छत्तीसगढ़: बिलासपुर में CRPF के IG और DIG के मोबाइल पर अश्लील वीडियो भेजने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों के वॉट्सऐप ग्रुप में भी वीडियो वायरल किया गया है। जिस नंबर से वीडियो वायरल किया गया है वह CRPF के ही हेड कांस्टेबल का है। हेड कांस्टेबल बीजापुर से ट्रेनिंग में बिलासपुर आया है। उससे पूछताछ करने के बाद पता चला कि उसके मोबाइल से सिम चोरी कर लिया गया था। इसके बाद उसी नंबर से वीडियो वायरल किया गया है। अब इस मामले की शिकायत पुलिस से की गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना सकरी थाना क्षेत्र की है।
सकरी थाने में FIR दर्ज
जानकारी के अनुसार रामकुमार यादव (45) बीजापुर के CRPF बटालियन में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है। बीते 10 दिसंबर से वह सकरी क्षेत्र के भरनी स्थित CRPF ग्रुप सेंटर में ट्रेनिंग के लिए आया है।ट्रेनिंग के दौरान 17 जनवरी को रामकुमार अपने मोबाइल को बैरक में छोड़कर खाना खाने के लिए गया था। शाम को वापस आया, तब मोबाइल वहीं रखा था।
इधर, उसके मोबाइल के सिम नंबर से ग्रुप सेंटर के IG और DIG सहित वॉट्सऐप ग्रुप में अश्लील वीडियो वायरल हुआ। जिस ग्रुप में वीडियो भेजा गया था, उसमें पुलिस परिवार के सदस्य भी हैं। वीडियो देखकर हड़कंप मच गया। पता चला कि वीडिया प्रधान आरक्षक के सिम से भेजा गया है। तब उसकी पहचान कर उसे बुलाया गया। उसने वीडियो वायरल नहीं करने की जानकारी दी। घबराए प्रधान आरक्षक ने अपने मोबाइल की जांच की, तब पता चला कि उसमें सिम गायब है। बताया गया कि उसके मोबाइल से सिम चोरी हो गई है। इस पर प्रधान आरक्षक ने मंगलवार को इस मामले की शिकायत पुलिस से की है। उसकी रिपोर्ट पर पुलिस ने चोरी व आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
कैंप के जवानों की हो सकती है करतूत
CRPF के ग्रुप सेंटर में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है। ऐसे में किसी बाहरी तत्व के वहां तक पहुंचने की संभावना ही नहीं है। वीडियो वायरल करने के लिए प्रधान आरक्षक का सिम उपयोग किया गया है। लेकिन, उसे किसी दूसरे मोबाइल में उपयोग किया गया है। ऐसे में शक है कि कैंप के ही किसी ने मोबाइल सिम चोरी कर इस हरकत को अंजाम दिया होगा। यही वजह है कि मामले की जांच के लिए पुलिस से शिकायत दर्ज कराई गई है।
साइबर सेल की जांच में खुलेगा राज
सकरी थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह परिहार ने बताया कि इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। जांच के लिए साइबर सेल को पत्र लिखा गया है। इससे यह पता चल सकेगा कि प्रधान आरक्षक के सिम का किसके मोबाइल में उपयोग किया गया है। साइबर सेल की तकनीकी जांच के बाद सिम चोरी करने वाले की पहचान कर आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी की जाएगी।