छत्तीसगढ़: दुर्ग न्यायालय ने बोरी थाना प्रभारी संतोष मिश्रा को कोर्ट की अवमानना करने के लिए नोटिस जारी किया है। यह पहला मामला नहीं है जब उन्हें यह नोटिस दिया गया है। इससे पहले भी कोर्ट ने 17 जनवरी को उन्हें तीन दिन के भीतर न्यायालय में पेश होकर धोखाधड़ी के मामले में जवाब देने का आदेश दिया था। इस पर थाना प्रभारी ने अपने अधीनस्थ एएसआई को न्यायालय भेजा था। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और फिर से 22 मार्च 2022 को न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दया है।
अधिवक्ता कुलदीप दुबे ने बताया कि तिरीत राम साहू ने न्यायालय में आरोपी थान सिंह साहू और हेमंत साहू के खिलाफ धारा 420, 406, 323, 506, 294, 120बी, 34 के तहत मुकदमा दायर कराया था। न्यायालय ने 17 जनवरी 2022 को मामले की सुनवाई करते हुए बोरी थाना प्रभारी को अंतिम रिपोर्ट 1 माह के भीतर पेश करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद भी थाना प्रभारी ने लापरवाही बरती और न्यायालय में रिपोर्ट पेश नहीं की। न्यायालय ने इसे कोर्ट की अवमानना बताते हुए टीआई मिश्रा को शोकाज नोटिस जारी किया और 3 दिन के भीतर थाना प्रभारी को स्वयं न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब पेश करने का आदेश दिया। इन नोटिस का भी थाना प्रभारी पर कोई असर नहीं हुआ। थाना प्रभारी ने जवाब तो दिया, लेकिन वह स्वयं उपस्थित न होकर एएसआई को न्यायालय में भेज दिया। इस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए थाना प्रभारी को न्यायालय में 22 मार्च को उपस्थित होकर जवाब देने का नोटिस जारी किया है।
अपराध जांच के संबंध में बाहर होने का बता रहे कारण
बोरी थाना प्रभारी के सरकारी नंबर पर जब फोन लगाकर इस संबंध में पूछा गया तो दूसरे प्रभारी अधिकारी ने बताया टीआई मिश्रा किसी साइबर से जुड़े अपराध के सिलसिले में दिल्ली गए हैं। जिले व राज्य की सीमा से बाहर होने के चलते वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सके हैं। उन्होंने इसके लिए कोर्ट से समय भी मांगा है।
