
नई दिल्ली: सरकार ने मई 2025 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 2.01 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। सालाना आधार पर इसमें 16.4% की बढ़ोतरी हुई है। रविवार 1 जून को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले यानी मई 2024 में सरकार ने 1.73 लाख करोड़ रुपए GST कलेक्ट किया था।
इससे पिछले महीने अप्रैल 2025 में सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 2.37 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। सालाना आधार पर इसमें 12.6% की बढ़ोतरी हुई थी। ये GST कलेक्शन का रिकॉर्ड था।
पिछले महीने डोमेस्टिक ट्रांजैक्शन से ₹1.90 लाख करोड़ जुटाए
सरकार ने अप्रैल में डोमेस्टिक ट्रांजैक्शन से 1.90 लाख करोड़ टैक्स वसूला था। सालाना आधार पर इसमें 10.7% की ग्रोथ हुई है। वहीं, इम्पोर्ट के जरिए 46,913 करोड़ GST सरकार ने जुटाया है। एक साल में इसमें 20.8% की बढ़ोतरी हुई है।
- अप्रैल में सरकार ने टोटल 27,341 करोड़ रुपए की राशि रिफंड की।
- रिफंड के बाद जुलाई के लिए नेट GST कलेक्शन 2.09 लाख करोड़ रुपए रहा।
- पिछले वर्ष की समान अवधि (जुलाई 2023) की तुलना में ये 9.1% ज्यादा है।
इकोनॉमी की हेल्थ दिखाता है GST कलेक्शन
जीएसटी कलेक्शन इकोनॉमिक हेल्थ का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। हायर कलेक्शन मजबूत उपभोक्ता खर्च, औद्योगिक गतिविधि और प्रभावी कर अनुपालन का संकेत देते हैं।
अप्रैल महीने में बिजनेसेज अक्सर मार्च से वर्ष के अंत के लेन-देन को क्लियर करते हैं, जिससे टैक्स फाइलिंग्स और कलेक्शन्स में वृद्धि होती है। KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि अब तक का हाईएस्ट GST कलेक्शन मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।
2017 में लागू हुआ था GST
सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को हटा दिया गया था। GST के 7 साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने पिछले सात वर्षों के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों को लेकर पोस्ट किया।
GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स जैसे VAT, सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं।
GST को चार हिस्सों में डिवाइड किया गया है:
- CGST (केंद्रीय जीएसटी): केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है।
- SGST (राज्य जीएसटी): राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है।
- IGST (एकीकृत जीएसटी): अंतरराज्यीय लेनदेन और आयात पर लागू, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित।
- उपकर: स्पेसिफिक पर्पज के लिए फंड जुटाने के लिए स्पेसिफिक गुड्स (जैसे, लग्जरी आइटम्स, तंबाकू) पर लगाया जाने वाला अतिरिक्त शुल्क।

(Bureau Chief, Korba)