Saturday, April 26, 2025
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नई दिल्ली: UNESCO ने मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में भगवत गीता और नाट्यशास्त्र को शामिल किया, PM मोदी ने कहा- हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण

नई दिल्ली: श्रीमद् भगवत गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को UNESCO ने अपने मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया है। इसके साथ ही, अब हमारे देश के 14 अभिलेख यूनेस्को के रजिस्टर में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने X पर इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा- यह वैश्विक सम्मान भारत के शाश्वत ज्ञान और कलात्मक प्रतिभा का जश्न है। ये कालातीत रचनाएं साहित्यिक खजाने से कहीं अधिक हैं। ये दार्शनिक आधार हैं जिन्होंने हमारे सोचने, महसूस करने, जीने और अभिव्यक्त करने के तरीके को बेहतर बनाया है। 18 अप्रैल यानी वर्ल्ड हेरिटेज डे के दिन इसे शामिल किया गया है।

PM मोदी ने एक्स पर ट्वीट करते हुए इसे दुनिया भर में हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा- यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में गीता और नाट्यशास्त्र को शामिल करना हमारे शाश्वत ज्ञान और समृद्ध संस्कृति की वैश्विक मान्यता है। गीता और नाट्यशास्त्र ने सदियों से सभ्यता और चेतना का पोषण किया है। उनकी अंतर्दृष्टि दुनिया को प्रेरित करती रहती है।

नाट्यशास्त्र को यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया गया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे X पर शेयर किया।

नाट्यशास्त्र को यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया गया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे X पर शेयर किया।

1992 में शुरू हुआ था मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर

यूनेस्को का मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर एक अंतरराष्ट्रीय पहल है, जिसे यूनेस्को (UNESCO) ने 1992 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य विश्व के महत्वपूर्ण दस्तावेजी विरासतों को पहचान देना, उसे संरक्षित करना और लोगों की पहुंच में लाना है।

यह एक अंतरराष्ट्रीय रजिस्टर है जिसमें विश्वभर के ऐतिहासिक दस्तावेज, पांडुलिपियां, दुर्लभ पुस्तकें, चित्र, फिल्में, ऑडियो रिकॉर्डिंग, आदि को शामिल किया जाता है, जिनका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक या सामाजिक महत्व होता है।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने X पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता की प्रति शेयर की।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने X पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता की प्रति शेयर की।

2024 में शामिल हुई थी रामचरितमानस

2024 में, तीन भारतीय साहित्यिक कृतियों रामचरितमानस, पंचतंत्र, और सहृदय लोक-लोकन को ‘मैमोरी ऑफ द वर्ल्ड कमेटी फॅार एशिया एंड द पेसिफिक रीजन (MOWCAP)’ रजिस्टर में शामिल किया गया था। यह पहली बार है कि एक ही बार में भारत के तीन कृतियों को एक-साथ शामिल किया गया हो।

‘रामचरितमानस’ गोस्वामी तुलसीदास ने 16वीं शताब्दी में अवधी भाषा में लिखी थी और इसे भारतीय साहित्य और हिन्दू धर्म की सर्वोत्तम कृतियों में से एक माना जाता है। वहीं पंडित विष्णु शर्मा की पंचतंत्र कहानियों का संकलन है।


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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