Tuesday, December 30, 2025

              नई दिल्ली: GST में 12% और 28% वाले स्लैब खत्म होंगे, 5% और 18% स्लैब को GoM की मंजूरी, इससे रोजाना इस्तेमाल की चीजें सस्ती होंगी

              नई दिल्ली: GST काउंसिल के मंत्रियों के समूह ने GST के 12% और 28% के स्लैब को खत्म करने की मंजूरी दे दी है। अब GST के सिर्फ दो स्लैब 5% और 18% ही होंगे। लग्जरी आइटम्स 40% के दायरे में आएंगे। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) के संयोजक सम्राट चौधरी ने इसकी जानकारी दी। अभी जीएसटी के 4 स्लैब 5%, 12%, 18%, और 28% होते हैं।

              GoM की बैठक पर इसके संयोजक सम्राट चौधरी ने कहा- हमने केंद्र सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिसमें 12% और 28% के जीएसटी स्लैब को खत्म करने की बात है।

              सभी ने केंद्र के प्रस्तावों पर अपने सुझाव दिए। कुछ राज्यों ने कुछ आपत्तियां भी जताईं। इसे GST काउंसिल के पास भेजा गया है जो इस पर फैसला लेगी।

              प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से कहा था कि इस साल दिवाली में बड़ा तोहफा मिलने वाला है। हम नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स लेकर आ रहे हैं। सामान्य लोगों के लिए टैक्स कम कर देंगे, रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएगी, लोगों को बहुत फायदा होगा।

              प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी रिफॉर्म्स का ऐलान किया था।

              प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी रिफॉर्म्स का ऐलान किया था।

              ये सामान सस्ते होंगे: इन पर टैक्स 12% से 5% होगा

              एक्सपर्ट के मुताबिक सूखे मेवे, ब्रांडेड नमकीन, टूथ पाउडर, टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल, सामान्य एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर दवाएं, प्रोसेस्ड फूड, स्नैक्स, फ्रोजन सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क, कुछ मोबाइल, कुछ कंप्यूटर, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, गीजर जैसी चीजें सस्ती होंगी।

              इनके अलावा बिना बिजली वाले पानी के फिल्टर, इलेक्ट्रिक आयरन, वैक्यूम क्लीनर, 1000 रुपए से ज्यादा के रेडीमेड कपड़े, 500-1000 रुपए की रेंज वाले जूते, ज्यादातर वैक्सीन, एचआईवी/टीबी डायग्नोस्टिक किट, साइकिल, बर्तन पर भी कम टैक्स लगेगा।

              ज्योमेट्री बॉक्स, नक्शे, ग्लोब, ग्लेज्ड टाइल्स, प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग, वेंडिंग मशीन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन, कृषि मशीनरी, सोलर वॉटर हीटर जैसे प्रोडक्ट भी 12% के टैक्स स्लैब में आते हैं। दो स्लैब की मंजूरी के बाद इन पर 5% टैक्स लगेगा।

              ये सामान भी सस्ते होंगे: इन पर टैक्स 28% से 18% होगा

              सीमेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट, चॉकलेट, रेडी-मिक्स कंक्रीट, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, डिशवॉशर, निजी विमान, प्रोटीन कॉन्सेंट्रेट, चीनी सिरप, कॉफी कॉन्सेंट्रेट, प्लास्टिक प्रोडक्ट, रबर टायर, एल्युमिनियम फॉयल, टेम्पर्ड ग्लास, प्रिंटर, रेजर, मैनिक्योर किट, डेंटल फ्लॉस।

              GoM में अलग-अलग राज्यों के वरिष्ठ मंत्री

              GoM सरकार की एक विशेष समिति है, जिसमें अलग-अलग राज्यों के सीनियर मिनिस्टर शामिल होते हैं। इसे जीएसटी से जुड़े जटिल मुद्दों, जैसे टैक्स रेट बदलना या राजस्व विश्लेषण पर चर्चा और सिफारिशें देने के लिए बनाया जाता है। यह जीएसटी काउंसिल को सुझाव देता है।

              इनमें 6 से 13 सदस्य तक हो सकते हैं। जैसे जीएसटी रेट रेशनलाइजेशन GoM में 6 सदस्य हैं। इसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, और केरल के प्रतिनिधि शामिल हैं। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी GoM में 13 सदस्य हैं।

              GOM की मंजूरी के बाद अब आगे क्या होगा?

              • GoM की सिफारिशें अब जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में रखी जाएंगी। यह बैठक जल्द ही हो सकती है, क्योंकि ऐसे बड़े बदलावों पर तेजी से फैसला लिया जाता है।
              • काउंसिल में सभी राज्य अपने विचार रखेंगे। कुछ राज्यों ने पहले ही कुछ आपत्तियां जताई हैं। इन आपत्तियों पर चर्चा होगी और सभी को सहमत करने की कोशिश की जाएगी।
              • अगर काउंसिल 75% बहुमत से प्रस्ताव पास कर देती है, तो केंद्र और राज्य सरकारें इसे लागू करने के लिए जरूरी कानूनी और तकनीकी कदम उठाएंगी।
              • नई दरें लागू होने की तारीख तय की जाएगी, और कारोबारियों/उपभोक्ताओं को इसके बारे में पहले से सूचना दी जाएगी ताकि वे तैयार हो सकें।

              जीएसटी काउंसिल में केंद्र और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि (आमतौर पर वित्त मंत्री) शामिल होते हैं। केंद्र की वित्त मंत्री इसकी अध्यक्ष होती हैं।

              कब तक हो सकता है फैसला?

              जीएसटी काउंसिल की बैठकें आमतौर पर हर कुछ महीनों में होती हैं। चूंकि यह प्रस्ताव बड़ा है और GoM ने पहले ही समर्थन दे दिया है, अगली बैठक शायद सितंबर या अक्टूबर 2025 में हो सकती है। अगर मंजूरी मिलती है, तो नई दरें 2026 की शुरुआत तक लागू हो सकती हैं।


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