Wednesday, July 2, 2025

नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे, सीजफायर के 51 घंटे बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र से बात करेंगे, ऑपरेशन सिंदूर पर बोल सकते हैं

नई दिल्ली: पाकिस्तान के साथ सीजफायर 51 घंटे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को सीजफायर हुआ था। इसके बाद पिछले तीन दिन से तीनों सेनाओं के DGMO प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। आज PM ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर और उसके बाद के हालात पर जानकारी दे सकते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर में 7 जवान शहीद, 60 घायल

7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से अब तक पाकिस्तानी गोलाबारी में 5 आर्मी और 2 BSF के जवान शहीद हो चुके हैं, 60 घायल हैं। इसके अलावा 27 सिविलियंस की भी जान गई है।

10 मई को सीजफायर, पाकिस्तान ने 3 घंटे में ही तोड़ा

भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम 5 बजे सीजफायर लागू हुआ था। हालांकि पाकिस्तान ने लागू होने के 3 घंटे बाद ही इसे तोड़ दिया था। पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में 15 जगहों पर ड्रोन अटैक किए गए थे, जिसे भारतीय एयर डिफेंस ने नाकाम कर दिया था।

ट्रम्प ने कहा था- सीजफायर के लिए मध्यस्थता की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार शाम दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता के बाद दोनों देश सीजफायर के लिए राजी हो गए हैं। इसके बाद भारत और पाकिस्तान ने भी सीजफायर की पुष्टि की थी।

शहबाज शरीफ ने दावा किया था- ऑपरेशन ‘बनयान-उन-मर्सूस’ सफल

इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 10 मई को रात 11.30 बजे पाकिस्तान की जनता को संबोधित किया था। इसमें उन्होंने भारत के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन ‘बनयान-उन-मर्सूस’ की सफलता का दावा किया था। पाकिस्तान में इसके बाद से ही ‘यौम-ए-तशक्कुर’ मनाया जा रहा है। यौम-ए-तशक्कुर एक उर्दू शब्द है, जिसका अर्थ होता शुक्रिया का दिन।

पहलगाम हमले के दूसरे दिन भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित की थी

पहलगाम हमले के दूसरे दिन PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने 5 बड़े फैसले लिए थे। इसमें 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को रोका गया। अटारी चेक पोस्ट बंद कर दिया गया है। वीजा बंद कर दिया गया और उच्चायुक्तों को हटा दिया है।

सिंधु जल संधि समझौता स्थगित होने से पाकिस्तान में जल संकट छाएगा, आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी

सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए पंडित नेहरू और अयूब खान। सबसे दाएं वर्ल्ड बैंक के वाइस प्रेसिडेंट विलियम इलिफ बैठे हैं।

सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए पंडित नेहरू और अयूब खान। सबसे दाएं वर्ल्ड बैंक के वाइस प्रेसिडेंट विलियम इलिफ बैठे हैं।

सिंधु जल संधि: 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच 6 नदियों का पानी बांटने को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसे सिंधु जल संधि कहते हैं। समझौते के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) का अधिकार मिला, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का इस्तेमाल करने की परमिशन दी गई।

समझौते का मकसद: सिंधु जल समझौते का मकसद था कि दोनों देशों में जल को लेकर कोई संघर्ष न हो और खेती करने में बाधा न आए। हालांकि भारत ने हमेशा इस संधि का सम्मान किया, जबकि पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप लगातार लगते रहे हैं। भारत के पाकिस्तान से तीन युद्ध हो चुके हैं, लेकिन भारत ने कभी भी पानी नहीं रोका था, लेकिन पाकिस्तान हर बार भारत में आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार होता है।

पाकिस्तान में अब पानी का संकट होगा: पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर निर्भर है। अब भारत की तरफ से इन नदियों का पानी रोक देने से पाकिस्तान में जल संकट गहराएगा। वहां की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी। इसके अलावा पाकिस्तान कई डैम और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से बिजली बनाता है। पानी की कमी से बिजली उत्पादन में गिरावट आ सकती है, जिससे आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा।

पहलगाम हमले के बाद 4 सार्वजनिक कार्यक्रमों में मोदी के भाषण

अब भारत के हक का पानी भारत में ही रहेगा

6 मई को ABP न्यूज की समिट में पीएम मोदी ने ​​​​​कहा- दशकों तक हमारी नदियों का पानी झगड़े का मुद्दा रहा। हमारी सरकार ने नदियों को जोड़ने का बड़ा फैसला किया है। आजकल मीडिया में पानी को लेकर बहुत बातें चल रही हैं।

पहले भारत के हक का पानी भी बाहर जा रहा था। अब भारत का पानी भारत के हक में बहेगा, हक में रुकेगा और भारत के ही काम आएगा।’ पीएम ने यह बात सिंधु जल समझौते के संदर्भ में कही।

मधुबनी में PM मोदी ने कहा था- आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का समय आया

पहलगाम अटैक के 2 दिन बाद 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी पहुंचे PM मोदी ने कहा था- पहलगाम के दोषियों को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। आतंकियों को कल्पना से भी बड़ी सजा मिलकर रहेगी।

आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने भाई, किसी ने जीवन साथी खोया। इनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़, कोई गुजराती था, कोई बिहार का लाल था। आज सभी की मृत्यु पर कारगिल से कन्याकुमारी तक हमारा आक्रोश एक जैसा है।


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