Saturday, June 28, 2025

पाकिस्तान: आत्मघाती हमलावर ने सैन्य काफिले को निशाना बनाया, विस्फोटकों से लदी गाड़ी फौजी काफिले में घुसाई, 13 सैनिकों की मौत, 29 घायल

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में शनिवार को एक आत्मघाती हमलावर ने सैन्य काफिले को निशाना बनाया। इसमें 13 सैनिक मारे गए। जबकि 10 सैनिक और 19 नागरिक घायल हो गए। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी सैन्य काफिले में घुसा दी थी।

खैबर पख्तूनख्वा में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने AFP को बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि दो घरों की छतें गिर गईं, जिससे छह बच्चे घायल हो गए।

इस बम विस्फोट की जिम्मेदारी पाकिस्तान-तालिबान (TTP) से जुड़े हाफिज गुल बहादुर ग्रुप ने ली है। खैबर प्रांत को TTP का गढ़ माना जाता है।

तीन दिन पहले TTP ​​​​​​हमले में 2 आर्मी अफसरों की मौत

TTP के हमले में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ने वाले मोइज अब्बास की भी मौत हो गई।

TTP के हमले में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ने वाले मोइज अब्बास की भी मौत हो गई।

आतंकी संगठन TTP ने 24 जून को दक्षिणी वजीरिस्तान में पाकिस्तानी आर्मी पर हमला किया था, जिसमें 2 आर्मी अफसर मारे गए। इनमें से एक पाकिस्तानी कमांडर मोइज अब्बास भी था, जिसने भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पकड़ा था।

बालाकोट में एयर स्ट्राइक के अगले दिन 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की थी। जवाब में भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन चलाया था। तब विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 बाइसन फाइटर जेट से पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट को मार गिराया था। हालांकि उनका विमान पाकिस्तानी सीमा में गिर गया था। पाकिस्तानी आर्मी ने अभिनंदन को कैद कर लिया था।

क्या है TTP?

साल 2002 में अमेरिकी सेना ने 9/11 आतंकी हमले का बदला लेने अफगानिस्तान में धावा बोलती है। अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाई के डर से कई आतंकी पाकिस्तान के कबाइली इलाके में छिप जाते हैं। इसी दौरान पाकिस्तान की सेना इस्लामाबाद की लाल मस्जिद को एक कट्टरपंथी प्रचारक और आतंकियों के कब्जे से मुक्त कराती है।

हालांकि कट्टरपंथी प्रचारक को कभी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का करीबी माना जाता था, लेकिन इस घटना के बाद स्वात घाटी में पाकिस्तानी आर्मी की खिलाफत होने लगी। इससे कबाइली इलाकों में कई विद्रोही गुट पनपने लगे।

ऐसे में दिसंबर 2007 को बेयतुल्लाह मेहसूद की अगुवाई में 13 गुटों ने एक तहरीक यानी अभियान में शामिल होने का फैसला किया, लिहाजा संगठन का नाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान रखा गया। शॉर्ट में इसे TTP या फिर पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है।

आतंकवाद की फैक्ट्री कहे जाने वाले पाकिस्तान में अब तक जितने भी आतंकी संगठन अस्तित्व में आए हैं, उनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को सबसे खतरनाक माना जाता है।


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