- गड़बड़ी मिले तो कार्यालय तो सूचित करें, कार्रवाई होगी
- संपत्ति लेने मार्केटिंग शाखा में पूरी जानकारी लें
रायपुर: रायपुर विकास प्राधिकरण प्रशासन ने कहा है कि फ्लैट्स, प्लॉट, दुकानों व अन्य सभी विक्रय की जा रही संपत्तियों के लिए कोई भी एजेन्ट, दलाल या ब्रोकर की नियुक्ति नहीं की गई। यदि कोई एजेन्ट किसी भी व्यक्ति को यह कहता है कि व उसकी इच्छा के अनुसार जिस मंजिल में वह जो फ्लैट चाहता है वह उसे दिला देगा तो यह बात पूरी तरह से गलत है। जिनको भी फ्लैट, प्लॉट या दुकानें चाहिए वह सीधे रायपुर विकास प्राधिकरण के मार्केटिंग शाखा से संपर्क करे जहां उन्हें उपलब्ध संपत्तियों की पूरी जानकारी के साथ नियम प्रक्रिया व आवेदन पत्र भरने के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा।
प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुभाष धुप्पड ने कहा है कि कुछ समय पहले लगातार यह सूचनाएं मिल रही थी कि कुछ एजेन्ट व दलाल लोग यह दावा कर रहे थे कि वे कमल विहार व इंद्रप्रस्थ रायपुरा योजना में जो चाहो वह फ्लैट दिला देगें। एजेन्ट व दलाल योजना में आवंटित हो रहे प्रधानमंत्री आवास योजना के फ्लैट्स के लिए जनता को भरमा रहे थे कि वे उनकी इच्छा और पसंद का फ्लैट नंबर दिला देगें। उनकी आरडीए में अंदर तक पहुंच है। वे यह कह कर जनता से काफी मोटी रकम वसूल रहे थे। ऐसे एजेन्ट आवेदकों को आवेदन पत्र जमा करने के बाद यदि आवेदक को फ्लैट् आवंटित हो जाता था तो एजेन्ट यह कहता फिरता है कि हमने दिलवा दिया। फ्लैट न मिलने पर एजेन्ट आनाकानी करते हुए ही आवेदकों को उनके पैसे वापस लौटाते है।
श्री धुप्पड़ ने कहा कि दरअसल सच्चाई यह है कि रायपुर विकास प्राधिकरण कार्यालय में कम्प्यूटरीकृत लॉटरी व निविदा के माध्यम से फ्लैट्स, प्लॉट, दुकानों व डुप्लेक्स आवासों का आवंटन किया जाता है। निविदा में आवंटन उसे ही होता है जिसने ऑफसेट दर के बराबर अथवा उससे अधिक राशि का प्रस्ताव दिया हो। लॉटरी व निविदा प्रक्रिया के दौरान राजस्व तकनीकी व मार्केटिंग शाखा के वरिष्ठ व कनिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी की देखरेख तथा आवेदकों की उपस्थिति में आवंटन की पूरी प्रक्रिया संपादित होती है। इसीलिए इसमें किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी की गुंजाईश नहीं है।
रायपुर विकास प्राधिकरण व्दारा संपत्तियों के आवंटन के अंतर्गत ईडब्लूएस फ्लैट्स का आवंटन लॉटरी से और अन्य फ्लैट्स, प्लॉट, दुकानें, हॉल इत्यादि निविदा के माध्यम से आवंटित करता है। इसमें पूरी पारदर्शिता रखी जाती है। आवंटन के समय वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष पूरी पारदर्शिता साथ प्रक्रिया संपादित की जाती है। यदि किसी व्यक्ति के पास आवंटन के संबंध में किसी अनियमितता या गड़बड़ियों के बारे में कोई प्रमाण है तो वे उसे प्रस्तुत करें ताकि ऐसे गलत व्यक्तियों के विरुध्द प्राधिकरण प्रशासन पुलिस की कार्रवाई की जा सके।