Wednesday, July 2, 2025

नई दिल्ली: कतर के अमीर शेख तमीम 2 दिन की भारत यात्रा पर, आज पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे

नई दिल्ली: कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी आज पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। साथ ही वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। शेख तमीम बिन हमद अल थानी का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। राष्ट्रपति मुर्मू उनके सम्मान में स्टेट डिनर रखेंगी।

अमीर अल-थानी कल रात यानी 17 फरवरी को भारत पहुंचे थे। खुद पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर उन्हें रिसीव करने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे थे। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। कतर के अमीर 17 फरवरी को दो दिन की भारत यात्रा पर पहुंचे हैं।

उनकी इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। साल 2024 के अंत में विदेश मंत्री एस जयशंकर कतर पहुंचे थे। यहां उन्होंने कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी से मुलाकात की थी। यह एक साल में उनकी चौथी कतर यात्रा थी।

कतर के अमीर से नई दिल्ली के एयरपोर्ट पर मिलते पीएम मोदी।

कतर के अमीर से नई दिल्ली के एयरपोर्ट पर मिलते पीएम मोदी।

भारत और कतर में 2 MOU साइन हुए

भारत और कतर के बीच सोमवार को दिल्ली में 2 MOU (समझौता ज्ञापन) पर साइन हुए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी मौजदू रहे हैं। दोनों ने भारत-कतर के बीच ज्वाइंट ट्रेड फोरम की शुरुआत की।

पीयूष गोयल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं।

भारत के लिए कतर क्यों खास?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद यूरोप से लेकर मिडिल ईस्ट तक में अनिश्चितता का माहौल है। ट्रम्प कब कौन फैसले करेंगे इसका किसी को अंदाजा नहीं है। ट्रम्प अपने पिछले कार्यकाल में ईरान के मामले में काफी सख्त थे। इस बार भी वे ईरान पर नए प्रतिबंध लगा सकते हैं।

ऐसे में अपनी ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के लिए भारत, कतर को एक सुरक्षित विकल्प के तौर पर देख रहा है। कतर भारत का सबसे बड़ा LNG सप्लायर है। भारत की जरुरत का 50% LNG कतर से ही आता है। इसके अलावा कतर, भारत की जरुरत का 30% LPG उपलब्ध कराता है।

भारत का कतर के साथ 10.64 अरब डॉलर का व्यापार घाटा

ऑब्जरवेट्री ऑफ इकोनॉमिक कॉम्पलेक्सिटी (OEC) के मुताबिक भारत और कतर के बीच साल 2023-24 में 14.04 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। हालांकि कतर और भारत के व्यापार में भारत का व्यापार घाटा बहुत ज्यादा है। कतर, भारत से 1.70 अरब डॉलर का सामान खरीदता है।

वहीं, भारत, कतर से 12.34 डॉलर मूल्य का सामान खरीदता है। ऐसे में भारत का कतर के साथ 10.64 अरब डॉलर का व्यापार घाटा है। भारत, कतर से सबसे ज्यादा पेट्रोलियम गैस (9.71 अरब डॉलर) खरीदता है तो वहीं कतर, भारत से सबसे ज्यादा चावल (1.33 हजार करोड़ रुपए) खरीदता है।

कतर में 15 हजार भारतीय कंपनियां

कतर चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक कतर में 15 हजार के करीब भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं। इनमें लार्सन एंड टुब्रो, टीसीएस और महिंद्रा जैसे बड़ी कंपनियां शामिल हैं। कतर में लगभग 8 लाख 35 हजार भारतीय नागरिक हैं, जो मेडिकल, इंजीनियरिंग, एजुकेशन, फाइनेंस और लेबर जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं।

साल 2022 में भारत-कतर बीच तनाव पैदा हो गया था। दरअसल, बीजेपी की प्रवक्ता रहीं नुपूर शर्मा ने एक टीवी शो में पैगंबर मोहम्महद के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। तब कतर ने ही सबसे पहले प्रतिक्रिया दी थी। कतर ने भारत सरकार से इसकी शिकायत की थी और सार्वजनिक माफी मांगने को कहा था।


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