Friday, July 18, 2025

विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को आत्मानंद स्कूलों में किया जाएगा फलदार पौधों का वृक्षारोपण…

रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है। एक अनूठी पहल करते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा फलदार पौधों का वृक्षारोपण आत्मानंद स्कूलों में कराने का निर्णय लिया गया है। स्वामी आत्मानंद महान व्यक्ति थे, जो शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय समाज सुधारक रहे हैं। उन्हीं को समर्पित करते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने शिक्षा प्रणाली  को सुदृढ़ करने के लिए क्रमबद्ध तथा आधुनिक शिक्षा के तौर-तरीकों को लागू करते हुए आत्मानंद स्कूलों की स्थापना वर्ष 2021-22 के शैक्षणिक सत्र से शुरू की है।

विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार, प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी श्रीनिवास रांव के मार्गदर्शन में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के आत्मानंद स्कूलों में फलदार पौधों का वृक्षारोपण का शुभारंभ किया जा रहा है।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा प्रदेश के 337 आत्मानंद स्कूलों में ग्राफ्टेड तथा साधारण आम, जामुन, अमरूद, नींबू, कटहल, बेल, आंवला, करौंदा, बादाम, अनार, आदि प्रजातियों के लगभग 11070 पौधों का रोपण किया जाएगा। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अंतर्गत 6 वन वृत्तों के अन्तर्गत आने वाले वन मंडलों में रोपण कार्य लिए जाएंगे।

दुर्ग वन वृत्त अंतर्गत 63 आत्मानंद स्कूलों में 2447 पौधे, जगदलपुर वन वृत्त अंतर्गत 27 आत्मानंद स्कूलों में 936 पौधे, कांकेर वन वृत्त अंतर्गत 64 आत्मानंद स्कूलों में 1670 पौधे, सरगुजा वन वृत्त अंतर्गत 55 आत्मानंद स्कूलों में 1835 पौधे, रायपुर वन वृत्त अंतर्गत 57 आत्मानंद स्कूलों में 1922 पौधे तथा बिलासपुर वन वृत्त अंतर्गत 71 आत्मानंद स्कूलों में 2260 पौधों का रोपण किया जाएगा।

विश्व पर्यावरण दिवस को 50 वर्ष पूर्ण करने के उपलक्ष्य में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आत्मानंद स्कूलों में फलदार वृक्षारोपण के माध्यम से की जा रही अनूठी पहल निश्चित रूप से जन मानस और स्कूली छात्रों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता तो लाएगी ही, साथ ही उन्हें प्रकृति, वनों, विविधता, वन्य प्राणी तथा प्राकृतिक संसाधनों के सतत् विकास और सदुपयोग के प्रति कर्तव्य-बोध भी करायेगी।

विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 का मूल वाक्य ‘प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध समाधान’ है

दुनिया भर में प्रतिवर्ष 400 मिलियन टन प्लास्टिक उपयोग किया जाता है। उसमें से मात्र आधा ऐसा है, जिसको सिर्फ एक बार ही उपयोग करने के लिए बनाया जाता है। उसका भी 10 प्रतिशत से भी कम प्लास्टिक का रिसायकिल किया जाता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 19 से 23 मिलियन टन प्रदूषित प्लास्टिक तो नदियों, झीलों तथा समुद्र में समा जाता है। आज प्लास्टिक के उपयोग के चलते पृथ्वी पर बहुत सारी स्वास्थ्यगत समस्याएं खड़ी हैं।

विश्व स्तर पर विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 को कोटे-डि ल्वोईरे तथा नीदरलैंड देशों की परस्पर भागीदारी से मनाया जा रहा है। कोटे-डिल्वोईरे देश में प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध 2014 से ही अभियान प्रारंभ किया जा चुका है। इस देश ने अपने यहां पर प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया है तथा उसके वैकल्पिक उपयोग पर विचार कर उन्हें लागू किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) 1973 से प्रारंभ किया गया। जहां वैश्विक स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए 150 से ज्यादा देश भाग लेते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दुनिया को और सतत विकास की ओर अग्रसर करना है। ‘केवल एक पृथ्वी’ की भावना से समस्त सदस्य राष्ट्र मिलजुल कर पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करेंगे, ऐसा वैश्विक स्तर पर प्रयास किए गए।


                              Hot this week

                              Related Articles

                              Popular Categories

                              spot_imgspot_img