जगरेब: PM मोदी पांच दिन का विदेश दौरा पूरा करके गुरुवार को भारत लौट आए हैं। प्रधानमंत्री सबसे पहले 15-16 जून को साइप्रस में रहे। फिर 17 जून को कनाडा पहुंचे, 18 जून को G7 समिट में हिस्सा लिया। फिर क्रोएशिया गए।
बुधवार को क्रोएशिया की राजधानी जगरेब में पीएम मोदी के स्वागत में मंत्र पढ़े गए और भारतीय नृत्य पेश किया गया। इसके बाद PM मोदी भारतीय समुदाय के लोगों से मिले।
मोदी ने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच से द्विपक्षीय बातचीत की। ये किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। यहां 17 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं।

पीएम मोदी और PM आंद्रेज की मौजूदगी में भारत और क्रोएशिया के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। हालांकि, समझौतों की डिटेल अभी सामने नहीं आई है।
PM मोदी के 4 बड़े बयान….
1. भारत और क्रोएशिया दोनों लोकतंत्र जैसे मूल्यों से जुड़े हैं प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशिया की पहली यात्रा पर गर्मजोशी से स्वागत के लिए वहां की सरकार और प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेनकोविच का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि भारत और क्रोएशिया लोकतंत्र, कानून और विविधता जैसे साझा मूल्यों से जुड़े हैं।
2. दोनों देशों के बीच डिफेंस, डिजिटल में साझेदारी बढ़ेगी दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को तीसरे कार्यकाल में तीन गुना गति से बढ़ाने का निर्णय लिया। रक्षा सहयोग योजना, व्यापार, फार्मा, कृषि, आईटी, डिजिटल व स्वच्छ तकनीक जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाई जाएगी।
3. संस्कृति, शिक्षा और सहयोग को मजबूत किया जाएगा भारत-क्रोएशिया के सांस्कृतिक और शैक्षणिक संबंधों को और मजबूत किया जाएगा। हिंदी चेयर की टाइमलाइन 2030 तक बढ़ाई गई है, 5 साल का सांस्कृतिक कार्यक्रम तय हुआ है और लोगों की आवाजाही के लिए मोबिलिटी समझौता जल्द होगा।
4. भारत-क्रोएशिया साझेदारी को और मजबूत करेंगे PM मोदी ने कहा कि क्रोएशिया में भले ही यह यात्रा छोटी है, लेकिन मुझे आपके शहर की संस्कृति, जीवनशैली और यहां के लोगों की गर्मजोशी का अनुभव हुआ। यहां मुझे अपनेपन का एहसास हुआ। हमने बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जो भारत-क्रोएशिया साझेदारी को और मजबूत करेंगे और नए क्षेत्रों में मिलकर काम करने के रास्ते खोलेंगे।
क्रोएशिया दौरे की तस्वीरें

क्रोएशिया की राजधानी जगरेब में प्रधानमंत्री का स्वागत करते प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच।

क्रोएशिया में प्रधानमंत्री मोदी का मंत्रोच्चार से स्वागत किया गया।

क्रोएशिया की राजधानी जगरेब में पीएम मोदी के स्वागत में भारतीय नृत्य भी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रोएशिया के जाग्रेब में मातृभूमि के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाग्रेब में पीएमआंद्रेज प्लेंकोविक के साथ मीटिंग की। इसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री आंद्रेज ने पीएम मोदी को 1790 में लैटिन भाषा में लिखी गई संस्कृत की पहली मुद्रित व्याकरण भेंट की

PM मोदी ने क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलानोविक से मुलाकात की।
क्रोएशिया 1991 में बगावत कर अलग हुआ था
क्रोएशिया ने 25 जून 1991 को आधिकारिक रूप से यूगोस्लाविया से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। इससे पहले, यह देश सोशलिस्ट फेडरल रिपब्लिक ऑफ यूगोस्लाविया का हिस्सा था, जिसमें कुल छह गणराज्य शामिल थे।
1990 में क्रोएशिया में बहुदलीय चुनाव हुए और राष्ट्रवादी नेता फ्रांजो तुजमान की पार्टी सत्ता में आई। जून 1991 में संसद ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। यूगोस्लाव सरकार और वहां की सेना ने इसका विरोध किया, जिससे क्रोएशिया युद्ध शुरू हुआ।
युद्ध करीब चार साल (1991-1995) तक चला, जिसमें हजारों लोग मारे गए और लाखों बेघर हुए। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के दबाव और मध्यस्थता से शांति स्थापित हुई।
क्रोएशिया को 15 जनवरी 1992 को यूरोपीय देशों द्वारा औपचारिक मान्यता मिली और बाद में संयुक्त राष्ट्र ने भी उसे सदस्यता दी।
क्रोएशिया के बारे में 6 रोचक तथ्य
- दुनिया की पहली टाई क्रोएशिया से आई: क्रावट नाम की टाई क्रोएशियाई सैनिकों द्वारा पहनी जाती थी, जिससे आधुनिक टाई की शुरुआत हुई।
- गेम ऑफ थ्रोन्स की शूटिंगः मशहूर सीरीज ‘Game of Thrones’ की शूटिंग क्रोएशिया के शहर डुब्रोवनिक में हुई थी, जिसे ‘King’s Landing’ दिखाया गया।
- 1,200 से भी ज्यादा द्वीपः क्रोएशिया में 1,200 से अधिक छोटे-बड़े द्वीप हैं, लेकिन इनमें से कुछ में ही लोग रहते हैं।
- यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्सः क्रोएशिया में 10 से अधिक विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें प्राचीन शहर स्प्लिट और डिओक्लेशियन का महल शामिल हैं।
- निकोल टेस्ला का जन्मस्थानः महान वैज्ञानिक निकोल टेस्ला का जन्मस्थान क्रोएशिया है, जब यह ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य का हिस्सा था।
- दुनिया का सबसे छोटा हुम शहरः यहां दुनिया का सबसे छोटा शहर हुम है। यहां सिर्फ 20-25 लोग रहते हैं।

