Saturday, July 27, 2024
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छत्तीसगढ़: सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए पैसों का खेल.. ड्रेसर बोला- मेरे पास आते तो 500 में कर देता; BMO ने जांच के दिए निर्देश

छत्तीसगढ़: बिलासपुर में एक ऐसा सरकारी अस्पताल है, जहां हर प्रकार के इलाज के लिए मरीजों को पैसे देने पड़ रहे हैं। ऐसा आरोप यहां इलाज कराने वाले मरीजों ने ही लगाया है। वहीं डॉक्टर किस तरह से पैसे लेते हैं और ड्रेसर जेब में कैसे भर लेते हैं। इसका वीडियो भी सामने आया है। इसके बाद यहां के डॉक्टर का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं, हां कोई पैसा लिया होगा। वही दे रहा है। मामला मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरीब मरीजों के उपचार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए हैं। मकसद है कि गरीब मरीजों को मुफ्त में उपचार मिल सके। मगर यहां ऐसा नहीं हो रहा है। इस बात की जानकारी तब सामने आई, जब पैसे लेने और उससे संबंधित बातचीत करने का वीडियो सामने आया।

वीडियो में जो कुछ हुआ, यहां पढ़िए, पैसे लेकर दराज में रख देती है…

अस्पताल के अंदर का जो वीडियो सामने आया है। उसमें एनआरएचएम पद पर पदस्थ रानी दीक्षित एक मरीज से रुपए लेकर डॉक्टर के दराज में रखते हुए दिख रही हैं। वो डॉक्टर से कह रही हैं सर एक हजार है-एक हजार देख लीजिए। इसके अलावा अस्पताल में पदस्थ ड्रेसर श्याम रतन भी पैसे लेकर जेब में रखता हुआ दिख रहा है।

ड्रेसर श्याम रतन।

ड्रेसर श्याम रतन।

वीडियो में ड्रेसर एक शख्स से ये भी कह रहा है कि मैं 36 साल ये यहां काम कर रहा हूं..तब तुम पैदा ही नहीं हुए होगे। आगे ड्रेसर कहता है कि सब काम तो हम कर रहे हैं, इस पर एक मरीज कहता है हां वो तो MBBS हैं। फिर ड्रेसर जवाब देता है कि हम तो ऑपरेशन भी कर लेते हैं। मैं चकरभाठा का रहने वाला हूं।

सवाल-जवाब में पढ़े ड्रेसर और मरीज में क्या बात हुई

ड्रेसर –मेरे पास आते तो 500 में कर देता प्लास्टर ।

मरीज– ठीक है चलता हूं।

ड्रेसर (श्याम रतन) – दे दे न।

मरीज– क्या ?

ड्रेसर– मेरे को भी दोगे तब तो बनेगा।

मरीज– आपको भी खर्चा चाहिए?

ड्रेसर– वो बात नहीं है, सब देकर जाते हैं।

मरीज– अब आप भी लोगो।

ड्रेसर– हां भाई।मरीज – ये लो भैया। (100 रुपए का नोट देते हुए)

ड्रेसर– मैं ज्यादा नहीं मांगता हूं, मेरे पास आते तो 500 में कर देता, इसके बाद मरीज पैसे देकर चले जाता है।

इसी महिला कर्मचारी ने दराज में पैसे रखे थे।

इसी महिला कर्मचारी ने दराज में पैसे रखे थे।

कम करने कहा तो एक हजार में किया इलाज

यहां जो मरीज इलाज कराने आए थे, उनसे भी पैसे लिए जा रहे हैं। ये बात खुद वहां मौजूद मरीजों ने बताई है। उनका कहना है कि हर इलाज के रेट तय है। एक हजार से 1500 रुपए ले लिए जाते हैं। नाम न छापने की शर्त में मरीज ने बताया हाथ में प्लास्टर लगाने के लिए डॉक्टर अनिल कुमार ने 1500 रुपए मांगे थे। कुछ कम करने के लिए कहा तो 1000 रुपए में इलाज किया गया। उसका कहना था कि ऐसे सरकारी अस्पताल में पैसे लिए जाएंगे तो हम कैसे करेंगे, यहां आए दिन यही हो रहा है।

पट्‌टी के लिए बाहर मेडिकल दुकान भेजा

वहीं एक महिला भी वहां इलाज कराने पहुंची थी। जब उनसे पूछा गया कि रुपए लिया जाते है क्या, तो उसने बताया कि डॉक्टर ने उससे प्लास्टर लगाने के नाम पर हजार रुपए लिए और पट्टी के लिए बाहर मेडिकल दुकान पर भेजा है। जहां 300 रुपए की पट्टी खरीदी है। इस तरह कुल 1500 रुपए उसके खर्च हो गए हैं।

इधर, इस मामले में हमने अस्पताल के उसी डॉक्टर से बात की है, जिस पर पैसे लेने के आरोप है। डॉक्टर का नाम है अनिल कुमार, वे यहां चिकित्सा अधिकारी के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि ना ही किसी से पैसा ले रहा हूं, ना ही दे रहा हूं। कोई पैसा किसी से लिया होगा तो दे रहा है। बाकी लेने देने की कहीं कुछ बात नहीं है। वो स्टाफ है वो पैसा ली थी, 15 दिन पहले ली थी।

महिला मरीज जिससे प्लास्टर करने के बदल भी पैसे लिए गए।

महिला मरीज जिससे प्लास्टर करने के बदल भी पैसे लिए गए।

जांच कराएंगे- BMO

इन सब के अलावा हमने हमने मस्तूरी बीएमओ नंदराज कंवर से भी बात की है। नंदराज कंवर ने कहा कि आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। हम जांच कराएंगे।

इस वजह से खोले गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी मरीजों का मुफ्त में इलाज किया जाता है। इसी इस मकसद ने सरकार ने शुरू भी किया है। साथ ही यहां गर्भवती महिलाओं को इमरजेंसी में उपचार और उन्हें कैसे पोषण आहार देना है, वह भी तय किया जाता है। इन केंद्रों को खोलना का यह भी मकसद है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिशु मृत्‍यु दर एवं मातृत्‍व मृत्‍युदर को कम किया जाए और लोगों को स्वास्थ्य संंबंधी जरूरी जानकारी भी दी जााए।

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