झारखंड: धनबाद में गुरुवार को बड़ा हादसा हो गया। चिरकुंडा थाना क्षेत्र के डुमरीजोड़ में BCCL की बंद माइंस में अवैध खनन के कारण खदान धंस गई। उसके ऊपर की लगभग 60 फीट कच्ची सड़क भी धंस गई। इसमें 50 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका थी, लेकिन देर शाम रेस्क्यू टीम ने ऑपरेशन कर लोगों के फंसने की आशंका को खारिज कर दिया।
रेस्क्यू सुपरिटेंडेंट आरएल मुखोपाध्याय ने बताया, ‘6 लोगों की टीम ने लगभग 45 मिनट तक रेस्क्यू अभियान चलाया। जिस इलाके में लोगों के फंसे होने की आशंका थी वहां के आसपास के इलाके को टीम ने पूरी तरह सर्च किया। कहीं कोई नहीं मिला। अब जो इलाका बचा है, उसमें सिर्फ पानी है। ऐसे में संभावना है कि खदान के अंदर कोई नहीं फंसा है। इसकी रिपोर्ट बड़े अफसरों को दे दी गई है, आगे का निर्णय वह करेंगे।’
बता दें कि दोपहर में हादसे के बाद खबर आई थी कि खदान में 50 से ज्यादा लोग फंसे हैं। सभी लोग पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के रहने वाले हैं। इसके करीब 10 घंटे बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। रेस्क्यू के लिए 6-6 लोगों की दो टीमें बनाई गई थीं।
6 साल से बंद है खदान
गुरुवार सुबह करीब 8:30 बजे अचानक 60 फीट सड़क धंस गई। लोगों का कहना है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ, माइन में करीब 125 से अधिक लोग मौजूद थे। इसमें से कई लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई। लोगों के मुताबिक, एक दिन में करीब 2 ट्रक अवैध कोयले का खनन किया जाता है। यह माइन पिछले छह साल से बंद है।
10 घंटे बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। पहली टीम में 6 लोग शामिल हुए।
60 फीट की सड़क धंस गई
जिस इलाके में यह घटना हुई है वहां 60 फीट कच्ची सड़क घंस गई। इसके बाद ही लोगों को खदान के धंसने की जानकारी मिली। इसके बाद ग्रामीणों ने सरकारी कर्मचारियों और बड़े अधिकारियों को घटना के संबंध में बताया।
धनबाद में खदान के ऊपर की सड़क भी धंस गई।
डिप्टी कमिश्नर बोले- कच्ची सड़क धंसी
गुरुवार शाम मौके पर पहुंचे धनबाद के डिप्टी कमिश्नर संदीप सिंह ने बताया कि शाम तक किसी तरह के जानमाल की क्षति की सूचना नहीं मिली। खदानों की तरफ जाने वाली कच्ची सड़क धंसी है। प्रशासन और BCCL की टीम मौके पर पहुंच गई। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। लोकल रेस्क्यू टीम भी कुछ देर बाद मौके पर पहुंच गई थी।
रेस्क्यू ऑपरेशन की तैयारी इस तरह शुरू की गई थी।
जांच में जुटी पुलिस
घटना की खबर पाकर चिरकुंडा पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया, ‘हर एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं पहले हुए अवैध खनन के चलते तो यह घटना नहीं घटी है।’ पिछले वर्ष भी इसी तरह सड़क के धंसने की खबर आई थी।
मौके पर बड़ी संख्या में लोग और पुलिस मौजूद रहे।
रेस्क्यू टीम ने किया मौका-मुआयना
लोगों के फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया। इसके पहले रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने घटना वाली जगह का मौका- मुआयना किया। इसके लिए वहां मौजूद ग्रामीणों से भी पूछताछ की गई।
रेस्क्यू से पहले मौके का मुआयना करती रेस्क्यू टीम।
पिछले साल भी हुई थी घटना
पुलिस का कहना है कि पिछले वर्ष भी इसी तरह सड़क के धंसने की खबर आई थी। तब भी इलाके में गहन छानबीन की गई थी।
पुलिस का कहना है कि पिछले वर्ष भी इसी तरह सड़क के धंसने की खबर आई थी।
जुटे स्थानीय लोग
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के इलाके में मौजूद ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने उन्हें घटना स्थल से दूर रहने की चेतावनी दी।
मौके पर मौजूद स्थानीय लोग और पुलिस बल।
खुफिया विभाग ने दी थी अवैध खनन की सूचना
बताया जाता है कि यहां आधा दर्जन लोग अवैध खनन कर कोयला निकालते थे। खुफिया विभाग ने भी इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी थी, लेकिन अब तक किसी पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे उनका मनोबल काफी बढ़ गया और धड़ल्ले से अवैध खनन जारी रहा। इसके कारण यह घटना घटी।
रेस्क्यू से पहले मौके का पहुंचे BCCL और जिला प्रशासन के अफसर।
ऊपरी सतह पर भी कोयला
बता दें, डुमरीजोड़ के नीचे पुरानी चांच कोलियरी माइंस से कोयला खनन किया गया है। इस वजह से ऊपरी सतह पर भी कुछ कोयला है। यही कारण है कि लोग आसानी से लगातार अवैध तरीके से कोयला खनन कर रहे हैं।
इस तरह के कुएं के अंदर से मजदूर खदान तक पहुंचते हैं। यहां ऐसे कई कुएं हैं।
स्थानीय लोगों ने बताई जगह
इस इलाके में कई अवैध खदानें होने की जानकारी सामने आने के बाद प्रशासन को घटना वाली जगह तक पहुंचने के लिए स्थानीय ग्रामीणों की मदद लेनी पड़ी।
स्थानीय लोग माइनिंग की लोकेशन बताते हुए।