Monday, October 27, 2025

              मॉस्को: रूस ने दुनिया की पहली न्यूक्लियर पावर्ड क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया, पुतिन बोले- इसे कोई डिफेंस सिस्टम नहीं रोक सकता; अनलिमिटेड रेंज का दावा किया

              मॉस्को: रूस ने दुनिया की पहली न्यूक्लियर पावर्ड यानी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल बुरेवस्तनिक-9M739 का सफल परीक्षण किया है। दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल अनलिमिटेड रेंज वाली है।

              राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इसके सभी टेस्ट पूरे हो चुके हैं। ऐसी मिसाइल दुनिया के किसी भी देश के पास नहीं है। पहले कई एक्सपर्ट यकीन नहीं करते थे कि ऐसा हथियार भी बन सकता है, लेकिन यह हकीकत बन चुका है। कोई भी डिफेंस सिस्टम इस नहीं रोक सकता।

              रूसी सेना के प्रमुख वैलेरी गेरेसिमोव ने बताया कि मिसाइल का सफल टेस्ट 21 अक्टूबर को किया गया। इस टेस्ट में बुरेवस्तनिक ने करीब 15 घंटे तक उड़ान भरी। इस दौरान मिसाइल ने 14 हजार किलोमीटर की दूरी तय की।

              गेरेसिमोव ने यह भी बताया कि यह मिसाइल की अधिकतम रेंज नहीं है, यह इससे अधिक दूरी भी तय कर सकती है।

              पुतिन ने इस मिसाइल को सर्विस में लेने के लिए सेना को तैयारी करने के निर्देश भी दे दिए हैं।

              पुतिन ने इस मिसाइल को सर्विस में लेने के लिए सेना को तैयारी करने के निर्देश भी दे दिए हैं।

              एयर डिफेंस सिस्टम की पकड़ में नहीं आ सकती

              बुरेवस्तनिक (9M730) एक क्रूज मिसाइल है, जो सामान्य ईंधन इंजन की बजाय न्यूक्लियर रिएक्टर से चलती है। इस वजह से यह मिसाइल लगभग अनलिमिटेड यानी असीमित दूरी तक उड़ान भर सकती है। साथ ही दुश्मन के एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है।

              अमेरिकी वायुसेना की रिपोर्ट के अनुसार मिसाइल के सर्विस में आने के बाद रूस के पास इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज यानी 10 से 20 हजार किमी तक हमला करने की क्षमता होगी। इससे रूस किसी भी हिस्से से अमेरिका तक हमला करने में सक्षम होगा।

              आमतौर पर इतनी दूरी तक हमला करने के लिए बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया जाता है। यह पहली क्रूज मिसाइल है जो इतनी दूरी तक हमला करने में सक्षम है।

              सामान्य बैलिस्टिक मिसाइल अंतरिक्ष में तय मार्ग पर जाती है, जिन्हें ट्रैक किया जा सकता है। जबकि बुरेवस्तनिक सिर्फ 50-100 मीटर की ऊंचाई पर उड़ती है और लगातार रास्ता बदलती रहती है, जिससे इसे पकड़ना लगभग असंभव हो जाता है।

              लॉन्च होने के बाद एक्टिव होता है न्यूक्लियर रिएक्टर

              मिसाइल को लॉन्च करने के लिए ठोस ईंधन वाले रॉकेट बूस्टर का इस्तेमाल किया जाता है। लॉन्च होने के बाद इसका न्यूक्लियर रिएक्टर एक्टिव हो जाता है। इसके बाद यह परमाणु ऊर्जा पर चलती है।

              इसमें एक छोटा न्यूक्लियर रिएक्टर या न्यूक्लियर पावर यूनिट है, जो मिसाइल को अनलिमिटेड दूरी तक उड़ने में सक्षम बनाता है।

              इस मिसाइल को जमीन पर मौजूद लॉन्चिंग पैड का इस्तेमाल कर लॉन्च किया जाता है। रॉयटर्स की एक जांच रिपोर्ट के मुताबिक रूस की राजधानी मॉस्को से उत्तर में 475 किमी दूर इसकी लॉन्च साइट हो सकती है। यहां नौ नए लॉन्च पैड बनाए जा रहे हैं।

