मुंबई: मार्केट वैल्यूएशन के हिसाब से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 7 की वैल्यू इस हफ्ते के कारोबार में ₹1,28,281.52 करोड़ (₹1.28 लाख करोड़) बढ़ी है। इस दौरान देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री की वैल्यू सबसे ज्यादा 36,673 करोड़ रुपए बढ़कर ₹20.92 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है।
इस दौरान टेलीकॉम कंपनी एयरटेल का वैल्यूएशन भी 36,579 करोड़ रुपए बढ़कर ₹12.33 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। बीते हफ्ते एयरटेल का मार्केट कैप ₹55,653 करोड़ बढ़कर ₹11.97 लाख करोड़ पर पहुंचा था।
वहीं, हफ्तेभर के कारोबार में बजाज फाइनेंस की वैल्यू 8,245 करोड़ रुपए घटकर ₹6.25 लाख करोड़ रुपए पर आ गई है। सरकार की स्वामित्व वाली बीमा कंपनी LIC का वैल्यूएशन ₹4,522 करोड़ कम होकर ₹5.71 लाख करोड़ पर आ गया है।
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को उनकी कीमत से गुणा करके किया जाता है।
इसे एक उदाहरण से समझें…
मान लीजिए… कंपनी ‘A’ के 1 करोड़ शेयर मार्केट में लोगों ने खरीद रखे हैं। अगर एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तो कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ x 20 यानी 20 करोड़ रुपए होगी।
कंपनियों की मार्केट वैल्यू शेयर की कीमतों के बढ़ने या घटने के चलते बढ़ता-घटता है। इसके और कई कारण हैं…
| बढ़ने का क्या मतलब | घटने का क्या मतलब |
| शेयर की कीमत में बढ़ोतरी | शेयर प्राइस में गिरावट |
| मजबूत वित्तीय प्रदर्शन | खराब नतीजे |
| पॉजिटीव न्यूज या इवेंट | नेगेटिव न्यूज या इवेंट |
| पॉजिटीव मार्केट सेंटिमेंट | इकोनॉमी या मार्केट में गिरावट |
| हाई प्राइस पर शेयर जारी करना | शेयर बायबैक या डीलिस्टिंग |
मार्केट कैप के उतार-चढ़ाव का कंपनी और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कंपनी पर असर : बड़ा मार्केट कैप कंपनी को मार्केट से फंड जुटाने, लोन लेने या अन्य कंपनी एक्वायर करने में मदद करता है। वहीं, छोटे या कम मार्केट कैप से कंपनी की फाइनेंशियल डिसीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है।
निवेशकों पर असर : मार्केट कैप बढ़ने से निवेशकों को डायरेक्ट फायदा होता है। क्योंकि उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। वही, गिरावट से नुकसान हो सकता है, जिससे निवेशक शेयर बेचने का फैसला ले सकते हैं।
उदाहरण: अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है, तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, और कंपनी को भविष्य में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकती है। लेकिन अगर मार्केट कैप गिरता है तो इसका नुकसान हो सकता है।

(Bureau Chief, Korba)




