Monday, September 15, 2025

नई दिल्ली: भारत-यूरोपियन यूनियन के बीच फ्री ट्रेड पर बातचीत शुरू, EU की टीम दिल्ली पहुंची; ट्रम्प के 50% टैरिफ का असर कम करने की तैयारी

नई दिल्ली: भारत ने ट्रम्प के 50% टैरिफ के बाद कई देशों से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत तेज कर दी है। 8 सितंबर को व्यापार वार्ता के लिए यूरोपियन यूनियन (ईयू) की टीम दिल्ली पहुंची है।

ANI की रिपोर्ट के मुताबिक कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल 12 सितंबर को ईयू के ट्रेड कमिश्नर से मिलेंगे, ताकि FTA पर प्रगति की समीक्षा हो सके।

वहीं कतर के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) अगले महीने तक घोषित हो सकता है। इसके अलावा न्यूजीलैंड, चिली और पेरू के साथ भी बातचीत में तेजी आई है।

EU के साथ ट्रेड एग्रीमेंट से भारत को फायदा

भारत के लिए EU के साथ ट्रेड एग्रीमेंट फायदेमंद साबित हो सकता है। EUके साथ ट्रेड 2023-24 में $137.41 बिलियन रहा, और नई डील से यह और बढ़ेगा। कतर के साथ FTA से ऊर्जा और पेट्रोलियम सेक्टर को फायदा होगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूत करेगा, लेकिन घरेलू उद्योगों को बचाना भी चुनौती होगी।

यूएई, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस से हो चुकी डील

पिछले पांच साल में भारत ने UAE, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस जैसे देशों के साथ अहम व्यापार समझौते किए हैं। 2021 में भारत-मॉरीशस व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौता (CECPA), 2022 में भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) हुआ।

इसके बाद भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) 2024 में भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA) और 2025 में भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA) भी किए गए हैं। हालांकि, भारत-ब्रिटेन का समझौता अभी लागू नहीं हुआ है।

इसके अलावा 2025 में UK के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट समझौता तय हुआ, जो जल्द लागू होगा।

इन देशों से बातचीत तेज कर रहा भारत

भारत कई अन्य समझौतों पर भी काम कर रहा है, जैसे भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता, भारत-श्रीलंका आर्थिक और तकनीकी सहयोग समझौता, भारत-पेरू एफटीए, भारत-चिली सीईपीए भारत-न्यूजीलैंड एफटीए।

अमेरिकी टैरिफ के असर को कम करने की तैयारी

अमेरिका के भारत पर 50% टैरिफ से व्यापारिक माहौल पर असर पड़ सकता है। ऐसे केंद्र सरकार में यूरोपीय देशों के साथ समझौता करके भारतीय प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए नए बाजार तलाश कर रही है।



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