Wednesday, April 24, 2024
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CG: सिपाही की पिटाई, दुखी युवक के सुसाइड पर NHRC सख्त.. मानव अधिकार आयोग ने DGP से मांगा जवाब, कहा- पुलिस ने किया अधिकारों का दुरुपयोग

छत्तीसगढ़: बिलासपुर में सिपाही की पिटाई से दुखी युवक के सुसाइड केस पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने सख्ती दिखाते हुए पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। आयोग ने कहा है कि पुलिस की असंवेदनशील और अमानवीय रवैए के कारण युवक ने अपना जीवन खो दिया है। इस पूरे मामले की जांच के लिए आयोग की टीम बिल्हा थाने आएगी और यह पता लगाएगी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने वाले दोषी अधिकारी कौन है और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। आयोग की इस तीखे तेवर से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है। इधर, गुरुवार को पुलिस की समझाइश के बाद घटना के तीसरे दिन परिजन शव ले जाने के लिए तैयार हुए और उसका अंतिम संस्कार किया।

युवक के सुसाइड के बाद मंगलवार को थाने का घेराव के साथ शुरू हुआ प्रदर्शन।

युवक के सुसाइड के बाद मंगलवार को थाने का घेराव के साथ शुरू हुआ प्रदर्शन।

ग्राम पंचायत भैसबोड़ निवासी हरीशचंद्र गेंदले (23) की सुसाइड केस में पुलिस की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। मंगलवार से चल रहे विरोध-प्रदर्शन और हंगामे के बाद गुरुवार को पुलिस अफसरों की समझाइश और जांच का भरोसा दिलाने के बाद परिजन शव ले जाने के लिए राजी हुए, तब अफसरों ने राहत की सांस ली। वहीं, अब इस केस की मीडिया रिपोर्ट पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान ले लिया है। आयोग की तरफ से बताया गया है कि बिलासपुर में 23 वर्षीय युवक ने पिता की बेरहमी से पिटाई के बाद दुखी होकर ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी। इस मीडिया रिपोर्ट देखकर आयोग ने कहा है कि बाइक से टक्कर मारने के मामूली विवाद पर पुलिस ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और मृतक और उसके पिता की बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे शर्मीदगी के कारण युवक को अपनी जान देनी पड़ गई।

पूरी रात थाने में डटे रहे आंदोलनकारी।

पूरी रात थाने में डटे रहे आंदोलनकारी।

आयोग ने कहा- पुलिस ने अपने अधिकारों का किया दुरुपयोग
आयोग ने इस पूरी घटना पर पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही कहा कि एक मामूली विवाद पर पुलिस ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए पीड़ित के पिता को अवैध रूप से गिरफ्तार कर हिरासत में लिया और बेरहमी से मारपीट भी की। बेटे ने अपने पिता को पुलिस को पिटते हुए देखकर अपमान सहा और शर्मिंदगी के कारण आत्महत्या कर ली। पुलिस कर्मियों के स्पष्ट असंवेदनशील और अमानवीय रवैए के कारण एक अनमोल मानव जीवन खो गया है।

आरक्षक के खिलाफ FIR और गिरफ्तारी पर अड़े रहे माता-पिता और परिजन।

आरक्षक के खिलाफ FIR और गिरफ्तारी पर अड़े रहे माता-पिता और परिजन।

पीड़ित परिवार को राहत दी गई या नहीं
आयोग ने DGP को जारी नोटिस में यह भी पूछा है कि इस घटना के जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही यह भी पूछा है कि पीड़ित परिवार को कोई राहत दी गई है या नहीं। इसके संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाए।

जांच के लिए आएगी आयोग की टीम
इस घटना की जांच के लिए आयोग ने विशेष प्रतिवेदक उमेश कुमार शर्मा को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में संबंधित पुलिस स्टेशन का दौरा करने के लिए कहा है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का किस तरह से उल्लंघन किया गया है। जांच में उन दोषी लोक सेवकों का पता लगाया जाएगा, जिन्‍होंने कथित पीड़ित को यातनाएं दी, जो संवैधानिक रूप से गैरकानूनी है। उन्हें दो महीने के भीतर जांच रिपोर्ट आयोग को देने के लिए कहा है।

बुधवार को शव का पोस्टमार्टम के बाद शव ले जाने से किया इंकार।

बुधवार को शव का पोस्टमार्टम के बाद शव ले जाने से किया इंकार।

तीन तरह की हो रही जांच
युवक की खुदकुशी मामले में तीन तरह की जांच चल रही है। केस में थानास्तर पर मर्ग जांच की जा रही है। वहीं, दूसरी ओर आरक्षक व थाना स्टाफ पर आरोप लगने की वजह से एसएसपी पारुल माथुर ने दो सदस्यीय टीम बनाई है, जो जांच कर रही है. इसमें एसडीओपी और एक सीनियर टीआई को रखा गया है। इसके अलावा बिल्हा एसडीएम इस मामले की मजिस्ट्रेरियल जांच भी कर रहे हैं।

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