Thursday, April 18, 2024
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CG: दुर्ग के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को राष्ट्रीय गुणवत्ता सर्टिफिकेट.. छत्तीसगढ़ का पहला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफाइड उप स्वास्थ्य केंद्र बना, केंद्र से मदद मिलेगी

दुर्ग: जिले का अमलेश्वर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर छत्तीसगढ़ राज्य का पहला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफाइड उप स्वास्थ्य केंद्र बन गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है। अब अमलेश्वर के वेलनेस सेंटर को 3 साल तक केंद्र की सहायता भी मिलेगी। इससे यहां बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं तेजी से विस्तार हो सकेगा। बीएमओ पाटन डॉ. आशीष शर्मा ने बताया कि केंद्र की टीम ने सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निरीक्षण किया था। वहां दी जाने वाली चिकित्सीय सुविधाओं को देखा था। टीम ने खुद मरीजों से बात की और स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली थी। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल की ओपीडी की जानकारी ली। आवश्यक उपकरणों की स्थिति देखी और अमलेश्वर के निवासियों से भी बातचीत की। इसके बाद टीम जांच करके यहां से चली गई। उन्होंने जो रिपोर्ट केंद्र में जमा की उसके मुताबिक गुणवत्ता के मामले में अस्पताल का स्कोर 94 प्रतिशत रहा। इसी हाई स्कोर को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य से एक मात्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफिकेट दिया गया है।

हेल्थ सेंटर की तीन चीजों को जांच टीम ने सराहा
दुर्ग सीएमएचओ डॉ. जेपी मेश्राम ने बताया कि अमलेश्वर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तीन सुविधाओं को देखकर टीम ने सराहा और इसी की वजह से ये उपलब्धि मिली है। पहला यहां टेली कंसल्टेशन। दूसरा ओपीडी और प्रशव की सुविधा और तीसरा समुदाय से भी विशेष सहयोग मिलना।

हॉस्पिटल में टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध
अमलेश्वर के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध है। यहां न केवल स्थानीय स्तर पर बीमारियों का परीक्षण किया जाता है बल्कि टेली कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बड़े अस्पताल के डॉक्टरों को कनेक्ट कर मरीजों का चिकित्सकीय परीक्षण किया जाता है। उदाहरण के लिए मानसिक बीमारियों के मामले में देश की मानी हुई संस्थान निमहंस बेंगलुरु के विशेषज्ञ जुड़ते हैं। इसी तरह से अन्य बीमारियों में भी स्वास्थ्य केंद्रों से लगातार संपर्क बना रहता है।

हर दिन 40 की ओपीडी और संस्थागत प्रसव की सुविधा
टीम ने जांच के दौरान पाया कि अस्पताल में हर दिन 35 से 40 लोगों की ओपीडी हो रही है। ओपीडी में दिल की बीमारी, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को मरीज भी पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही यहां संस्थागत प्रसव की सुविधा भी उपलब्ध है। अप्रैल महीने से अब तक यहां 21 सुरक्षित प्रसव हो चुके हैं।

समुदाय का भी बढ़िया योगदान
स्वास्थ्य मंत्रालय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की उपयोगिता का बड़ा मापदंड यह भी रखता है कि इसे संचालित करने में स्थानीय समुदाय की कैसी भूमिका है। अमलेश्वर के संबंध में अच्छी बात यह हुई कि यहां ग्राम पंचायत ने अस्पताल के संचालन में काफी रुचि ली। अस्पताल मुरूम खदान के निकट की भूमि में था। इसके चारों ओर बाउंड्री वाल अपने खर्च पर पंचायत ने खड़ी की। इसमें लगभग 5 लाख रुपये की राशि लगी। अस्पताल के विकास के लिए पंचायत का बढ़िया योगदान रहता है।

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