              पुतिन ने 2023 में दावा किया था कि मिसाइल का अंतिम सफल परीक्षण हो चुका है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी थी। (फाइल फोटो)

              पुतिन ने 2023 में दावा किया था कि मिसाइल का अंतिम सफल परीक्षण हो चुका है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी थी। (फाइल फोटो)

              एक्सपर्ट्स ने मिसाइल टेस्टिंग को खतरा बताया

              मिसाइल एक्सपर्ट जेफरी लुईस ने कहा कि रूस का बुरेवेस्तिन मिसाइल की सफल टेस्टिंग एक खतरे की बात है। यह एक छोटा उड़ता हुआ ‘चेरनोबिल’ है।

              चेरनोबिल यूक्रेन का एक शहर है। सोवियत काल में यहां 26 अप्रैल 1986 को इतिहास का सबसे भयावह परमाणु हादसा हुआ था।

              चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट के एक रिएक्टर में भयंकर विस्फोट हो गया था। इसकी वजह से यूक्रेन, बेलारूस, रूस और यूरोप के कई हिस्सों में रेडिएशन फैल गया था।

              जेफरी के मुताबिक यह मिसाइल बहुत खराब और खतरनाक चीज है। यह किसी साइंस-फिक्शन फिल्म जैसा हथियार है, जो दुनिया में अस्थिरता बढ़ाएगा और हथियारों पर नियंत्रण रखना और भी मुश्किल बना देगा।

              तस्वीर रूस की बुरेवस्तनिक मिसाइल की स्टोरेज फैसिलिटी की है। यहां इन मिसाइलों का रखा जाता है।

              तस्वीर रूस की बुरेवस्तनिक मिसाइल की स्टोरेज फैसिलिटी की है। यहां इन मिसाइलों का रखा जाता है।

              ट्रम्प बोले- पुतिन मिसाइल परीक्षण न करें, जंग रोके

              अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने पुतिन से कहा है कि वह मिसाइल परीक्षण करने की बजाय जंग रोके। सोमवार दिए एक बयान में उन्होंने मिसाइल टेस्ट को गलत बताया।

              ट्रम्प ने कहा कि एक हफ्ते में खत्म होने वाली जंग के 4 साल होने वाले हैं। उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए।

              ट्रम्प अक्सर गोल्डन डोम मिसाइल सिस्टम का जिक्र करते हैं। उनके मुताबिक अमेरिका को भविष्य के हमलों से बचाने के लिए यह जरूरी है। बुरेवेस्तिक जैसे खतरनाक हथियार से बचाने के लिए गोल्डन डोम जैसे डिफेंस सिस्टम को डिजाइन किया जा रहा है।

              मिसाइल की क्षमताओं को लेकर उठते रहे हैं सवाल

              अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक अध्ययन संस्थान (IISS) ने कहा कि रूस के सामने इस मिसाइल को लेकर अभी भी कई तकनीकी चुनौतियां हैं। इनमें मिसाइल के परमाणु इंजन को सुरक्षित और भरोसेमंद ढंग से संचालित करने की चुनौती सबसे बड़ी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसके कई परीक्षण असफल रहे और एक दुर्घटना में कई लोगों की मौत हुई थी।

              इस मिसाइल के विकास में कई तकनीकी दिक्कतें आई हैं। 2016 से अब तक दर्जनों परीक्षणों में केवल आंशिक सफलता मिली है।

              2019 में नेनोक्षा इलाके में एक परीक्षण के दौरान हुए विस्फोट में 7 वैज्ञानिकों की मौत हुई थी। साथ ही पास के सेवरोदविंस्क शहर में रेडिएशन स्तर बढ़ गया था। बाद में रूस ने स्वीकार किया कि यह हादसा परमाणु-संचालित मिसाइल के परीक्षण के दौरान हुआ था।


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