Thursday, July 3, 2025

नई दिल्ली: टूथपेस्ट, कपड़े, जूते और बर्तन जल्द सस्ते हो सकते हैं; सरकार इन आइटम्स का GST स्लैब 12% से घटाकर 5% करने की तैयारी कर रही

नई दिल्ली: टूथपेस्ट, बर्तन, कपड़े, जूते जैसे आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाले आइटम्स जल्द ही सस्ते हो सकते हैं। इस साल की शुरुआत में इनकम टैक्स में कई रियायतें देने के बाद केंद्र सरकार अब मिडिल-क्लास और लोअर-इनकम फैमिली को गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST में कटौती कर राहत देने की तैयारी कर रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार 12% GST स्लैब को पूरी तरह से खत्म करने या वर्तमान में 12% टैक्स वाले आइटम्स को 5% स्लैब में ला सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस रिस्ट्रक्चरिंग यानी बदलाव में मिडिल-क्लास और इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन के यूज में आने वाले आइटम्स शामिल होंगे।

इस कदम से सरकार पर ₹50,000 करोड़ का बोझ पड़ेगा

अगर प्रस्तावित बदलाव लागू होते हैं, तो इनमें से कई आइटम्स सस्ते हो जाएंगे। सरकार इजी-टु-कंप्लाय यानी आसान GST पर भी विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, इस कदम से सरकार पर 40,000 करोड़ रुपए से 50,000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा, लेकिन वह शुरुआती असर को झेलने के लिए तैयार है।

इससे खपत में बढ़ोतरी हो सकती है। केंद्र का मानना ​​है कि कम कीमतों से बिक्री बढ़ेगी, जिससे टैक्स-बेस बढ़ेगा और लॉन्ग टर्म GST कलेक्शन में ग्रोथ होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में एक इंटरव्यू में GST रेट्स में संभावित बदलावों का संकेत देते हुए कहा था कि सरकार जरूरी वस्तुओं पर मिडिल-क्लास को राहत देने पर विचार कर रही है।

केंद्र के दबाव के बावजूद राज्यों के बीच सहमति नहीं

केंद्र के दबाव के बावजूद राज्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है। GST के तहत दरों में बदलाव के लिए GST काउंसिल से रिकमेंडेशन की जरूरत होती है, जहां हर राज्य को मतदान का अधिकार है। वर्तमान में पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से विरोध की खबरें आ रही हैं।

इस मुद्दे पर GST काउंसिल मीटिंग में चर्चा की उम्मीद

आज तक GST काउंसिल के इतिहास में सिर्फ एक बार ही मतदान हुआ है। हर फैसला आम सहमति से लिया जाता है। इस मुद्दे पर 56वीं GST काउंसिल की मीटिंग में चर्चा होने की उम्मीद है, जो इस महीने के आखिरी में बुलाई जा सकती है।

नियम के अनुसार, काउंसिल को बुलाने के लिए कम से कम 15 दिन का नोटिस दिया जाता है। भारत में 12% GST स्लैब में आम तौर पर वे आइटम्स शामिल होते हैं, जो मिडिल-क्लास और लोअर-इनकम फैमिली के लिए आम यूज के होते हैं। हालांकि वे आइटम्स जो आम यूज में नहीं आते हैं, उन पर 0% या 5% टैक्स लगाया जाता है।


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