प्रयागराज: महाकुंभ का पहला अमृत (शाही) स्नान करीब 12 घंटे बाद खत्म हो गया। जूना अखाड़ा समेत सभी 13 अखाड़ों के संत स्नान कर चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 3.5 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से लगातार फूल बरसाए जा रहे हैं।
वहीं, स्नान के बाद लोगों ने प्रयागराज से लौटना शुरू कर दिया है। इससे रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भारी भीड़ हो गई है। प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर पैर रखने की जगह नहीं है। लोगों को हॉल में रोक लिया जा रहा है। आने वाली ट्रेन के हिसाब से ही प्लेटफार्म पर भेजा जा रहा है।
वहीं, सुबह सुबह 6 बजे अमृत स्नान का अद्भुत दृश्य था। हाथों में तलवार-त्रिशूल और डमरू लिए संन्यासी हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए घाटों पर पहुंचे। महाकुंभ में पहली बार शाही स्नान की जगह अमृत स्नान शब्द का इस्तेमाल किया गया। अखाड़ों ने नाम बदलने का प्रस्ताव दिया था।
2 और बड़ी बातें
- भीड़ को देखते हुए आज लेटे हुए हनुमान मंदिर को बंद कर किया गया।
- यति नरसिंहानंद के कैंप के बाहर से अयूब नाम के संदिग्ध युवक को पकड़ा। वह आयुष नाम बताकर अंदर पहुंचा था।
पहले तस्वीरें देखिए
अखाड़ों में शामिल महिला संन्यासिनियों ने भी अमृत स्नान में भाग लिया। सबसे ज्यादा जूना अखाड़े में महिला नागा साधु हैं।
मंगलवार सुबह संगम पर इतने श्रद्धालु पहुंच गए कि पैर रखने की जगह नहीं थी।
पंचायती, अटल, निरंजनी और आनंद अखाड़े के नागा साधु और संत एक साथ स्नान किया। स्नान के बाद नागा संन्यासी ने फरसा लहराया।
संगम घाट अखाड़ों के लिए रिजर्व रखा गया है। स्नान के लिए पहुंचे नागा साधुओं ने पानी में करतब दिखाए।
(Bureau Chief, Korba)