क्रोएशिया का क्षेत्रफल 56,594km² है, जो कि लगभग उत्तराखंड के बराबर बड़ा है।
PM मोदी की क्रोएशिया यात्रा के मायने
- पहली भारत-क्रोएशिया प्रधानमंत्री स्तर की यात्राः यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा है।
- यूरोपीय संघ से रिश्तों को मजबूतीः क्रोएशिया यूरोपीय संघ (EU) का सदस्य है, और यह यात्रा भारत की यूरोपीय देशों के साथ साझेदारी बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।
- आर्थिक सहयोग और निवेशः व्यापार, तकनीक, फार्मा, IT और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद है।
- संरक्षण और समुद्री सहयोगः भारत और क्रोएशिया समुद्री और रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग कर सकते हैं, क्योंकि क्रोएशिया एक समुद्री देश है।
- राजनयिक संतुलनः यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों के बीच संतुलन बनाकर चल रहा है। ऐसे में यह दौरा कूटनीतिक दृष्टिकोण से अहम है।
- सांस्कृतिक रिश्तेः दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा, खासकर योग, आयुर्वेद और भारतीय समुदाय के जरिए।
- वैश्विक मंचों पर सहयोगः जलवायु परिवर्तन, वैश्विक शांति और विकास जैसे मुद्दों पर सहयोग के नए अवसर खुल सकते हैं।
पहला पड़ाव, 15-16 जूनः मोदी का साइप्रस दौरा
साइप्रस ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से नवाजा। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें यह सम्मान दिया। मोदी दो दिन के दौरे पर साइप्रस पहुंचे थे।
मोदी ने कहा, ‘मैं साइप्रस सरकार का और साइप्रस के लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यह सिर्फ नरेंद्र मोदी का ही नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह उनकी क्षमताओं और आकांक्षाओं का सम्मान है। यह हमारी संस्कृति, भाईचारे और वसुधैव कुटुम्बकम की विचारधारा का सम्मान है।’

मोदी ने साइप्रस राष्ट्रपति को कश्मीरी कालीन भेंट की।
मोदी ने साइप्रस राष्ट्रपति को कश्मीरी कालीन भेंट की
मोदी ने राष्ट्रपति क्रिस्टोडुलाइड्स को कश्मीरी रेशमी कालीन भेंट की। यह गहरे लाल रंग में है, जिसमें भूरे और लाल किनारे हैं। पारंपरिक बेल-बूटों और ज्यामितीय आकृतियों की कलाकारी है। इसमें दोहरे रंग का खास प्रभाव है, जो देखने के कोण और रोशनी के अनुसार रंग बदलता लगता है। मानो एक कालीन में दो अलग-अलग डिजाइन हों।
पीएम ने साइप्रस की प्रथम महिला फिलिपा कारसेरा को एक सिल्वर कोटेट पर्स दिया। इसे आंध्र प्रदेश के कारीगरों ने बनाया है। इस पर मंदिरों और शाही कला से प्रेरित बारीक पुष्प डिजाइन उकेरे गए हैं।

दूसरा पड़ाव,17 जूनः PM मोदी कनाडा पहुंचे, G7 समिट में हिस्सा लिया
PM मोदी मंगलवार सुबह कैलेगरी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे, जहां G7 आउटरीच समिट में नेताओं का स्वागत किया। G7 समिट के दौरान PM द्विपक्षीय मुलाकात और G7 आउटरीच समिट सेशन में शामिल हुए। फिर 18 जून की सुबह क्रोएशिया के लिए रवाना हो गए।

PM मोदी मंगलवार सुबह कनाडा के कैलेगरी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे थे।


(Bureau Chief, Korba)