इस्लामाबाद: पाकिस्तान के क्वेटा शहर में मंगलवार दोपहर भीड़भाड़ वाली सड़क पर सुसाइड बम ब्लास्ट हुआ। पाकिस्तानी न्यूज पेपर डॉन के मुताबिक, इसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 32 घायल हैं। मारे गए लोगों में 4 उग्रवादी भी हैं।
क्वेटा के SSP मोहम्मद बलोच के मुताबिक, पैरामिलिट्री फोर्स हेडक्वार्टर के पास विस्फोटक से भरी गाड़ी में धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि आसपास के घरों की खिड़कियां टूट गई और दीवारों में दरार आ गई।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि इसके पीछे भारत समर्थित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों का हाथ है। भारत ने अभी तक इस आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
धमाके से जुड़ी 5 तस्वीरें…

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में क्वेटा शहर में धुएं का गुबार उठता नजर आया।

CCTV तस्वीरों में धमाके के बाद एक शख्स छटपटाता नजर आया।

धमाके में मारे गए हमलावर की फुटेज।

धमाके से घटनास्थल पर खड़ी गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए।।

धमाके के बाद घायलों को तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया।
क्वेटा के सभी बड़े हॉस्पिटल में इमरजेंसी घोषित
बलूचिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री बख्त मोहम्मद काकर के मुताबिक घायलों को सिविल अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। सभी बड़े अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है।
इनमें क्वेटा सिविल अस्पताल, बलूचिस्तान मेडिकल कॉलेज (BMC) अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर शामिल हैं। सभी डॉक्टरों, फार्मासिस्ट, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को अस्पतालों में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने आतंकी घटना बताया
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने इस घटना को आतंकी हमला बताया। उन्होंने कहा,
धमाके के बाद सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की और चार आतंकियों को मार गिराया। हम शहीदों के परिवारों के साथ खड़े हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP): पाकिस्तान का विद्रोही संगठन
- 2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया, तो कई लड़ाके पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छिप गए।
- 2007 में बेतुल्लाह मेहसूद ने 13 विद्रोही गुटों को मिलाकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) बनाया।
- इसमें बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सेना के विरोधी गुट के लोग शामिल थे।
- इनकी लड़ाई पाकिस्तान की सेना और सरकार के खिलाफ है।
- इस संगठन से जुड़े कई समर्थक पाकिस्तानी सेना में मौजूद हैं।
- अमेरिका ने पाकिस्तान को चेताया है कि TTP एटमी हथियारों तक पहुंच सकता है।
पाकिस्तान और TTP में लड़ाई क्यों?
- 2001 में अमेरिका के अफगानिस्तान पर हमले के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ दिया। इससे TTP नाराज हो गया, वे इसे इस्लाम के खिलाफ मानता था।
- TTP का मानना है कि पाकिस्तान सरकार सच्चा इस्लाम नहीं मानती है, इसलिए वो उसके खिलाफ हमला करता है।
- TTP का अफगान तालिबान के साथ गहरा जुड़ाव है। दोनों समूह एक-दूसरे को समर्थन देते हैं।
- 2021 में अफगान तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान ने TTP को निशाना बनाकर अफगानिस्तान में हमले किए।
- TTP पश्तून समुदाय की गरीबी, बेरोजगारी और सरकार की अनदेखी जैसी शिकायतों का फायदा उठाता है।
क्वेटा में इस महीने दूसरा बड़ा बम ब्लास्ट
क्वेटा में इस महीने यह दूसरा बम ब्लास्ट हुआ है। इससे पहले 3 सितंबर को क्वेटा बलूच नेशनल पार्टी की रैली के दौरान बम विस्फोट हुआ था। इसमें 11 लोगों की मौत हुई थी। 40 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक शाहवानी स्टेडियम में बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार अताउल्लाह मेंगल की चौथी पुण्यतिथि पर एक रैली निकाली गई थी। इसके बाद पार्किंग में सुसाइड अटैक हुआ।
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 के मुताबिक, बुर्किना फासो के बाद पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे आतंक प्रभावित देश बन चुका है, जबकि 2024 में यह चौथे स्थान पर था।
- TTP के हमलों में 90% की वृद्धि हुई है।
- बलूच आर्मी (BLA) के हमलों में 60% बढ़ोतरी हुई है।
- इस्लामिक स्टेट- खुरासान (IS-K) ने अब पाकिस्तानी शहरों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित इलाके हैं। देश भर की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% इसी इलाके में हुईं।
रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसकी वजह से 558 मौतें हुई थीं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।

(Bureau Chief, Korba)