Tuesday, December 30, 2025

              नई दिल्ली: PM मोदी ने ₹35 हजार 440 करोड़ की दो बड़ी कृषि योजनाएं शुरू कीं, बोले- हमने बीज से लेकर बाजार तक सुधार किए, पिछली सरकारों ने कृषि को छोड़ा

              नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार दोपहर दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में कृषि क्षेत्र के लिए ₹35 हजार 440 करोड़ की दो बड़ी योजनाएं शुरू कीं। उन्होंने पीएम ₹11,440 करोड़ की दाल उत्पादन मिशन योजना और ₹24 हजार करोड़ की पीएम धन धान्य कृषि योजना का उद्घाटन किया।

              उन्होंने कहा कि, ‘कृषि और खेती हमेशा हमारे विकास यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। समय के साथ यह जरूरी है कि कृषि को सरकार का समर्थन मिलता रहे। दुर्भाग्य से पिछली सरकारों ने कृषि को छोड़ दिया था।’

              पीएम ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को तेजी से विकसित करने के लिए हमारी कृषि प्रणाली में सुधार आवश्यक था। यह काम 2014 में शुरू हुआ। हमने पिछली सरकारों के लापरवाह रवैये को बदला। बीज से लेकर बाजार तक, किसानों के लाभ के लिए अनगिनत सुधार किए।

              पीएम मोदी के संबोधन की जरूरी बातें…

              पिछली सरकारों ने पिछड़े जिलों को भुलाया

              पीएम मोदी ने कहा- पिछली सरकारों ने देश के 100 से अधिक जिलों को पिछड़ा घोषित किया, फिर उन्हें भुला दिया। हमने इन जिलों पर विशेष ध्यान दिया, इन्हें आशास्पद जिले (Aspirational Districts) घोषित किया।

              इन जिलों को सह-संयोजन, सहयोग और प्रतिस्पर्धा के अपने मंत्र से बदला। यहां की 20% बस्तियों में स्वतंत्रता के बाद भी सड़क नहीं थी। आज इन बस्तियों का अधिकांश हिस्सा सड़कों से जुड़ चुका है।

              पहले यहां के 17% बच्चों को टीकाकरण का लाभ नहीं मिल रहा था, लेकिन आज मिल रहा है। 15% से अधिक स्कूलों में बिजली नहीं थी, लेकिन अब योजना के तहत हर स्कूल में बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है।

              दूध के प्रोडक्शन भारत नंबर 1

              पीएम ने कहा- भारत दुनिया में दूध उत्पादन में नंबर वन हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है। 2014 के मुकाबले शहद का उत्पादन भी दोगुना हुआ है। अंडे का प्रोडक्शन भी पिछले 11 सालों में दोगुना हुआ।

              उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में भारत का कृषि निर्यात लगभग दोगुना हो गया है। अन्न उत्पादन में लगभग 90 मिलियन मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। फल और सब्जियों का उत्पादन 64 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक बढ़ा है।

              पिछले 11 सालों में देश में छह बड़े फर्टीलाइजर प्लांट बनाए गए। किसानों को 2.5 करोड़ से अधिक मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड बांटे। माइक्रो-इरीगेशन की सुविधा 100 लाख हेक्टेयर तक पहुंची। PM फसल बीमा योजना से लगभग ₹2 लाख करोड़ के क्लेम मिले।

              10 हजार से ज्यादा किसान उत्पादक संघ का गठन

              पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 11 साल में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पादक संघ (FPOs) का गठन किया गया। इन सालों में देश के किसानों ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

              आज देश का स्वभाव ऐसा हो गया है कि सिर्फ कुछ उपलब्धियों से संतुष्टि नहीं होती। यदि हम विकसित बनना चाहते हैं, तो हमें हर क्षेत्र में लगातार सुधार करना होगा। पीएम धन-धान्य कृषि योजना इसी सोच का परिणाम है।

              कार्यक्रम की 2 तस्वीरें…

              पीएम मोदी ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर नमन किया।

              पीएम मोदी ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर नमन किया।

              पीए मोदी ने किसानों से चर्चा की और उनकी समस्याएं सुनी और सुझाव भी सुने।

              पीए मोदी ने किसानों से चर्चा की और उनकी समस्याएं सुनी और सुझाव भी सुने।

              ₹815 करोड़ के प्रोजेक्ट की नींव रखी

              पीएम मोदी ने कार्यक्रम में 815 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाली आंध्र प्रदेश में इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन सुविधाएं, उत्तराखंड में ट्राउट मत्स्य पालन, नगालैंड में एकीकृत एक्वा पार्क, पुडुचेरी में स्मार्ट फिशिंग हार्बर और ओडिशा के हीराकुंड में एडवांस्ड एक्वा पार्क की भी नींव रखी।

              शिवराज सिंह चौहान बोले- किसानों को सही मूल्य मिले

              कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाया है। MSP बढ़ाने से तय हुआ है कि किसानों को उनकी उपज के लिए सही और पूरा मूल्य मिले। हम प्रधानमंत्री के आभारी हैं क्योंकि पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत अब तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपए जमा किए जा चुके हैं।

              दाल उत्पादन मिशन के लक्ष्य…

              • दालों की पैदावार बढ़ाई जाएगी
              • खेती का क्षेत्र बढ़ाया जाएगा
              • दाल की खरीद, स्टोरेज और प्रोसेसिंग को बेहतर बनाना
              • नुकसान को कम करने के उपाय किए जाएंगे

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