नई दिल्ली: अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के लिए अपने घर पैसे भेजना अब और महंगा हो सकता है। ट्रम्प प्रशासन आउटवर्ड रेमिटेंस यानी अमेरिका से बाहर दूसरे देशों में पैसा भेजने पर 5% टैक्स लगाने की योजना बना रहा है।
इससे हर साल भारत आने वाले पैसे पर अतिरिक्त 1.6 अरब डॉलर यानी करीब 13.3 हजार करोड़ रुपए टैक्स देना पड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इसके लिए एक बिल लेकर आने वाले हैं। इसका असर 4 करोड़ से अधिक लोगों पर पड़ेगा।
इनमें ग्रीन कार्ड होल्डर और H1B वीजा पर अमेरिका में रहने वाले भारतीय शामिल हैं।

ट्रम्प का यह कानून उन भारतीयों पर लागू नहीं होगा, जिनके पास अमेरिका की नागरिकता है।
भारत में विदेशों से आने वाला पैसा दो गुना हुआ
भारत में विदेशों से आने वाला पैसा पिछले एक दशक में दो गुना हो गया है। मार्च 2025 में आई RBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2010-11 में प्रवासी भारतीयों ने 55.6 अरब डॉलर भारत भेजे थे। 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 118.7 अरब डॉलर हो गया है।
भारत को सबसे ज्यादा पैसा अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों ने भेजा है। भारत आने वाले कुल पैसे में इन देशों की हिस्सेदारी आधे से ज्यादा रही। खाड़ी देशों की तुलना में भी इन देशों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है।
भारत में विदेशों से सबसे ज्यादा पैसा अमेरिका में रहने वाले प्रवासियों ने भेजा। 2020-21 में भारत आने वाले पैसे में अमेरिका की हिस्सेदारी 23.4% थी जो 2023-24 में बढ़कर 27.7% हो गई है। अमेरिका से प्रवासी भारतीयों ने करीब 32.9 अरब डॉलर भेजे हैं।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा रेमिटेंस पाने वाला देश
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा रेमिटेंस पाने वाला देश है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारत 2008 लगातार इस लिस्ट में पहले पायदान पर बना हुआ है। ग्लोबल रेमिटेंस में भारत की हिस्सेदारी 2001 में 11% थी, जो 2024 में बढ़कर 14% हो गई है।
2024 में रेमिटेंस प्राप्त करने वाले टॉप 5 देशों में 129 अरब डॉलर के साथ भारत पहले स्थान पर है। इसके बाद मेक्सिको (68 अरब डॉलर), चीन (48 अरब डॉलर), फिलीपींस (40 अरब डॉलर) और पाकिस्तान (33 अरब डॉलर) का नंबर है। इन आंकड़ों को दिसंबर 2024 में वर्ल्ड बैंक ने जारी किया था।

(Bureau Chief, Korba)