Wednesday, March 12, 2025
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प्रयागराज: ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद छोड़ा, विवाद के बाद लिया फैसला, बोलीं- मैं दो अखाड़ों के बीच फंस गई

प्रयागराज: किन्नर अखाड़े में विवाद के बीच ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद छोड़ा दिया है। इस बात की घोषणा उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट करके दी है।

ममता ने कहा, आज किन्नर अखाड़े में मुझे लेकर विवाद है। उसके चलते इस्तीफा दे रही हूं। मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी साध्वी रहूंगी।

एक्ट्रेस से महामंडलेश्वर बनीं ममता पर 10 करोड़ देकर पदवी लेने के आरोप लग रहे थे। प्रयागराज महाकुंभ में 24 जनवरी को उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी दी गई थी। अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका पिंडदान और पट्‌टाभिषेक कराया था। ममता को नया नाम श्रीयामाई ममता नंद गिरि मिला था। करीब 7 दिन तक वह महाकुंभ में ही रहीं थीं।

ममता कुलकर्णी ने 24 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में संन्यास लिया था।

ममता कुलकर्णी ने 24 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में संन्यास लिया था।

ममता कुलकर्णी ने वीडियो में कहा, मैं महामंडलेश्वर यामाई ममता नंद गिरि अपनी पोस्ट से इस्तीफा दे रही हूं। आज किन्नर अखाड़े में मुझे लेकर समस्याएं हो रही हैं। मैं 25 साल से एक साध्वी थी और हमेशा साध्वी रहूंगी। मुझे महामंडलेश्वर का सम्मान दिया गया था। लेकिन ये कुछ लोगों के लिए आपत्तिजनक हो गया था। चाहें वो शंकराचार्य हों या कोई और हों। मैंने तो बॉलीवुड को 25 साल पहले ही छोड़ दिया था।

मेकअप और बॉलीवुड से इतना दूर कौन रहता है। लेकिन मैंने 25 साल तपस्या की। मैं खुद गायब रही। मुझे लेकर लोग प्रतिक्रिया देते हैं कि मैं ये क्यों करती हूं या वो क्यों करती हूं। नारायण तो सब सम्पन्न हैं। वो सब प्रकार के आभूषण पहनकर, धारण करके महायोगी हैं, भगवान हैं। कोई देवी देवता आप देखोगे किसी प्रकार के श्रृंगार से कम नहीं और मेरे सामने सब आए थे, सब इसी श्रृंगार में आ गए थे।

24 जनवरी को जब ममता का पट्टाभिषेक हो रहा था, तब उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे।

24 जनवरी को जब ममता का पट्टाभिषेक हो रहा था, तब उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे।

मेरे गुरु की बराबरी में कोई और नहीं- ममता

ममता कहती हैं, एक शंकराचार्य ने कहा कि ममता कुलकर्णी दो अखाड़ों के बीच में फंस गई। लेकिन, मेरे गुरू स्वामी चैतन्य गगन गिरी महाराज हैं। जिनके सानिध्य में मैंने 25 साल तपस्या की है। उनकी बराबरी में मुझे कोई और नहीं दिखता। मेरे गुरू बहुत ऊंचे हैं। सब में अहंकार है। आपस में झगड़ रहे हैं। मुझे किसी कैलाश या हिमालय में जाने की कोई जरूरत नहीं है। सब ब्रह्मांड मेरे सामने है।

महामंडलेश्वर जय अंबा गिरी ने मेरी तरफ से दो लाख दिए थे

ममता कुलकर्णी ने कहा, आज मेरे महामंडलेश्वर बनने से जिनको आपत्ति हुई है, चाहें वो हिमांगी हों या कोई और मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहूंगी। इन लोगों को ब्रह्म विद्या के बारे में कुछ भी नहीं पता है। मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि मैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का सम्मान करती हूं।

मैं हिमांगी उमांगी को नहीं जानती हूं। ये सब कौन हैं? जहां पैसे की लेन-देन की बात है, मुझसे दो लाख रुपए मांगे गए थे, लेकिन मैंने कमरे के अंदर महामंडलेश्वर और जगदगुरुओं के सामने कहा था कि मेरे पास दो लाख रुपए नहीं हैं। तब वहां पर बैठी हुईं महामंडलेश्वर जय अंबा गिरी ने अपनी जेब से दो लाख रुपए लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को दिए थे। इसके ऊपर चार करोड़ और तीन करोड़ देने वाली बाते हैं, लेकिन मैंने कुछ नहीं किया। मैंने 25 साल चंडी की आराधना की है। उसी ने मुझे संकेत दिया कि मुझे इन सबसे बाहर होना चाहिए।

ममता कुलकर्णी के पट्‌टाभिषेक की तस्वीरें…

ममता कुलकर्णी ने संगम तट पर गंगा में डुबकी लगाई।

ममता कुलकर्णी ने संगम तट पर गंगा में डुबकी लगाई।

आचार्य महामंडलेश्वर डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ ममता कुलकर्णी।

आचार्य महामंडलेश्वर डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ ममता कुलकर्णी।

महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया के दौरान ममता कुलकर्णी के बाल प्रतीकात्मक तौर पर काटे गए।

महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया के दौरान ममता कुलकर्णी के बाल प्रतीकात्मक तौर पर काटे गए।

ममता ने किन्नर अखाड़े में संकल्प लेकर अपना पिंडदान किया। उन्होंने अपने हाथों से पिंड बनाए।

ममता ने किन्नर अखाड़े में संकल्प लेकर अपना पिंडदान किया। उन्होंने अपने हाथों से पिंड बनाए।

किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी और ऋषि अजय दास ने किया था विरोध

ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी और खुद को किन्नर अखाड़े का संस्थापक होने का दावा करने वाले ऋषि अजय दास ने विरोध किया था। अजय दास ने दावा किया था- मैंने लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। ममता को महामंडलेश्वर बनाने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जिस पर (ममता पर) देशद्रोह का आरोप हो। उसे महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है?

दास ने ये भी कहा कि ये कोई बिग बॉस का शो नहीं है, जिसको कुंभ के दौरान एक महीने चला दिया जाए। लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को मैंने किन्नर समाज के उत्थान और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए आचार्य महामंडलेश्वर बनाया था, लेकिन वह भटक गईं। ऐसे में मुझे एक्शन लेना पड़ा।


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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