Wednesday, November 27, 2024
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विधायक के थप्पड़ ने कराया 100 करोड़ का नुकसान… सहकारी केंद्रीय बैंकों में लटके रहे ताले; बृहस्पत सिंह ने भी बैंक के खिलाफ दिया धरना

सरगुजा: रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा थप्पड़ मारे जाने के विरोध में सरगुजा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारी 2 दिनों तक सामूहिक अवकाश पर रहे। विधायक ने 3 अप्रैल को सहकारी बैंक के कर्मचारियों पर थप्पड़ और घूंसे बरसाए थे, जिसके विरोध में 5 और 6 अप्रैल को सरगुजा संभाग की 29 शाखाओं के कर्मचारी अवकाश पर रहे। इससे 100 करोड़ का नुकसान बैंक को उठाना पड़ा है।

इधर विधायक बृहस्पत सिंह ने भी गुरुवार को समर्थकों और किसानों के साथ रामानुजगंज में सहकारी बैंक प्रबंधन पर भ्रष्ट कार्यप्रणाली का आरोप लगाते हुए धरना दिया। इस मामले में सरहुल पर्व में शामिल होने आए सीएम भूपेश बघेल से जब सवाल किया गया, तो उन्होंने इतना ही कहा कि आपस में बैठकर मामला सुलझा लेना चाहिए।

बैंक कर्मचारियों के 2 दिनों तक सामूहिक अवकाश पर चले जाने के कारण 29 शाखाओं में ताला लटका रहा, ऐसे में किसानों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। अंबिकापुर सहकारी केन्द्रीय बैंक में काम नहीं होने से करीब 100 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित रहा। बता दें कि भीड़ के बीच विधायक बृहस्पत सिंह ने 2 बैंक कर्मचारियों राजेश पाल और अरविंद सिंह को थप्पड़ भी मारे और उन पर घूंसे भी चलाए थे। दोनों बैंक कर्मचारी जिला सहकारी बैंक रामानुजगंज में पदस्थ हैं। बताया जा रहा है कि किसानों के भुगतान की बात पर विधायक भड़के थे।

सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे।

सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे।

इस घटना से बैंक के अधिकारी-कर्मचारी आक्रोशित हैं। संघ के अध्यक्ष आरके खरे ने बताया कि बुधवार और गुरुवार को कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर रहने के कारण बैंक का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। केन्द्रीय सहकारी बैंक पूरी तरह किसानों पर आधारित बैंक है। काफी संख्या में किसान लेन-देन करने 5 अप्रैल को बैंक पहुंचे थे। इधर घटना के विरोध में कर्मचारी आंदोलनरत थे। शाखा में ताला लटका देख किसान वापस लौट गए। इससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

सरगुजा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को 100 करोड़ के व्यवसाय का नुकसान।

सरगुजा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को 100 करोड़ के व्यवसाय का नुकसान।

विधायक बृहस्पत सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन

इधर बलरामपुर विकासखंड और रामचंद्रपुर विकासखंड के किसानों की उपस्थिति में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा रामानुजगंज पर भ्रष्ट कार्यप्रणाली का आरोप लगाकर विधायक बृहस्पत सिंह की अगुवाई में किसान आक्रोश आंदोलन का आयोजन किया गया। इस दौरान विधायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार जब से बनी है, तब से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के हित में लगातार काम किए हैं। ऋण माफी से लेकर कई ऐसे काम हुए हैं, जिससे किसानों के चेहरे पर मुस्कान है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा रामानुजगंज में लंबे समय से भ्रष्ट कार्यप्रणाली चली आ रही है, उससे किसानों में गहरा आक्रोश है। मुझे बहुत ही पीड़ा हुई, जब जिला सहकारी बैंक शाखा रामानुजगंज में बुजुर्ग किसान जिनका हाथ भी टूटा था, उनके साथ बदसलूकी की गई, इस तरह का कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

शाखा में ताला लटका देख किसान वापस लौट गए।

शाखा में ताला लटका देख किसान वापस लौट गए।

कांग्रेस ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ दिया धरना

इसके अलावा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विकास दुबे के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसान रामानुजगंज बैंक के सामने धरने पर बैठे। इस दौरान वक्ताओं ने बैंक की कार्यप्रणाली पर जमकर भड़ास निकाली और कहा कि बैंक में बिचौलियों का कब्जा है, वहीं आम किसान त्रस्त हैं। किसानों को यहां से पैसा निकालने में घंटों इंतजार करना पड़ता है, जबकि बिचौलिए कमीशन देकर मिनटों में अपना काम करके चले जाते हैं।

पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य साधु चरण यादव ने कहा कि बैंक प्रबंधन के द्वारा लंबे समय से किसानों को परेशान किया जा रहा है। यहां पर काफी दूरदराज से किसान अपना दिनभर का काम छोड़कर बैंक में आते हैं, लेकिन बैंक के कर्मचारियों के द्वारा अमर्यादित व्यवहार किया जाता है।

रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह ने बैंक कर्मचारियों को मारा था थप्पड़।

रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह ने बैंक कर्मचारियों को मारा था थप्पड़।

करोड़ों रुपए की हेराफेरी का लगाया आरोप

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद दुबे ने बैंक प्रबंधन पर करोड़ों रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 5 वर्षों में बैंक प्रबंधन के द्वारा बैंक के अंतर्गत आने वाली सभी सहकारी समितियों की धान की कमीशन की राशि में हेराफेरी की गई है। यही नहीं, बैंक बिना सहकारी समितियों के प्रस्ताव की एक रुपए भी नहीं निकाल सकता, लेकिन करोडों रुपए बिना प्रस्ताव के निकाले गए हैं। बैंक कर्मचारियों की कार्यप्रणाली ऐसी है कि किसी भी खातेदार का पैसा किसी को भी दे देते हैं।




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