नई दिल्ली: वक्फ बिल में बदलावों को संसद की संयुक्त समिति (JPC) ने सोमवार को मंजूरी दे दी। JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि इस फाइनल मीटिंग में सभी 44 संशोधनों पर चर्चा की गई। इनमें NDA सांसद के 14 सुझावों को मंजूरी दे दी गई है। विपक्षी सदस्यों ने भी कुछ प्रस्ताव रखे, लेकिन वोटिंग के दौरान इन्हें नकार दिया गया।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। वक्फ संपत्तियों को रेगुलराइज करने के लिए बने वक्फ एक्ट 1995 की मिस-मैनेजमेंट, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है।
JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक के बाद कहा कि समिति द्वारा अपनाए गए संशोधन कानून को बेहतर और अधिक प्रभावी बनाएंगे। हालांकि विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट करने का आरोप लगाया।
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि बैठकों का यह दौर हास्यास्पद था। हमारी बात नहीं सुनी गई। पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है। इस पर जगदंबिका पाल ने कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय को प्राथमिकता दी गई।
JPC में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 मेंबर्स
JPC की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि BJP दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।
हुर्रियत नेता बोले- संशोधन मुस्लिमों के खिलाफ
24 जनवरी की बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने कहा, ‘इसमें कलेक्टर को मनमानी शक्तियां दी गई हैं। आदेश देकर और रेवेन्यू रिकॉर्ड्स में दर्ज एंट्रीज को बदलकर वक्फ प्रॉपर्टीज को सरकारी प्रॉपर्टी दर्शाने का पूरा अधिकार दिया गया है। ये संशोधन पूरी तरह से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं।’
भाजपा सांसद बोले- विपक्ष नहीं चाहता रिपोर्ट पेश की जाए
दिल्ली में हुई मीटिंग पर JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा- मैंने सभी जेपीसी सदस्यों को अपने विचार रखने की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि जब मैंने उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश की, तो उन्होंने नारेबाजी, शोर मचाना, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और खूब हंगामा किया। विपक्षी सांसद बैठक को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की। बैठक की कार्यवाही को रोकना उनकी रणनीति का हिस्सा है और वे नहीं चाहते कि रिपोर्ट पेश की जाए।
4 अप्रैल तक चलेगा बजट सत्र
जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है।
22 अगस्त को पहली बैठक हुई थी
संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था।
विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी। बिल में 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होनी थी।
(Bureau Chief, Korba)