Sunday, October 26, 2025

नई दिल्ली: EC अगले हफ्ते पूरे देश में SIR शुरू कर सकता है, पश्चिम बंगाल समेत 5 राज्यों में सबसे पहले; क्योंकि यहां अगले साल होना हैं चुनाव

नई दिल्ली: चुनाव आयोग अगले हफ्ते से पूरे देश में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) शुरू कर सकता है। इसकी शुरुआत 10-15 राज्यों से होगी। उन राज्यों में SIR पहले होगी, जहां अगले एक साल में विधानसभा चुनाव होना हैं। असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होना हैं।

चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया, “उन राज्यों में SIR अभी नहीं होगा, जहां स्थानीय निकायों के चुनाव होना हैं। इसका कारण है कि निचले स्तर पर कर्मचारी उन चुनाव में व्यस्त होंगे। वे SIR के लिए समय नहीं निकाल पाएंगे। चुनाव के बाद इन राज्यों में SIR होगा।”

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की बैठक

आयोग ने SIR लागू करने की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ हाल ही में दो बैठकें की हैं। कई सीईओ ने अपनी पिछली SIR के बाद जारी की गई वोटर लिस्ट संबंधित राज्यों की वेबसाइट्स पर डाल दी है।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर 2008 की वोटर लिस्ट है। वहां 2008 में SIR हुई थी। उत्तराखंड में, अंतिम बार SIR 2006 में हुई थी वहां तब की वोटर लिस्ट अब राज्य सीईओ की वेबसाइट पर है। बिहार में भी हाल में वोटर वैरिफिकेशन हुआ है। फाइनल डेटा एक अक्टूबर को जारी किया गया।

अंतिम SIR कट-ऑफ डेट के रूप में काम करेगी

राज्यों में अंतिम SIR कट-ऑफ डेट के रूप में काम करेगी, ठीक उसी तरह जैसे बिहार की 2003 की वोटर लिस्ट का उपयोग चुनाव आयोग ने SIR के लिए किया था। अधिकांश राज्यों में वोटर लिस्ट का अंतिम बार SIR 2002 और 2004 के बीच हुआ था। अधिकांश राज्यों ने अपने-अपने राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में हुए अंतिम SIR के अनुसार वर्तमान वोटर्स का मिलान लगभग पूरा कर लिया है। SIR का प्राथमिक उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें बाहर निकालना है। यह कदम बांग्लादेश और म्यांमार सहित विभिन्न राज्यों में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के मद्देनजर महत्वपूर्ण है।

मतदाता सूची को अपडेट करना मकसद

आयोग का दावा है कि उनका पूरा ध्यान केरल, तमिलनाडु, प. बंगाल, असम और पुडुचेरी पर है, जहां मई 2026 तक चुनाव होने हैं। SIR का उद्देश्य मतदाता सूचियों में दोहरे मतदाताओं को हटाना और यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता भारतीय नागरिक है।

ऐसी समीक्षा 2 दशक बाद हो रही है, क्योंकि शहरीकरण और माइग्रेशन बढ़ने से इसकी जरूरत महसूस हुई। यहां हालात ऐसे आंध्र प्रदेश में 2003-2004 5.5 करोड़ मतदाता थे, अब 6.6 करोड़ हैं। उत्तर प्रदेश में 2003 में 11.5 करोड़ थे, अब 15.9 करोड़ हैं। दिल्ली में 2008 में 1.1 करोड़ थे, अब 1.5 करोड़ हैं।

बैठक में तय हुआ कि बीएलओ हर मतदाता के घर जाकर प्री फील्ड फॉर्म पहुंचाएंगे। इस प्रक्रिया में 31 दिसंबर तक 18 वर्ष के हर मतदाता को शामिल माना जाएगा। देशभर में 99 करोड़ 10 लाख मतदाता हैं।

इनमें से बिहार 8 करोड़ मतदाताओं की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 2002 से 2004 के बीच SIR में 70 करोड़ मतदाता दर्ज हुए थे। ऐसे में माना जा रहा है कि 21 करोड़ मतदाताओं को ही जरूरी दस्तावेज देने होंगे।

बिहार में SIR को लेकर विवाद हुआ

बिहार में चुनाव के पहले SIR को लेकर विवाद हुआ था। विपक्षी दलों ने सरकार पर वोट चोरी का आरो लगाया था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस अभी भी चल रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया को सही करार दिया। आयोग ने बिहार की अंतिम वोटर लिस्ट सुप्रीम कोर्ट में भी सौंपी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।

18 सितंबर: राहुल ने ECI प्रमुख पर लगाए थे आरोप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर को 31 मिनट का प्रजेंटेशन दिया था। इसमें उन्होंने कहा- मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र को नष्ट करने वालों और वोट चोरों को बचा रहे हैं। राहुल ने कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां कांग्रेस समर्थकों के वोट योजनाबद्ध तरीके से हटाए गए।

राहुल ने दावा किया कि आलंद में जिन वोटर्स के नाम डिलीट किए गए उनको हटाने के लिए दूसरे राज्यों में ऑपरेट हो रहे मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया। राहुल ने प्रजेंटेशन में उनके नंबर भी बताए। गोदावाई के 12 पड़ोसी के नाम भी हैं, जिन्हें इन मोबाइल नंबर्स से डिलीट किया गया।

राहुल ने 7 अगस्त को दिल्ली में कहा था- EC ने BJP के साथ चुनाव चुराया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 7 अगस्त को वोटर लिस्ट में गड़बड़ पर 1 घंटे 11 मिनट तक 22 पेज का प्रजेंटेशन दिया। राहुल ने स्क्रीन पर कर्नाटक की वोटर लिस्ट दिखाते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में संदिग्ध वोटर मौजूद हैं।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के नतीजे देखने के बाद हमारा शक पुख्ता हुआ कि चुनाव में चोरी हुई है।

चुनाव आयोग ने कहा- ऑनलाइन वोट डिलीट करना संभव नहीं

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों पर 19 सितंबर को लेटर जारी करते हुए कहा था- कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन वोट डिलीट नहीं कर सकता। वोटर लिस्ट से नाम हटाने की प्रक्रिया केवल कानूनी नियम और सुनवाई के बाद ही होती है। आयोग के मुताबिक,

कर्नाटक के आलंद में 2023 में 6,018 आवेदन आए थे, जिनमें से सिर्फ 24 सही और 5,994 गलत पाए गए। संदिग्ध गतिविधि पर आलंद पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कर जांच कलबुर्गी पुलिस को सौंपी गई। वहीं, महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले की राजुरा सीट पर 7,792 नए वोटर रजिस्ट्रेशन में से 6,861 गलत निकले और मामला पुलिस तक पहुंचा।



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