इस्लामाबाद: पाकिस्तानी पत्रकार और टीवी एंकर जस्मीन मंजूर ने अपने पूर्व पति पर घरेलू हिंसा के आरोप लगाया है। बुधवार को उन्होंने X पर अपनी चोट की कुछ तस्वीरें शेयर कीं। इनमें उनके चेहरे पर चोट और सूजन दिख रही थी। जस्मीन ने दावा किया कि उनके पति ने उनके साथ मारपीट की है।
जस्मीन ने एक पोस्ट में लिखा- यह मैं हूं। हां, यह मेरी कहानी है – मेरी जिंदगी एक जालिम इंसान ने बर्बाद कर दी। मैं अपना इंसाफ अल्लाह पर छोड़ती हूं।”
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा- यह मेरे पूर्व पति की देन है। मैं लंबे समय तक सोचती रही कि क्या मुझे यह बात सार्वजनिक करनी चाहिए। लेकिन मैं हिम्मत दिखाना चाहती हूं ताकि हम सब मिलकर इस तरह के व्यवहार के खिलाफ एकजुट हों और सरकारी अधिकारी अपनी आंखें खोलें।”

जस्मीन ने कहा कि सबसे खतरनाक लोग वही हैं, जिन पर आप आंख मूंदकर भरोसा करते हैं।

जस्मीन ने जो तस्वीरें शेयर की हैं उनमें उनके चेहरे पर सूजन और चोट के निशान दिखाई दे रहे हैं।
पत्रकार बोलीं- मेरे पास ऐसी 50 तस्वीरें हैं
जस्मीन ने आगे लिखा- यह किसी के भी साथ हो सकता है। घर के अंदर भी कोई सुरक्षित नहीं है। सबसे खतरनाक लोग वही हैं, जिन पर आप आंख मूंदकर भरोसा करते हैं।”
उन्होंने अपने पूर्व पति को डरपोक बताते हुए कहा कि जब आपको एक महिला मिलती है, तब आप अपना असली रंग दिखाते हैं। आप बस एक डरपोक हैं। कुछ लोग हमेशा नफरत करते हैं, लेकिन उन्हें कोई इल्जाम नहीं दिया जाना चाहिए, यह उनकी जिंदगी की नाकामी है। मेरे पास ऐसी 50 और तस्वीरें हैं।

मारपीट के बाद जस्मीन की आंखें बुरी तरह सूज गई।
सोशल मीडिया यूजर बोले- पाकिस्तान में कहीं सुरक्षा नहीं
सोशल मीडिया पोस्ट के बाद कई लोग खुलकर जस्मीन के सपोर्ट में आ गए। एक यूजर ने लिखा- घरेलू हिंसा हमारे समाज पर एक दाग है।” एक अन्य ने कहा, “पाकिस्तान में आप कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।”
एक यूजर ने लिखा- अपने एक्सपीरियंस को शेयर करना बहुत हिम्मत का काम है, आप इस लड़ाई में अकेली नहीं हैं। आपके लिए ढेर सारी दुआएं।” एक अन्य ने कहा, “जैसी आप स्क्रीन पर मजबूत दिखती हैं, वैसे ही रहें। आपको और ताकत मिले।”
पाकिस्तान में महिलाओं पर हिंसा लगातार बढ़ रही
पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और बाल विवाह लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। पाकिस्तान डेमोग्राफिक एंड हेल्थ सर्वे (2017-18) के मुताबिक, देश में 15-49 साल की 28% महिलाओं ने शारीरिक हिंसा झेली है, जबकि 6% ने यौन हिंसा का शिकार हुई हैं।
इसके अलावा, 34% विवाहित महिलाओं ने अपने पति से शारीरिक, यौन या भावनात्मक हिंसा का सामना किया है, और 5% ने पति की यौन हिंसा का सामना किया है।
सर्वे में यह भी पता चला कि 56% ऐसी महिलाएं, जिन्होंने किसी भी प्रकार की शारीरिक या यौन हिंसा का सामना किया, उन्होंने न तो मदद मांगी और न ही किसी से इस बारे में बात की। इसकी वजह सामाजिक बदनामी का डर, आर्थिक निर्भरता और जानकारी की कमी है।
कई लड़कियों की शादी 18 साल पहले हो रही
सर्वे के मुताबिक, 20-24 साल की 18% लड़कियों की शादी 18 साल से पहले और 3.6% की शादी 15 साल से पहले हो जाती है। इससे उनकी शिक्षा रुक जाती है और उनका स्वास्थ्य, कल्याण और सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।
इनमें एनीमिया, कुपोषण, किशोर गर्भावस्था, लंबा प्रसव, ऑब्स्टेट्रिक फिस्टुला और यहां तक कि मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है।

(Bureau Chief, Korba)