नई दिल्ली: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 या असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आईटीआर-1 और 4 के लिए एक्सेल यूटिलिटी उपलब्ध करा दी है। डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को कहा कि करदाता अब अपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर कर इस बात की जानकारी दी। डिपार्टमेंट ने पोस्ट में लिखा, ‘टैक्सपेयर्स ध्यान दें, ITR-1 और ITR-4 के लिए एक्सेल यूटिलिटी अब अवेलेबल है।’ यह कदम टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न फाइलिंग को आसान और सहज बनाने के लिए उठाया गया है।
ITR-1 फॉर्म किन टैक्सपेयर्स के लिए है?
इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म-1 (ITR-1) उन टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनकी कमाई लिमिटेड सोर्स से होती है। इस फॉर्म को सहज नाम दिया गया है। मौजूदा असेसमेंट ईयर के लिए इस फॉर्म को केवल 50 लाख रुपए या उससे कम की कमाई वाले रेजिडेंट इंडिविजुअल फाइल कर सकते हैं।
इसमें सैलरी, मकान से होने वाली कमाई, ब्याज समेत अन्य इनकम सोर्स, जिन पर सेक्शन 112A के तहत 1.25 लाख रुपए तक का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन और 5,000 रुपए तक की एग्रीकल्चर इनकम शामिल हो सकती है। अगर आप भी इन पैरामीटर्स पर फिट बैठते हैं, तो रिटर्न दाखिल करने के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ITR-4 फॉर्म कौन भर सकता है?
वहीं ITR-4 फॉर्म को सुगम नाम दिया गया है। यह रिटर्न फॉर्म छोटे-मोटे कारोबार या प्रोफेशन से कमाई करने वाले लोगों के लिए है। इसे रेजिडेंट इंडिविजुअल्स, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और फर्म्स (LLP को छोड़कर) भर सकते हैं।
हालांकि, आपकी टोटल एनुअल इनकम 50 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। जबकि कारोबार या प्रोफेशन से होने वाली इनकम का कैलकुलेशन सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE के तहत किया जाएगा। इसमें सेक्शन 112A के तहत 1.25 लाख रुपए तक का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) भी शामिल है।
15 सितंबर तक फाइल कर सकते हैं इनकम टैक्स
इससे पहले टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2025 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। इनकम टैक्स विभाग ने 27 मई को इसकी जानकारी दी थी।
आमतौर पर ITR फाइलिंग 1 अप्रैल से शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल इसमें देरी हो रही है। पिछले साल भी ये अप्रैल में शुरू हुई थी। देरी की वजह ITR फॉर्म के लिए जरूरी ऑनलाइन टूल्स उपलब्ध नहीं होना था।

सीए बोले- एक्सटेंशन से टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी
CA आनंद जैन ने कहा था- ‘यह विस्तार स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि 27 मई 2025 को शाम 5 बजे तक टैक्स पोर्टल पर ITR दाखिल करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
कई मामलों में एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट यानी AIS भी ठीक से नहीं मिल रहा है। इसलिए यह एक्सटेंशन प्रोफेशनल्स और टैक्सपेयर्स दोनों को राहत देगा।’
ई-फाइलिंग यूटिलिटीज क्या हैं और ये इतनी जरूरी क्यों हैं?
e-filing यूटिलिटीज वे सॉफ्टवेयर टूल्स हैं, जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को अपने रिटर्न फाइल करने के लिए देता है। ये दो तरह के होते हैं:
- ऑनलाइन यूटिलिटी: यह ज्यादातर व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स जैसे सैलरीड लोग इस्तेमाल करते हैं। इसमें प्री-फिल्ड डेटा जैसे सैलरी, ब्याज, आय और TDS होता है।
- JSON और Excel यूटिलिटीज: ये टैक्स प्रोफेशनल्स इस्तेमाल करते हैं, जहां डेटा ऑफलाइन भरकर पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
इन टूल्स के बिना रिटर्न फाइल करना संभव नहीं है, क्योंकि ये डेटा वैलिडेशन, फॉर्म सबमिशन और सिस्टम इंटीग्रेशन के लिए जरूरी हैं।
अगर समय पर रिटर्न फाइल नहीं किया तो क्या होगा?
अगर 15 सितंबर 2025 तक रिटर्न फाइल नहीं होता तो 5 लाख से कम आय वालों के लिए 1,000 रुपए और 5 लाख से ज्यादा आय वालों के लिए 5,000 रुपए की पेनाल्टी लगेगी।
वहीं, बकाया टैक्स पर सेक्शन 234A के तहत 1% मासिक ब्याज लगेगा। हाउस प्रॉपर्टी को छोड़कर बिजनेस या कैपिटल लॉस को अगले साल कैरी फॉरवर्ड भी नहीं किया जा सकेगा।

(Bureau Chief, Korba)