Saturday, July 27, 2024
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CG न्यूज़: छत्तीसगढ़ में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मरीज की बचाई जान.. भिलाई से 45 मिनट में पेशेंट को पहुंचाया रायपुर, 85 साल के बुजुर्ग को मिली नई जिंदगी

छत्तीसगढ़: भिलाई की ट्रैफिक पुलिस ने डॉक्टरों के कहने पर एक 85 वर्षीय मरीज के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर उसकी जान बचाने का काम किया है। सेक्टर 9 हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कार्डियक पेशेंट को रायपुर रेफर किया था।

डॉक्टर्स के मुताबिक पेशेंट की हालत काफी क्रिटिकल थी। इस पर अस्पताल के डॉक्ट्ररों ने ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर से मदद मांगी। ट्रैफिक डीएसपी ने तुरंत ग्रीन कॉरिडोर तैयार कराया। रायपुर पहुंचने में डेढ़ घंटे लगते हैं ऐसे में मरीज को 45 मिनट में पहुंचाया गया और उसकी जान बच गई।

एंबुलेंस के आगे चलता पायलट वाहन।

एंबुलेंस के आगे चलता पायलट वाहन।

ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने भास्कर को बताया कि शनिवार शाम उनके पास सेक्टर 9 हॉस्पिटल से फोन आया था। उन्होंने बताया कि उनके यहां हुडको निवासी लीला पाण्डेय (85 साल) भर्ती है। कार्डियक मरीज होने के साथ ही उसकी हालत काफी क्रिटिकल है। इसलिए उसे जल्द से जल्द नारायणा एमएमआई हॉस्पिटल रायपुर पहुंचाना जरूरी है। यदि जरा भी देर हुई तो उसकी जान जा सकती है।

मरीज को ले जाती एंबुलेंस।

मरीज को ले जाती एंबुलेंस।

ट्रैफिक डीएसपी ने तुरंत इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को देते हुए ग्रीन कॉरिडोर तैयार कराया। एक पायलेट को एम्बुलेंस के साथ आगे-आगे भेजा। इसके साथ ही खुर्सीपार, भिलाई तीन, कुम्हारी, चरोदा में जगह-जगह पॉइंट तैयार करवाए गए।

45 मिनट में मरीज को रायपुर पहुंचाया गया।

45 मिनट में मरीज को रायपुर पहुंचाया गया।

चारों जगहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस ने एंबुलेंस के आगे कोई भी ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं आने दी। रायपुर में ट्रैफिक पुलिस ने बेहतर काम किया। इस तरह मरीज डेढ़ घंटे की जगह मात्र 45 मिनट में रायपुर अस्पताल पहुंच गया।

चौक पर तैनात रही ट्रैफिक पुलिस।

चौक पर तैनात रही ट्रैफिक पुलिस।

ओवर ब्रिज बन जाने से नहीं होगी जाम की समस्या
रायपुर में टाटीबंध से लेकर कुम्हारी, भिलाई तीन, पॉवर हाउस और सुपेला में ओवर ब्रिज बन रहा है। ये सभी ओवर ब्रिज लगभग बनकर तैयार हैं। इनके बन जाने से रायपुर से भिलाई का रास्ता महज आधे घंटे से लेकर 45 मिनट का रह जाएगा। ऐसे में ग्रीन कॉरिडोर तैयार करने के लिए केवल शहरी क्षेत्र में ही रास्ता क्लीयर कराने की जरूरत पड़ेगी।

पहले भी ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बचाई गई मरीजों की जान

साल भर पहले छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस और हेल्थ डिपार्टमेंट ने एक मरीज की जान बचाई है। यह पहला मौका नहीं है, जब दुर्ग पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किसी की जान बचाई हो। इससे पहले भी रायपुर या अन्य शहरों तक मरीज को रेफर करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। इस बार बी.एम.शाह हॉस्पिटल शास्त्री नगर भिलाई से राम कृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर तक मरीज को पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था।

हॉस्पिटल में भर्ती मरीज के लिए बनाया ग्रीन कॉरिडोर

अमूमन भिलाई से रायपुर तक का सफर तय करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। ऐसे में पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 35 किलोमीटर के इस सफर को 32 मिनट में तय किया। बी.एम.शाह हॉस्पिटल शास्त्री नगर भिलाई से प्रसन्ना जैन (32 वर्ष) का इलाज चल रहा था, लेकिन वहां स्वास्थ्य सुधार न होने पर एंबुलेंस के माध्यम से राम कृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर भेजा गया है। प्रसन्ना को दिल की बीमारी के साथ न्यूरो प्राब्लम भी हो रही थी। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और डाक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर ले जाने की सलाह दी। चैलेंज था कि क्रिटिकल कंडिशन में मरीज को सही सलामत कैसे रायपुर पहुंचाया जाए। हेल्थ डिपार्टमेंट और पुलिस विभाग को इसकी जानकारी दी गई और ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।

क्या होता है ग्रीन कॉरिडोर

ग्रीन कॉरिडोर एक निश्चित समय के लिए मार्ग को किसी मरीज के लिए खाली कराना या ट्रैफिक कंट्रोल करने को कहते हैं। इसे मेडिकल इमरजेंसी जैसे कि आर्गन ट्रांसप्लांट या मरीज की क्रिटिकल स्थिति को देखते हुए बनाया जाता है। इसमें दो जिले या दो शहरों की पुलिस मिलकर मरीज को एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल तेज रफ्तार एंबुलेंस में ट्रांसफर करती है। इसके तहत हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए रास्ते पर आने वाले ट्रैफिक को 60-70 प्रतिशत तक कम करने की कोशिश करती है। जिससे मरीज जल्द से जल्द पहुंच सके।

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