत सदस्य श्री मुखीराम मरकाम, श्री खेदुराम, श्री लमतु सिंह, श्री गुलाब सिंह, श्री कुंवर सिंह, श्री नानूसिंह, श्री धन्ना सिंह, श्री कृपालसिंह, श्री मोतिलाल, श्री गंगाराम, श्री दलीचंद, श्री पोमासिंह, श्री बिहारी सहित क्षेत्र के 10 से 15 ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।

 में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा द्वारा

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए
प्रदेश के केबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने ग्राम सुकझर में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के शिरकत करते हुए वनांचल के हजारों परिवारों को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। श्री अकबर ने कहा है कि 09 अगस्त छत्तीसगढ़ सहित पूरे विश्व में आदिवासियों के लिए एक महापर्व है। जनजाति बाहुल्य प्रदेश होने के कारण छत्तीसगढ़ को जनजातियों की प्राचीन कला और संस्कृति की अनमोल धरोहर विरासत में मिली। श्री अकबर ने कहा कि पर्यावरण के सरंक्षण एवं संवर्धन में मूल निवासी विशेष पिछड़ी जनजाति एवं जंगलों के बीच निवासरत आदिवासी भाइयों को विशेष योगदान रहा है। प्रकृति प्रेम की झलक उनके संस्कृति, रहन-सहन और वेश-भूषा में भी दिखाई देती है। प्रकृति के सबसे नजदीक होने की वजह से आज भी अपनी जिम्मेदारी से पर्यावरण की सरंक्षण और संवर्धन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

कबीरधाम जिले में बोड़ला और पंडरिया दो ऐसे विकासखण्ड है, जिसमें विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के लोंग सदियों से निवासरत है। उन्होंने कहा कि आर्थिक, समाजिक, शैक्षणिक रूप से पीछे है, इन जाति के लोगों को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हर संभव प्रयास किया जा रहा है। श्री अकबर ने विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं, बुर्जुगों और महिलाओं को बताया कि राज्य निर्माण के बाद पहली बार मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्ववाली छत्तीसगढ़ सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के शिक्षित युवक-युवतियों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में शासकीय सेवक के रूप में भर्ती करने का निर्णय लिया है। इस दिशा में कार्यवाही भी शुरू हो गई। राज्य सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय से प्रदेश के हजारों विशेष पिछड़ी जनजाति के सौकड़ों शिक्षित युवक-युवतियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

श्री अकबर ने कहा कि जनजातियों के विकास और हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कई अहम फैसले लिये हैं। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की 4200 एकड़ जमीन की वापसी, जेलों में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा के लिए समिति का गठन, जिला खनिज न्यास के पैसों से आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार का निर्णय, बस्तर और सरगुजा में कर्मचारी चयन बोर्ड की स्थापना और यहां आदिवासी विकास प्राधिकरणों में स्थानीय अध्यक्ष की नियुक्ति से आदिवासी समाज के लिए बेहतर काम करने की कोशिशें जारी हैं। उन्होंने कहा है कि आदिवासी समाज की जरूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई योजनाओं से उनका जीवन अधिक सरल हो सका है। तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500 से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा करने, 65 तरह के लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर संग्रहण और विक्रय के साथ ही इनका स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन से हजारों आदिवासियों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है। राज्य सरकार ने वन अधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन से आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन पर अधिकार को मजबूत किया है। वन अधिकार पट्टों के मिलने से हजारों आदिवासियों की आवास और आजीविका की चिंता दूर हुई है। उन्होने कहा कि आदिवासियों की सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आदिवासी संस्कृति का परिचय देश-दुनिया से कराने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव जैसे आयोजनों की शुरूआत की गई है। विश्व आदिवासी दिवस पर सामान्य अवकाश घोषित किया गया है। देवगुड़ियों और घोटुलों के संरक्षण और संवर्धन से आदिम जीवन मूल्यों को सहेजने और संवारने का काम राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। इससे लोगों को आदिवासी समाज की परंपराओं और संस्कृतियों को समझने का अवसर मिला है।

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