नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की डिफेंस कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए बुधवार को 6900 करोड़ रुपए की डील साइन की। इसके तहत अब 307 एडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) यानी हॉवित्जर तोपों को खरीदा जाएगा। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में स्वदेशी तोपें खरीदी जा रही हैं।
यह डील भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ हुई है। इसमें भारत फोर्ज 60% तोपों का निर्माण करेगी, जबकि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स 40% का प्रोडक्शन करेगी।
ATAGS तोपें: भारत में बनी, दुश्मनों पर भारी
जैसा कि इसके नाम Advanced Towed Artillery Gun System से जाहिर है कि यह टोव्ड गन यानी ऐसी तोप है जिसे ट्रक से खींचा जाता है। हालांकि यह गोला दागने के बाद बोफोर्स की तरह कुछ दूर खुद ही जा सकती है। इस तोप का कैलिबर 155MM है। मतलब यह कि इस आधुनिक तोप से 155MM वाले गोले दागे जा सकते हैं।
ATAGS को हॉवित्जर भी कहा जाता है। हॉवित्जर यानी छोटी तोपें। दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध और उसके बाद तक युद्ध में बड़ी और भारी तोपों का इस्तेमाल होता था। इन्हें लंबी दूरी तक ले जाने और ऊंचाई पर तैनात करने में काफी मुश्किलें होती थीं। ऐसे में हल्की और छोटी तोपें बनाई गईं, जिन्हें हॉवित्जर कहा गया।
इसे देशी बोफोर्स के नाम से भी जाना जाता है।
इस तोप को DRDO की पुणे स्थित लैब ARDE ने भारत फोर्ज लिमिटेड, महिंद्रा डिफेंस नेवल सिस्टम, टाटा पावर स्ट्रैटजिक और ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने डेवलप किया है। 2013 में इसके डेवलपमेंट का काम शुरू हुआ था और पहला कामयाब टेस्ट 14 जुलाई 2016 को किया गया। इस तोप का इस्तेमाल और खासियत काफी कुछ बोफोर्स तोप से मिलती-जुलती है, इसलिए इसे देशी बोफोर्स भी कहा जाता है।
सेना की ताकत बढ़ाने के लिए हाल ही में हुई अन्य डील्स
- दिसंबर 2023: रक्षा मंत्रालय ने L&T और दक्षिण कोरिया की हानव्हा डिफेंस के साथ 7,629 करोड़ रुपए में 100 K-9 वज्र-T सेल्फ-प्रोपेल्ड गन की खरीद का सौदा किया।
- फरवरी 2024: मंत्रालय ने 10,147 करोड़ रुपए की लागत से 45 किमी रेंज वाले हाई-एक्सप्लोसिव रॉकेट्स और 37 किमी रेंज वाले एरिया डिनायल म्यूनिशन की डील की, जिससे सेना के पिनाका मल्टी-लॉन्च आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम की ताकत और बढ़ेगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध से सबक लेते हुए भारतीय सेना लगातार अपनी मारक क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। ATAGS डील न सिर्फ भारतीय सेना को और मजबूत बनाएगी, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

(Bureau Chief, Korba)