Tuesday, December 30, 2025

              नई दिल्ली: जून के पहले हफ्ते से शुरू हो सकती है ITR-फाइलिंग, आम तौर पर 1 अप्रैल से शुरू हो जाती थी प्रोसेस

              नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइलिंग की प्रोसेस जून के पहले हफ्ते से शुरू हो सकती है। आम तौर पर ये 1 अप्रैल से शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल इसमें देरी हो रही है। देरी की वजह आईटीआर फॉर्म के लिए जरूरी ऑनलाइन टूल्स उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।

              आईटीआर फाइलिंग की देरी के कारण और प्रभाव को सवाल-जवाब में समझें…

              सवाल 1: इस साल आईटीआर फाइलिंग में देरी क्यों हो रही है?

              जवाब: इस साल आईटीआर फाइलिंग की प्रक्रिया में देरी की मुख्य वजह आईटीआर फॉर्म के लिए ऑनलाइन संबंधित सुविधाओं (e-filing utilities) की अनुपलब्धता है।

              सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस यानी, CBDT ने ITR-1 से ITR-7 तक सभी फॉर्म्स को अधिसूचित कर दिया है, लेकिन इनके लिए जरूरी ऑनलाइन टूल्स, जैसे कि JSON, Excel, और ऑनलाइन e-filing यूटिलिटीज, अभी तक पोर्टल पर उपलब्ध नहीं किए गए हैं।

              एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह देरी फॉर्म्स में किए गए बदलावों, बैकएंड टेक्नोलॉजी अपग्रेड, और डेटा इंटीग्रेशन (जैसे AIS और TIS के साथ) के कारण हो सकती है।

              सवाल 2: आईटीआर फाइलिंग की प्रक्रिया कब तक शुरू होगी?

              जवाब: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अभी तक कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रक्रिया जून 2025 के पहले हफ्ते से शुरू हो सकती है।

              रोलआउट चरणबद्ध तरीके से होगा, जिसमें पहले सरल फॉर्म्स जैसे ITR-1 और ITR-4 को शुरू किया जाएगा, उसके बाद जटिल फॉर्म्स जैसे ITR-2 और ITR-3 को।

              सवाल 3: ई-फाइलिंग यूटिलिटीज क्या हैं और ये इतनी जरूरी क्यों हैं?

              जवाब: e-filing यूटिलिटीज वे सॉफ्टवेयर टूल्स हैं जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को अपने रिटर्न फाइल करने के लिए देता है। ये दो तरह के होते हैं:

              • ऑनलाइन यूटिलिटी: यह ज्यादातर व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स जैसे सैलरीड लोग इस्तेमाल करते हैं। इसमें प्री-फिल्ड डेटा जैसे सैलरी, ब्याज आय, और TDS होता है।
              • JSON और Excel यूटिलिटीज: ये टैक्स प्रोफेशनल्स इस्तेमाल करते हैं, जहां डेटा ऑफलाइन भरकर पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।

              इन टूल्स के बिना रिटर्न फाइल करना संभव नहीं है, क्योंकि ये डेटा वैलिडेशन, फॉर्म सबमिशन, और सिस्टम इंटीग्रेशन के लिए जरूरी हैं।

              सवाल 4: इस देरी का टैक्सपेयर्स पर क्या असर पड़ रहा है?

              जवाब: जो लोग जल्दी रिफंड की उम्मीद कर रहे हैं, उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए, जिन्होंने ज्यादा TDS या एडवांस टैक्स भरा है, वे रिफंड के लिए फाइलिंग शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

              सवाल 5: क्या आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तारीख बढ़ाई जाएगी?

              जवाब: अभी तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अंतिम तारीख बढ़ाने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। गैर-ऑडिट टैक्सपेयर्स के लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है।

              विशेषज्ञों का मानना है कि चूंकि ज्यादातर लोग जून और जुलाई में रिटर्न फाइल करते हैं, और डिपार्टमेंट के पास अभी समय है, इसलिए तारीख बढ़ने की संभावना कम है। हालांकि, अगर जून के अंत तक यूटिलिटीज उपलब्ध नहीं होतीं, तो तारीख बढ़ सकती है।

              सवाल 6: अगर समय पर रिटर्न फाइल नहीं किया तो क्या होगा?

              जवाब: अगर 31 जुलाई 2025 तक रिटर्न फाइल नहीं होती, तो 5 लाख से कम आय वालों के लिए 1,000 रुपए और 5 लाख से ज्यादा आय वालों के लिए 5,000 रुपये की पेनल्टी लगेगी।

              वहीं बकाया टैक्स पर सेक्शन 234A के तहत 1% मासिक ब्याज लगेगा। हाउस प्रॉपर्टी को छोड़कर बिजनेस या कैपिटल लॉस को अगले साल कैरी फॉरवर्ड भी नहीं किया जा सकेगा।


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